भारत 2013-14 के 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना

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                                                               वर्ष 2014-19 के दौरान उपलब्धियां

 

भारत: एक मजबूत अर्थव्यवस्था

भारत ने पिछले पांच वर्षों के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर सार्वभौमिक पहचान बनाई।

वर्ष 2014-19 के दौरान देश बृहत-आर्थिक स्थिरता के अपने सर्वश्रेष्ठ दौर का साक्षी बना।

2013-14 के 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।

मुद्रास्फीति न्यूनतम स्तर पर

सरकार ने 2009-14 के दौरान की उच्च मुद्रास्फीति को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया।

किसी भी अन्य सरकार की तुलना में औसत मुद्रा स्फीति घटकर 4.6 प्रतिशत पर पहुंची।

दिसंबर 2018 में मुद्रा स्फीति सिर्फ 2.19 प्रतिशत पर पहुंची।

7 वर्ष पूर्व करीब 6 प्रतिशत की उच्च दर से 2018-19 में वित्तीय घाटा घटकर 4.6 प्रतिशत तक पहुंचा।

सीएडी के 6 वर्ष पहले की उच्च 5.6 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष सकल घरेलू उत्पाद के मात्र 2.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।

पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत ने 239 बिलियन डॉलर के व्यापक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया।

भारत ने विकास और समृद्धि के पथ पर दृढ़ता पूर्वक वापसी की।

भारत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से उभरने वाली अर्थव्यवस्था बना।

वित्तीय संतुलन बहाल किया गया।

स्वचालित माध्यम से सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को स्वीकृति देते हुए एफडीआई नीति में उदारीकरण किया गया।

कृषक

सभी 22 फसलों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत एमएसपी सुनिश्चित किया गया।

पिछले पांच वर्षों में ब्याज छूट को दोगुना किया गया।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड नीम कोटिड यूरिया कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व साबित हुआ।

श्रमिक

रोजगार अवसरों का विस्तार किया गया, ईपीएफओ सदस्यता 2 करोड़ तक बढ़ी।

पिछले पांच वर्षों में प्रत्येक श्रेणी के श्रमिकों के लिए न्यूनतम आय 42 प्रतिशत तक बढ़ी।

गरीब और पिछड़ा वर्ग

शैक्षणिक संस्थाओं और नौकरियों में गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण।

सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को निःशुल्क बिजली कनेक्शन।

करीब 50 करोड़ लोगों के लिए विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम, ‘आयुष्मान भारत’।

115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में विकास के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम।

गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सस्ता खाद्यान हेतु 2018-19 के दौरान 1,70,000 करोड़ रुपये व्यय किये हैं।

गरीब और मध्यम वर्ग एलईडी बल्बों के कारण बिजली के बिलों में प्रतिवर्ष 50,000 करोड़ रुपये की बचत कर रही है।

आयुष्मान भारत के अंतर्गत निःशुल्क चिकित्सा से 10 लाख रोगी लाभांवित हुए।

जन औषधि केन्द्र गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते मूल्यों पर दवाईयां उपलब्ध करा रहे हैं।

वर्ष 2014 में घोषित 21 एम्स में से 14 वर्तमान में कार्य कर रहे हैं।

पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सरकार ने ग्रामीण सड़कों के निर्माण को तीन गुना किया।

2018-2019 के संशोधित अनुमानों में 15,500 करोड़ रुपये की तुलना में 2019-20 बजट अनुमानों में पीएमजीएसवाई के लिए 19,000 करोड़ रुपये।

2014-18 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1.53 करोड़ आवासों का निर्माण।

महिलाओं के विकास से लेकर महिलाओं के नेतृत्व में विकास

उज्ज्वला योजना के तहत 6 करोड़ मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए, अगले वर्ष तक कुल 8 करोड़ गैस कनेक्शन हो जाएंगे।

मुद्रा ऋण का 70 प्रतिशत भाग महिलाओं द्वारा प्राप्त किया गया।

मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता।

युवा

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।

मुद्रा, स्टैंडअप और स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से स्वरोजगार पर जोर।

सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम तथा व्यापारी

अधिकतम एक करोड़ रुपये तक के ऋण एक घंटे से भी कम समय में प्राप्त किये जा सकते हैं।

जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के कारण 25 प्रतिशत- 28 प्रतिशत की औसत बचत।

आयकर

5 वर्षों में कर वसूली लगभग दोगुना होकर 2013-14 की तुलना में 6.38 करोड़ रुपये से बढ़कर इस वर्ष लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हो गई।

कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 5 वर्षों में 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हो गया।

कर प्रशासन को सुसंगत बनाया गया – पिछले वर्ष 99.54 प्रतिशत आयकर रिटर्नों को उसी रूप में स्वीकार किया गया, जैसा दाखिल किया गया था।

आयकर दाताओं की सुविधा में सुधार के लिए प्रोद्योगिकी आधारित परियोजना को मंजूरी दी गई। अगले 2 वर्षों में, रिटर्नों की प्रक्रिया 24 घंटे में पूरी की जाएगी और धनवापसी की जाएगी।

मध्य वर्ग को मिलने वाले पूर्ववर्ती लाभ

आधारभूत रियायत सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई।

2.5 लाख रुपये 5 लाख रुपये वाले कर स्लैब के लिए कर की दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया था।

वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती 40,000 रुपये लागू की गई थी।

धारा 80सी के तहत बचतों की कटौती एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गयी।

खुद रहने में इस्तेमाल होने वाले घर के लिए ब्याज की कटौती को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।

छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप कारोबारों के लिए विशेष लाभ और प्रोत्साहन दिए गए।

सारी प्रक्रिया आसान बनाई गई।

कारोबार के करारोपण को एक करोड़ रुपये के कारोबार से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया गया।

छोटे व्यावसायियों के लिए पहली बार करारोपण के लाभ का विस्तार किया गया और इसके लिए 50 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई।

कम नगद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मुनाफा दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया।

लगभग 99 प्रतिशत कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत किया गया।

जीएसटी

जीएसटी ने भारत को एक साझा बाजार बनाया।

जीएसटी से कर आधार बढ़ा, अधिक वसूली हुई और व्यापार में आसानी हुई।

एक राज्य से दूसरे राज्य में अब आवाजाही में तेजी हुई और यह अधिक प्रभावकारी बनने के साथ-साथ बाधा मुक्त हुआ।

कर दरों की उत्तरदायी और संवेदनशील कटौतियां-दैनिक उपयोग की अधिकांश वस्तुएं अब 0 प्रतिशत या 5 प्रतिशत कर स्लेब के दायरे में आई।

व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को राहत

छोटे कारोबार के लिए जीएसटी से छूट को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख यानी दोगुना किया गया।

1.5 करोड़ रुपये तक के कुल व्यापार वाले छोटे व्यापारियों को अब केवल 1 प्रतिशत निर्धारित दर का भुगतान करना होगा और वे केवल एक ही वार्षिक रिटर्न दाखिल करेंगे।

50 लाख रुपये तक के कुल व्यापार वाले छोटे सेवा प्रदाता कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनकर 18 प्रतिशत से 6 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं।

जल्दी से 90 प्रतिशत से अधिक जीएसटी प्रदाता को शामिल करके कारोबार को त्रिमासिक रिटर्न दाखिल करने की अनुमति होगी।

जीएसटी राजस्व प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करना- चालू वर्ष के दौरान औसत मासिक कर संग्रह 97,100 करोड़ रुपये प्रति माह है, जबकि प्रथम वर्ष में यह राशि 89,700 करोड़ रुपये प्रति माह थी।

बुनियादी ढांचा

नागर विमानन – उड़ान योजना

संचालित हवाई अड्डों की संख्या 100 से अधिक हुई

नवीनतम – सिक्किम का पेकयोंग हवाई अड्डा

घरेलू यात्री यातायात पिछले 5 वर्षों के दौरान दोगुना हुआ

सड़कें

भारत दुनिया में सबसे तेज राजमार्ग बनाने वाला देश है
रोजाना 27 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है

रुकी परियोजनाएं पूरी हुई– दिल्ली के चारों और इस्टर्न पैरिफेरल हाईवे

असम और अरूणाचल प्रदेश में बोगीबील रेल एवं सड़क पुल

जल मार्ग

तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ सागरमाला का फ्लैगशिप कार्यक्रम

पहली बार कोलकाता और वाराणसी अंतर्देशीय जल मार्गो पर कंटेनर आवाजाही शुरू हुई

रेल

ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित लेवल क्रासिंग समाप्त किए गए

सेमी हाई स्पीड रेल वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की गई –पहली स्वदेवी विकसित और निर्मित ट्रेन

जलवायु परिवर्तन

अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना

पहला संधि आधारित अंतर्राष्ट्रीय अंतर सरकारी संगठन जिसका मुख्यालय भारत में है

सौर विद्युत उत्पादन क्षमता स्थापित हुई, जिसमें पिछले 5 वर्षों के दौरान 10 गुनी बढ़ोतरी हुई

अब यह लाखों नए युग के रोजगार सृजित कर रहा है

डिजिटल इंडिया क्रांति

नागरिकों को सेवा सुविधा प्रदान करने के लिए 3 लाख से ज्यादा जन सुविधा केन्द्र (सीएससी)

मोबाइल डेटा उपयोग में भारत विश्व के अग्रणी देशों में

पिछले पांच वर्षों के दौरान मोबाइल डेटा के उपयोग में 50 गुनी वृद्धि

मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मोबाइल और इसके कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों की संख्या 2 से बढ़कर 268 हुई, बढ़ी संख्या से रोजगार के

अवसरों का सृजन

जन धन-आधार-मोबाइल (जेएम) और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण

पिछले 5 वर्षों के दौरान लगभग 34 करोड़ जन धन खाते खोले गए

आधार सार्वभौमिक रूप से लागू

गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक खातों में बिचौलियों की भूमिका समाप्त

सीमा शुल्क और विदेश व्यापार

36 पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क समाप्त किया गया

आयात और निर्यात के लेन-देन का डिजिटलीकरण

लॉजिस्टिक को बेहतर बनाने के लिए आरएफआईडी तकनीक

भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम

सरकार ने भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने का प्रयास किया, पारदर्शी के एक नये युग की शुरूआत

रेरा और बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम से रियल स्टेट में पारदर्शिता

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 से आर्थिक अपराधियों की सम्पत्ति को जब्त करने में सहायता मिली

कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों तथा स्पैक्ट्रम की पारदर्शी नीलामी

काले धन के खिलाफ मुहिम

काला धन कानून, भगोड़ा आर्थिक अपराधी, विमुद्रीकरण आदि के माध्यम से 1,30,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय टैक्स दायरे में लाई गई

6,900 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को जब्त किया गया

प्रत्यक्ष कर में 18 प्रतिशत की वृद्धि

बैंकिंग सुधार और शोधन अक्षमता व दिवालियापन संहिता (आईबीसी)

आईबीसी ने समाधान अनुकूल व्यवस्था को संस्थागत रूप दिया

सरकार ने फोन बैंकिंग की संस्कृति को बंद किया
सरकार ने 4 रुपये की व्यवस्था को अपनाया – पहचान (Recognition), समाधान (Resolution), पुन: पूंजी प्रदान करना (Re-capitalization) और (Reforms)

क्लीन बैंकिंग के लिए सरकार ने कई उपायों को लागू किया

बैंकों के हित में सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये की ऋण वसूली की

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए सरकार ने 2.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया

स्वच्छता

गांधीजी की 150वीं जयंती की श्रद्धांजलि के रूप में सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

वित्त मंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन को एक राष्ट्रीय क्रांति बनाने के लिए 130 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद दिया।

भारत ने 98 प्रतिशत ग्रामीण स्वच्छता कवरेज हासिल किया

5.45 लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया

रक्षा

ओआरओपी को सही अर्थों में लागू किया जा रहा है, 35,000 करोड़ रुपये पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।

मिल्ट्री सर्विस पे में वृद्धि हुई।

अन्य उपलब्धियां

सरकार ने भारी-भरकम एनपीए को छिपाने के सवालिया निशान वाले तौर-तरीकों पर विराम लगा दिया है।

स्वच्छ भारत मिशन- लोगों के नजरिये में परिवर्तन लाने वाला विश्व का सबसे बड़ा अभियान