भारत ने अपनी 85 प्रतिशत पात्र आबादी का कोविड-19 टीकाकरण पूर्ण किया

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भारत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे तेज और मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चला रहा है। इस दौरान हमारे स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासन और अन्य हितधारकों ने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया लेकिन इसके बावजूद हमने इस टीकाकरण अभियान के दौरान कई मील के पत्थर हासिल किये हैं और कुछ सबसे कठिन इलाकों और भौगोलिक क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को चलाया। इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप अब तक देश की 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। ऐसे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र की पात्र 85 प्रतिशत आबादी को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

इन प्रयासों और हमारी इच्छाशक्ति के कारण देश में कोविड-19 वैक्सीन खुराकों की संचयी संख्या 7 मई को 190 करोड़ को पार कर गई है। अब तक, 12-14 वर्ष की आयु के 3.01 करोड़ (3,01,97,120) से अधिक बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को 2.63 बिलियन से अधिक एहतियाती खुराक दी गई है।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2017 को शुरू हुआ था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों का सबसे पहले टीकाकरण किया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों का टीकाकरण पिछले साल 2 फरवरी से शुरू हुआ था।

कोविड-19 टीकाकरण अभियान का अगला चरण पिछले साल 1 मार्च को आरंभ हुआ जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले ऐसे व्यक्तियों का टीकाकरण हुआ जो किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे। पिछले साल 1 अप्रैल से भारत ने 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया।

पिछले साल 1 मई से सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति का टीकाकरण करने की अनुमति देकर इस टीकाकरण अभियान को व्यापक बनाने का निर्णय लिया।

टीकाकरण का अगला चरण 3 जनवरी से आरंभ हुआ, जिसमें 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों का टीकाकरण किया गया।

भारत ने 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को एहतियाती खुराक देना शुरू किया। देश ने 16 मार्च से 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया और 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को एहतियाती खुराक देने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 स्थिति और टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि हमें अभी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि महामारी से संबंधित चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं।

उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता सभी पात्र बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में भी विशेष अभियान चलाने की जरूरत होगी। शिक्षकों और अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी होना चाहिए।” इस बीमारी के खिलाफ सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए देश के सभी वयस्कों के लिए एहतियाती खुराक उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि शिक्षक, माता-पिता और अन्य पात्र लोग एहतियाती खुराक ले सकते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश में 96 फीसदी वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल गई है, जबकि 15 साल से अधिक उम्र की 85 फीसदी योग्य आबादी को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत के सफल कोविड-19 प्रबंधन और टीकाकरण अभियान का अध्ययन दुनिया भर के विशेषज्ञ कर रहे हैं और भारत ने दुनिया को एक व्यापक स्वास्थ्य मॉडल प्रदान किया है।

“भारत 1.3 बिलियन लोगों की आबादी और विविध संस्कृति वाला एक बड़ा देश है।” ऐसे में 97.5 फीसदी जनता को वैक्सीन की पहली खुराक देना भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और भारत के इस मॉडल को सारी दुनिया देख रही है। आज भारत को किसी वैश्विक मॉडल को अपनाने की अवश्यकता नहीं है। बल्कि आज भारत ने भी दुनिया के सामने अपना मॉडल पेश किया है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। आज, दुनिया भर के विशेषज्ञ देश के कोविड-19 प्रबंधन और टीकाकरण अभियान का अध्ययन करने के लिए भारत आ रहे हैं और हमें आने वाले दिनों में इसको लेकर और अधिक प्रयास जारी रखने है।