‘भारत ने वर्ष 2070 तक ‘नेट ज़ीरो’ अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है’

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जी-20 पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की बैठक, चेन्नई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जुलाई को वीडियो संदेश के माध्यम से चेन्नई में आयोजित जी-20 पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि धरती माता की रक्षा और देखभाल करना हमारी मौलिक जिम्मेदारी है और आज इसने ‘जलवायु कार्रवाई’ का रूप ले लिया है क्योंकि बहुत लंबे समय से कई लोगों द्वारा इस कर्तव्य को नजरअंदाज किया गया हैं।

भारत के पारंपरिक ज्ञान के आधार पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु कार्रवाई को ‘अंत्योदय’ का अनुपालन करना चाहिए जिसका अर्थ है समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान और विकास सुनिश्चित करना। यह देखते हुए कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय मुद्दों से बहुत प्रभावित हैं, श्री मोदी ने ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन’ और ‘पेरिस समझौते’ के तहत प्रतिबद्धताओं पर अधिक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि ऐसा करना ग्लोबल साउथ की जलवायु-अनुकूल तरीके से विकासात्मक आकांक्षाओं को पूरा करने मे सहायता करने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।

प्रधानमंत्री ने यह जानकारी देते हुए गर्व अनुभव किया कि भारत अपने महत्वाकांक्षी ‘राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान’ के माध्यम से आगे बढ़ा है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित विद्युत क्षमता को वर्ष 2030 के लिए निर्धारित लक्ष्य से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है और अब अद्यतन लक्ष्यों के माध्यम से इसने अधिक ऊंचे मानक निर्धारित किए हैं।

श्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के रूप में आज भारत विश्व के शीर्ष 5 देशों में से एक है और बताया कि देश ने वर्ष 2070 तक ‘नेट जीरो’ हासिल करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने इस बारे मे आशा व्यक्त की, क्योंकि भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, सीडीआरआई और ‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन’ सहित गठबंधनों के माध्यम से लगातार सहयोग कर रहा है।