भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में 7वें स्थान से छलांग लगाकर अब तीसरे स्थान पर

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केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 18 दिसंबर को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में 7वें स्थान से छलांग लगाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन के विज्ञान और इंजीनियरिंग संकेतक 2022 की रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 में 7वें स्थान से सुधरकर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के विद्वानों का कार्य 2010 में 60,555 शोध प्रपत्रों (पेपर्स) से बढ़कर 2020 में 1,49,213 शोध प्रपत्र (पेपर) हो गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर गर्व किया कि भारत अब विज्ञान और इंजीनियरिंग में शोध (पीएचडी) की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। उन्हें इस तथ्य से भी अवगत कराया गया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत पेटेंट कार्यालय (आईपीओ) में भारतीय वैज्ञानिकों को दिए गए पेटेंट की संख्या भी 2018-19 के 2511 से बढ़कर 2019-20 में 4003 और 2020-21 में 5629 हो गई है। उल्लेखनीय है कि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा लाए गए वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स – जीआईआई) 2022 के अनुसार भारत की जीआईआई श्रेणी में भी 2014 के 81वें स्थान से 2022 में 40वें स्थान पर पहुंचने का महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।