भारतीय सेना आज दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है : नरेन्द्र मोदी

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राष्ट्रीय युद्ध स्मारक राष्ट्र को समर्पित करने से पहले भूतपूर्व सैनिकों की विशाल रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह लाखों सैनिकों के पराक्रम और समर्पण का परिणाम है कि भारतीय सेना को आज दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक माना जाता है। प्रधानमंत्री ने 25 फरवरी को कहा कि दुश्मनों के खिलाफ और प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने के लिए हमारे जांबाज सैनिक अग्रिम रक्षा पंक्ति में रहते हैं।

प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि केन्द्र सरकार ने सैनिकों और पूर्व सैनिकों को ‘वन रैंक, वन पेंशन’ उपलब्ध कराने का अपना संकल्प पूरा किया है। उन्होंने कहा कि ओआरओपी के परिणास्वरूप पेंशन में 40 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ और 2014 की तुलना में सैन्य कर्मियों के वेतन में 55 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।

श्री मोदी ने कहा कि भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र के 70 प्रमुख शांति मिशनों में से लगभग 50 मिशनों में भागीदारी की है। लगभग 2 लाख सैनिक इन कार्रवाइयों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नौ सेना द्वारा 2016 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जहाजी बेड़ा समीक्षा में 50 देशों की नौ सेना ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बल प्रत्येक वर्ष मित्र देशों की सेनाओं के साथ औसत रूप से 10 बड़े संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हिंद महासागर में पायरेसी में भारी कमी काफी, हद तक भारतीय सैन्य शक्ति और हमारी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के कारण आई है।
प्रधानमंत्री ने 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट की भारतीय सेना की पुरानी मांग की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने साढ़े चार वर्षों में 2.30 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीदारी की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय सेना को आधुनिक विमान, हेलिकॉप्टरों, सबमेरिन, जहाजों तथा हथियार भंडार से लैस कर रही है। उन्होंने कहा कि काफी समय से लंबित निर्णय राष्ट्रीय हित में लिए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के अतिरिक्त राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की भी स्थापना की गई है। केंद्र सरकार ने सरदार पटेल, बाबा साहब अम्बेडकर तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित महान राष्ट्रीय नेताओं को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय हित को सर्वोच्च रखते हुए निर्णय लेना जारी रखेगी।