महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर जांच समिति ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी

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श्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचारों की जांच के लिए गठित भाजपा की महिला सांसदों की पांच सदस्यीय जांच समिति ने 20 जुलाई, 2023 को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

एक ट्विटर संदेश में श्री नड्डा ने कहा, “पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं पर हुई हिंसा और अत्याचारों की जांच के लिए गठित भाजपा जांच टीम की रिपोर्ट प्राप्त हुई।”

श्री नड्डा ने एक छवि के साथ संदेश पोस्ट किया जिसमें पैनल की संयोजक सुश्री सरोज पांडे को सदस्यों के साथ उन्हें रिपोर्ट सौंपते हुए देखा जा सकता है।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल में अराजकता की पूरी स्थिति और राजनीतिक विरोधियों के प्रति राज्य सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है।” श्री नड्डा ने कहा कि भाजपा लोगों पर इस अत्याचार को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने 17 जुलाई, 2023 को पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा के दौरान राज्य में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचारों पर एक रिपोर्ट सौंपने के लिए पार्टी की महिला सांसदों की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति में सांसदों में सुश्री सरोज पांडे, श्रीमती रमा देवी, श्रीमती अपराजिता सारंगी, सुश्री कविता पाटीदार और श्रीमती संध्या राय शामिल हैं। समिति ने पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री सुवेंदु अधिकारी ने भी हिंसा के शिकार भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए हावड़ा जिले के बारुईपुर और दक्षिण 24 परगना जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों का दौरा किया।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कई जिलों में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान भीषण हिंसा हुई थी, जिसमें राज्य में अनेक लोगों की मौत हो गई थी।

यह रिपोर्ट पश्चिम बंगाल में अराजकता की पूरी स्थिति और राजनीतिक विरोधियों के प्रति राज्य सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है। भाजपा लोगों पर इस अत्याचार को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
– जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष

बंगाल में कुछ दिन पहले हुए पंचायत चुनाव में जो हिंसा हुई वह आप सबको पता है। ये हिंसा पश्चिम बंगाल की राजनीति के साथ बहुत वर्षों से जुड़ी हुई है, लेफ्ट के शासनकाल में भी वहां हिंसा होती थी। 2011 में ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों को अपनी सरकार आने के बाद आश्वासन दिया था कि ये हिंसा बंद होगी, लेकिन परिवर्तन कुछ नहीं हुआ बल्कि ममता जी की सरकार में हिंसा और ज्यादा बढ़ गई है।
– सुकांत मजूमदार, अध्यक्ष, भाजपा, पं. बंगाल