जयमंगल सिंह : किसानों और मजदूरों के हितों के लिए लड़े

| Published on:

स्वर्गीय श्री जयमंगल सिंह वर्ष 1961 में जनसंघ के सदस्य बने और तभी से निरंतर संगठन से जुड़े रहे। 1971 में उन्होंने जनसंघ के टिकट पर पीरो विधानसभा से चुनाव लड़ा। 1974 में उन्होंने अपने साथियों के साथ आरा कलेेक्टर कार्यालय के सामने सत्याग्रह किया, इस कारण श्री सिंह और उनके 98 साथियों को जेल जाना पड़ा। 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा के बाद श्री सिंह को मीसा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और आरा जेल भेज दिया गया। भाजपा के गठन के बाद वह प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बने और बाद में उन्हें शाहाबाद के संगठन प्रभारी का दायित्व भी दिया गया।

श्रीराम जन्मभूमि कारसेवा के दौरान वह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जेल में बंद थे। 1994 में कश्मीर जाते समय उन्हें कानपुर रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। 1995 में जब नक्सलियों के खिलाफ मुखर विरोध प्रदर्शन हुए, तो विभिन्न स्थानों पर आयोजित सभा का नेतृत्व श्री सिंह ने किया। वह हमेशा किसानों और मजदूरों के हितों के लिए लड़ते रहे। 24 मार्च, 1998 को नक्सलियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।