प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कश्मीरी किसान का विशेष उपहार

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मोदी  स्टोरी

श्मीर के अनंतनाग के एक खेत मजदूर इरशाद हुसैन नाइकू को वर्ष 2013 से श्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की इच्छा थी। श्री मोदी के प्रति उनका प्यार इतना था कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद भी उन्होंने श्री मोदी के लिए उपहार खरीदने के लिए पैसे इकट्ठा करना शुरू कर दिया।

कुछ वर्षों के बाद इरशाद ने अपने एकत्रित पैसे से प्रधानमंत्री श्री मोदी के लिए एक ‘फेरन’ (कश्मीर की एक पारंपरिक पोशाक) सिलवाने के बारे में सोचा। वह बाजार गया और ‘फेरन’ के लिए अपनी पसंद का कपड़ा चुना।

बाद में, वह सोच रहे थे कि ‘फेरन’ सिलवाने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का माप कैसे लिया जाए। एक सुबह इरशाद को एहसास हुआ कि उनके पिता की शारीरिक बनावट प्रधानमंत्री श्री मोदी जैसी ही है और इसलिए उनकी माप प्रधानमंत्री श्री मोदी के माप के लिए फिट हो सकती है।

इरशाद अपने पिता के साथ एक दर्जी की दुकान पर गए और अपने पसंदीदा व्यक्ति के लिए ‘फेरन’ सिलवाया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी से व्यक्तिगत रूप से मिलने और उन्हें अपना उपहार सौंपने के लिए दिल्ली आने का निर्णय लिया। दिल्ली आने के बाद इरशाद ने काफी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा कारणों से दिल्ली में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री श्री मोदी से न हो सकी।

इसके बाद इरशाद कश्मीर वापस लौट गये और कूरियर से ‘फेरन’ भेजने का फैसला लिया। उन्होंने ‘फेरन’ के साथ एक पत्र और अपना नाम, पता और टेलीफोन नंबर भी भेजा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल उनका उपहार स्वीकार किया, बल्कि अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान उस ‘फ़ेरन’ को धारण भी किया। यहां तक कि उन्हें पीएमओ से एक फोन भी आया, जिसमें बताया गया कि प्रधानमंत्री कश्मीर में हैं और आपका भेजा ‘फेरन’ पहनकर श्रीनगर में भाषण दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह व्यवहार इरशाद के लिए एक भावनात्मक क्षण था। इस घटना को बताते हुए वह भावुक हो गए और कहा कि वह अपने कश्मीर की प्रगति चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी से यह भी अनुरोध किया कि जिस प्रकार उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात का विकास किया था, उसी प्रकार कश्मीर का भी विकास करें।