गत 30 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (स्कीम) के तहत लाभ जारी किए। इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों में केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, मंत्रिमंडल के कई अन्य सदस्य और मुख्यमंत्री शामिल थे।
उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने उन बच्चों के जीवन में आ रही कठिनाइयों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया। “हर दिन का संघर्ष और हर दिन की चुनौतियां। आज जो बच्चे हमारे साथ हैं और जिनके लिए यह कार्यक्रम हो रहा है, उनके दर्द को शब्दों में बयान करना मुश्किल है।” उन्होंने बच्चों से कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य के तौर पर बोल रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि इन परिस्थितियों में ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलों को कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अगर किसी को व्यावसायिक पाठ्यक्रम (प्रोफेशनल कोर्स) या उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक ऋण (एजुकेशन लोन) की जरूरत है तो उसमें भी पीएम केयर्स मदद करेगा। अन्य दैनिक जरूरतों के लिए भी अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए हर माह 4 हजार रुपये की व्यवस्था की गई है। 23 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये के अलावा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक मदद के लिए बच्चों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा और संवाद हेल्पलाइन के माध्यम से भावनात्मक परामर्श भी दिया जाएगा।
‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलों को कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है
श्री मोदी ने महामारी के सबसे दर्दनाक प्रभाव का इतनी बहादुरी से सामना करने के लिए बच्चों को सलाम किया और कहा कि माता-पिता के प्यार की भरपाई कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में मां भारती आप सभी बच्चों के साथ हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के जरिए देश अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहा है। श्री मोदी ने महामारी के दौरान मानवीय करुणा के उन उदाहरणों को याद किया, जब विशेष रूप से लोगों ने प्रभावित लोगों के कल्याण में किस प्रकार अपना योगदान दिया था।
उन्होंने कहा कि इस कोष ने कोरोना काल में अस्पतालों को तैयार करने, वेंटिलेटर खरीदने और ऑक्सीजन प्लांट लगाने में भी काफी मदद की। इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी और कई परिवारों का भविष्य बचाया जा सका।
श्री मोदी ने कहा कि निराशा के अंधकारमय वातावरण में भी यदि हम स्वयं पर विश्वास करें तो प्रकाश की एक किरण अवश्य दिखाई देती है। उन्होंने हमारे अपने देश को ही इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया।
श्री मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि वे निराशा को हार में न बदलने दें। उन्होंने उनसे अपने बड़ों और अपने शिक्षकों की सुनने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कठिन समय में अच्छी किताबें ही उनकी विश्वसनीय दोस्त बन सकती हैं। श्री मोदी ने बच्चों से रोग मुक्त रहने के लिए खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट में शामिल होकर नेतृत्व करने के लिए भी कहा। उन्होंने उनसे उन्हें योग दिवस में भी भाग लेने के लिए कहा।