मेरी माटी–मेरा देश

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शिवप्रकाश

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार द्वारा देश के शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को अमर बनाने एवं देश के सामान्य नागरिकों में बलिदानी वीर-वीरांगनाओं के प्रति श्रद्धा एवं कृतज्ञता का भाव जागृत करने के लिए अभिनव अभियान ‘मेरी माटी मेरा देश’ लिया है, इसके लिए भारत सरकार का धन्यवाद| मिट्टी के नमन वीरों का वंदन उद्घोष के साथ यह अभियान समाज में देशभक्ति का भाव एवं दुनिया में भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प जागृत करेगा।

देश अपनी स्वतंत्रता का 75 वर्ष का पर्व मना चुका है। देश 25 वर्ष के पश्चात् अपनी आजादी के 100 वर्ष पूर्ण करेगा। यह 25 वर्ष की कालावधि अमृत काल के रूप में संबोधित की जा रही है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सम्मुख अमृतकाल की पूर्णता तक महत्वाकांक्षी लक्ष्य विकसित भारत का रखा है। आर्थिक दृष्टि से हम दुनिया में सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो इसलिए हमारा सैन्य सामर्थ्य दुनिया के अग्रणी देशों के समान हो, आपसी मतभेद भुलाकर समाज में परस्पर सद्भाव एवं भाईचारा विकसित हो, महिलाओं का सम्मान, गरीब, पिछड़े जनजाति, अनुसूचित जाति, शहरी, ग्रामीण सभी देश के उत्थान में समान रूप से सक्रिय हों, देश अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करें, ऐसा भारत का निर्माण करना प्रत्येक भारतवासी का संकल्प बने। सम्पूर्ण देश इस संकल्प के साथ खड़ा हो, इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पंचप्रण की शपथ लेने का आह्वाहन किया है|

गांव से सभी कलश विकास खंड पर आएंगे। विकासखंड के उपरांत प्रदेशों की राजधानी तदोपरांत 29-30 अक्टूबर को दिल्ली में सामूहिक कार्यक्रम एवं अमृत वाटिका का निर्माण होकर कार्यक्रम की पूर्णता होगी।

‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान चरणबद्ध संपन्न होगा। प्रत्येक घर के आंगन से मिट्टी का संकलन कर प्रत्येक गांव का एक कलश पूर्ण होगा। जिन घरों में मिट्टी की उपलब्धता नहीं है वे परिवार रोली-अक्षत के माध्यम से अपनी श्रद्धा प्रकट कर सकेंगे। गांव में एकत्रित होकर सामूहिक कार्यक्रम, विद्यालय में स्वतंत्रता सेनानियों का फलक लगाना, पंच प्रण की शपथ एवं 75 वृक्षों का रोपण कर अमृत वाटिका तैयार करना है। गांव से सभी कलश विकास खंड पर आएंगे। विकासखंड के उपरांत प्रदेशों की राजधानी तदोपरांत 29-30 अक्टूबर को दिल्ली में सामूहिक कार्यक्रम एवं अमृत वाटिका का निर्माण होकर कार्यक्रम की पूर्णता होगी। युवा, खेल, संस्कृति, शिक्षा एवं पर्यावरण मंत्रालय मिलकर कार्यक्रम को संपन्न करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के असंख्य कार्यकर्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी के नेतृत्व में कार्यक्रम की सफलता के लिए सहभागी होंगे। प्रधानमंत्रीजी के मार्गदर्शन में अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं अपनी सहभागिता के माध्यम से देश भर में देशभक्ति का वातावरण निर्माण करने में सहायक होंगी।

देश की आजादी के आंदोलन के साथ जनसामान्य को जोड़ने के लिए हमारे महापुरुषों के नेतृत्व में अनेक आंदोलन हुए। 1905 में बंग-भंग को समाप्त करने के लिए रक्षाबंधन को सामूहिक मनाना इसी प्रकार का आन्दोलन था। महात्मा गांधी जी के द्वारा आयोजित जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो, चरखा एवं स्वदेशी जैसे आन्दोलनों ने समाज को आजादी के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिनके कारण भारत का बच्चा-बच्चा देश की आजादी प्राप्त करने के लिए प्राण-पण से तैयार हो गया। स्वतंत्रता प्राप्ति देश के नागरिकों का लक्ष्य बन गया। दुर्भाग्यवश स्वतंत्रता के बाद हमारे देश के नेतृत्व ने भावी पीढ़ी के सम्मुख भविष्य के लिए कोई लक्ष्य नहीं रखने के कारण हम दिशाहीन हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का वैशिष्ट्य है कि उन्होंने देश को एक विकसित भारत का लक्ष्य दिया। लक्ष्य पूर्ति के साधन के लिए तिरंगा यात्रा एवं ‘मेरी माटी मेरा देश’ जैसे कार्यक्रम दिए, जिसके कारण संपूर्ण देश लक्ष्य प्राप्ति के लिए सक्रिय हो गया। जिसका परिणाम आर्थिक, शैक्षिक, विज्ञान एवं खेल सहित सभी क्षेत्रों में दिखाई दे रहा है।

140 करोड़ भारतवासियों को जोड़ने वाली यही हमारी भारत मां है, जिएंगे इसी के लिए एवं मरेंगे भी इसी के लिए, यही भाव देश के नागरिकों में यह अभियान जगायेगा

कोई भी देश अपनी संस्कृति अपने महापुरुषों, अपने देश के प्रति बलिदानी अमर सेनानियों से प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़ता है। हमारे देश की इस पवित्र मिट्टी में उन बलिदानियों के बलिदानी जीवन की सुगंध आती है। इसका कण-कण पवित्र है। इस देश को वैभव प्रदान करने वाले महापुरुष इसी में खेल कर बड़े हुए हैं। हमारे शरीर के अन्दर का रक्त एवं मांस-मांसपेशियां इसी के पवित्र अन्न से बनी है। हम को प्राण वायु इसी से प्राप्त होती है। यही हमारा पालन-पोषण करती है। इसलिए तो कवि ने सुजलां-सुफलां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी कहकर इसकी वंदना की है। अखाड़े का पहलवान इसकी मिट्टी से अपने को पवित्र करता है। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इसका कण-कण शंकर बताया है। 140 करोड़ भारतवासियों को जोड़ने वाली यही हमारी भारत मां है, जिएंगे इसी के लिए एवं मरेंगे भी इसी के लिए, यही भाव देश के नागरिकों में यह अभियान जगायेगा। आइए, हम सभी इस अभियान में सहभागी होकर भारत को विकसित भारत बनाने का संकल्प लें।

[लेखक भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) हैं]