युवाओं को दिशा देतीं मोदी सरकार की क्रांतिकारी योजनाएं

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अरुण सिंह

मृतकाल के इस दौर में भारत को विकसित बनाने का दारोमदार युवाओं पर है। इसलिए 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार के केंद्र में आते ही युवा शक्ति पर विशेष रूप से फोकस किया गया था।
युवाओं के पूर्ण सामर्थ्य को निखारने और पहचान देने के साथ इसे देश के आर्थिक विकास व समृद्धि में उपयोग करने हेतु मोदी सरकार की कई योजनाएं देश में सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं एवं युवाओं को इसका पूर्ण लाभ मिल रहा है। आइये, इन योजनाओं और उसके लाभार्थियों की चर्चा करते हैं—

कौशल विकास योजना

पीएम कौशल विकास योजना दो तरह के प्रशिक्षणों (शार्ट-टर्म ट्रेनिंग एवं अपस्किलिंग) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है। जुलाई, 2015 में प्रारम्भ होने के बाद से अक्टूबर, 2023 तक 1.4 करोड़ से अधिक युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना युवाओं को उद्योग और नौकरी पर पेशेवर प्रशिक्षण/व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने में मदद करती है एवं इस योजना के माध्यम से 28 लाख से अधिक युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

समाज के कम शिक्षित वर्ग को त्वरित रूप से देश के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु जन शिक्षण संस्थान योजना के अंतर्गत गैर-साक्षरों, नव-साक्षरों और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 15-45 वर्ष के आयु वर्ग के 8वीं कक्षा, प्रारंभिक स्तर वाले और 12वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। वित्त वर्ष 2018-19 से 22.58 लाख से अधिक व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण से सशक्त बनाया गया है।

शिक्षण संस्थानों एवं कौशल विकास का मजबूत तंत्र

मोदी सरकार के कार्यकाल में हर साल एक नया IIT और IIM खोला गया, 10 वर्षों में प्रति सप्ताह एक विश्वविद्यालय स्थापित किया गया एवं हर दिन दो कॉलेज स्थापित किये गए। 16 नए IIIT खोलकर डिजिटल इंफ़्रा आधारित औद्योगिक क्रांति की दिशा में मजबूत कदम उठाया गया जो चौथी औद्योगिक क्रांति में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा। चिकित्सा क्षेत्र में 53% MBBS सीटों तथा 80% परास्नातक (चिकित्सा) सीटों में बढ़ोतरी करते हुए अधिक डॉक्टरों की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

CUET के द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में समान प्रवेश परीक्षा सुनिश्चित करते हुए मानकीकरण किया गया। सरकार के प्रयासों से उच्च शिक्षा में महिलाओं का प्रवेश 28% बढ़ा है। कौशल भारत मिशन के तहत देश भर में स्थित 34,468 PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों सहित), 309 जन शिक्षण संस्थानों, 15,016 आईटीआई और 42,453 NAPS प्रतिष्ठानों द्वारा कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर भारत को श्रम शक्ति के रूप में स्थापित कर दुनिया भर की रोजगार आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से स्वावलम्बन

स्वावलम्बन से युवाओं को शक्ति प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से छोटे कारोबारी और युवाओं को स्वरोजगार के लिए लोन प्रदान किया गया। कोई भी व्यक्ति जो स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का मुद्रा लोन प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 19 करोड़ युवाओं को कर्ज दिया जा चुका है। अब सरकार का लक्ष्य योजना का विस्तार करते हुए 30 करोड़ युवाओं तक पहुंचने का है। यानी कि 11 करोड़ नए युवाओं को इस योजना के तहत कर्ज दिया जाएगा। उद्यमियों के लिए बिना गारंटी 50 लाख रुपए तक के ऋण की योजना भी लाई जाएगी।

रोज़गार सृजन से विकसित भारत

2017 और 2022 के बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 4.69 करोड़ नए ग्राहकों का शामिल होना रोजगार सृजन का एक प्रत्यक्ष एवं उल्लेखनीय प्रमाण है। 15 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने में एमएसएमई क्षेत्र ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसमें 3.4 करोड़ महिलाएं हैं। खादी उद्योग ने भी काफी प्रभाव डाला है, 2014 से 2022 तक 1.75 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा की हैं, अकेले चालू वित्तीय वर्ष में 9.54 लाख नई नौकरियां पैदा करके एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है।

पीएम मुद्रा योजना ने 2015 और 2018 के बीच 1.12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजन किया। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में 2014 और 2019 के बीच लगभग 6.24 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ। पर्यटन क्षेत्र ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, 2017 से 2020 तक 1.9 करोड़ अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कीं। पीएमकेवीवाई ने 24.51 लाख से अधिक युवाओं की नियुक्ति की सुविधा प्रदान की, जबकि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के कारण 9.39 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी मिली।

स्टार्टअप इंडिया — स्टैंडअप इंडिया

मोदी सरकार की योजनाओं से भारत में इस समय 1.15 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जो 2014 में मात्र 350 थे। स्टार्टअप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसी सरकारी पहल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके परिणामस्वरूप 100 से अधिक यूनिकॉर्न भारत में पैदा हुए हैं। 52% स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। ये स्टार्टअप 10.34 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा करते हैं और ई-कॉमर्स, फिनटेक, एडटेक और स्वास्थ्य तकनीक जैसे क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देते हैं।

नवाचार को बढ़ावा

आज देश के स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स जैसे प्लेटफार्मों द्वारा प्रोत्साहित किए जाने पर, 56 विविध क्षेत्रों में नवाचार फल-फूल रहा है और देश में पेटेंट की संख्या में वृद्धि देखी गई है। भारत ने ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 40वां स्थान हासिल किया है, जो विशेष रूप से युवाओं के बीच नवाचार की बढ़ती भावना का प्रमाण है।

आत्मनिर्भर युवा से आत्मनिर्भर भारत

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना देश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम प्रकार के व्यवसाय शुरू करने वालों हेतु है। वे इस योजना के माध्यम से 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। इसके साथ ही इस योजना में लोन पर 25से 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी का भी प्रावधान है। मोदी सरकार ने कोविड से उपजे आर्थिक संकट से देश के युवाओं को निकालने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ की शुरुआत की है। 20 लाख करोड़ रुपए की इस योजना के तहत नौकरी से लेकर व्यवसाय तक के सभी क्षेत्रों को कवर करके लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया।

डिजिटल इंडिया मिशन

आरोग्य सेतु ऐप को 10 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। यह देश के डिजिटल आकांक्षाओं की एक बानगी है। इसी डिजिटल सामर्थ्य का प्रयोग करने हेतु सरकार द्वारा 2,74,246 किमी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, जो भारत नेट कार्यक्रम का हिस्सा है, ने 1.15 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को जोड़ा है। डिजिटल विश्व में भारत को आगे ले जाने हेतु मोदी सरकार द्वारा पीएम वाणी योजना लाया गया है।

वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) से देश भर में सार्वजनिक वाईफाई सेवा का बड़ा नेटवर्क का निर्माण किया जा रहा है जिससे लोगों में रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा। ई-स्किल योजना के द्वारा जिस कौशल विकास की संकल्पना साकार हो रही है उनमें गांव के युवा सहभाग कर वैश्विक जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास सुनिश्चित कर रही है।

ई-संजीवनी कार्यक्रम 9 लाख से अधिक ऑनलाइन स्वास्थ्य परामर्श पूरा कर चुका है।

कृषि को युवाओं से जोड़ने की कवायद

युवा उद्यमियों हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में एग्री स्टार्टअप शुरू करने हेतु कृषिवर्धक निधि की स्थापना कर युवाओं को कृषि सामर्थ्य के साथ जोड़कर भारत की कृषि से जुड़ी लगभग 50% आबादी के व्यावसायिक स्तर में सुधार करना तथा GDP में कृषि के योगदान को बढ़ाकर युवा किसानों को बल प्रदान करना। ई-नैम, राष्ट्रीय कृषि बाजार के रूप में एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कृषि वस्तुओं के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार स्थापित करने के लिए एपीएमसी और अन्य बाजार को जोड़ता है।

नई शिक्षा नीति से वैश्विक ज्ञान शक्ति बनेगा युवा

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही के स्तंभों पर आधारित है। इस नीति का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है जो सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके और भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में विकसित करके देश के परिवर्तन में सीधे योगदान दे। NEP-2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘सकल नामांकन अनुपात को 26.3% (वर्ष 2018) से बढ़ाकर 50% तक करने का लक्ष्य रखा गया है, इसके साथ ही देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटों को जोड़ा जाएगा। छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन के लिये मानक-निर्धारक निकाय के रूप में ‘परख’ (PARAKH) नामक एक नए ‘राष्ट्रीय आकलन केंद्र’ (National Assessment Centre) की स्थापना की जाएगी।

खेलो इंडिया से भारत विश्व की नई खेल शक्ति

2017-18 में खेलो इंडिया का प्रारम्भ किया गया था एवं इसका उद्देश्य संगठित प्रतिभा पहचान, मानक खेल प्रतियोगिताओं और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से जमीनी स्तर पर भारत की खेल संस्कृति में सुधार करना था।

जिला स्तर पर 1,000 से अधिक ‘खेलो इंडिया सेंटर’ शुरू हो चुके हैं। मोदी सरकार ने योग्य 23 लाख स्कूली छात्रों को खेल के क्षेत्र में आवश्यक अवसर प्रदान कर रही है। ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम’ के तहत खिलाड़ियों को प्रति माह 50,000 रुपये का भत्ता, गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, आवश्यक तकनीकी सुविधाएं, सामग्री और उपकरण दिए जाते हैं। सरकार ने ‘खेलो इंडिया’ के तहत प्रति एथलीट प्रति वर्ष 6.28 लाख रुपये का भुगतान करने का प्रावधान किया है।

मोदी सरकार हर संभावित क्षेत्र में युवाओं की प्रतिभा और क्षमता को निखारने का प्रयत्न कर रही है, जिससे कि युवा अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ ही अपने आर्थिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए देश के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकें।

                                            (लेखक भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री हैं)