विकास के प्रति विपक्ष की नकारात्मक सोच है : नरेंद्र मोदी

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विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को 12 घंटों की लंबी बहस चली जिसके बाद मोदी सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया। मतदान के बाद सदन में विपक्ष का लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव के लिए कुल 451 वोट डाले गए। जिसमें से इस प्रस्ताव के पक्ष में सिर्फ 126 वोट पड़े जबकि विरोध में 325 वोट। इससे पहले, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिन भर हुई बहस के बाद सदन में अपना पक्ष रखा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष के तमाम आरोपों का एक-एक कर जवाब दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन का अंत विपक्ष को 2024 में उनकी सरकार के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का न्योता देते हुए किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 20 जुलाई को लोकसभा में विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले चार साल में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद ‘‘अहंकार” के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और ‘‘यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है।”

उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं। श्री मोदी ने कहा कि इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है।

उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। ‘‘अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया।” श्री मोदी ने कहा कि विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, लेकिन बैंक के दरवाजें गरीबों के लिए नहीं खुले। जब उनकी सरकारें थी, इतने साल बैठे थे, वे भी गरीबों के लिए बैंक के दरवाजें खोल सकते थे। लगभग 32 करोड़ जनधन खाते खोलने का काम हमारी सरकार ने किया और आज 80 हजार करोड़ रुपया इन गरीबों ने बचत करके इन जनधन अकाउंट में जमा किये हैं।

श्री मोदी ने कहा कि माताओं और बहनों के लिए, उनके सम्मान के लिए 8 करोड़ शौचालय बनाने का काम इस सरकार ने किया है। यह पहले की सरकार भी कर सकती थी। ‘उज्जवला योजना’ से साढ़े चार करोड़ गरीब माताओं-बहनों को आज धुआं मुक्त जिंदगी और बेहतर स्वास्थ्य का काम, यह विश्वास जगाने का काम हमारी सरकार ने किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वो लोग थे जो 9 सिलेंडरों के 12 सिलेंडर इसी की चर्चा में खोये हुए थे। उनके अविश्वास के बीच वो जतना को भटका रहे थे। एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार बीते दो वर्षों में पांच करोड़ देशवासी भीषण गरीबी से बाहर आए, 20 करोड़ गरीबों को मात्र 90 पैसे प्रतिदिन और एक रुपये महीने के प्रीमियम पर बीमा का सुरक्षा कवच भी मिला।

श्री मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत पांच लाख रुपयों का बीमारी में मदद करने का इंश्योरेंस इस सरकार ने दिया है। इनको इन बातों पर भी विश्वास नहीं है। हम किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने तक की दिशा में एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। उस पर भी इनको विश्वास नहीं। हम बीज से ले करके बाजार तक संपूर्ण व्यवस्था के अंदर सुधार कर रहे हैं, सीमलेस व्यवस्थाएं बना रहे हैं, इस पर भी उनको विश्वास नहीं है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करके बरसों से अटकी हुई 99 सिंचाई योजनाओं को उन परियोजनाओं को पूरा करने का काम चल रहा है, कुछ परियोजनाएं पूर्णता: पर पहुंच चुकी हैं, कुछ का लोकार्पण हो चुका है, लेकिन इस पर भी इनका विश्वास नहीं है। हमने 15 करोड़ किसानों को स्वॉयल हेल्थ कार्ड पहुंचाया, आधुनिक खेती की तरफ किसानों को ले गए, लेकिन इस पर भी इनका विश्वास नहीं है।

उन्होंने लोकसभा में सुबह राहुल गांधी द्वारा अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ। मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो।’

उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं। इतनी जल्दबाजी क्या है।” उन्होंने कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।”

श्री मोदी ने कहा, ‘‘अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं, उस पर अड़ा भी हूं।” तेदेपा और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है। भले ही यह तेदेपा के माध्यम से आया हो लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ अन्य सदस्यों ने भी इसके समर्थन में बात कही है तो एक बड़े वर्ग ने इसके विरोध में कुछ बात कही हैं।

‘राफेल’ दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है

राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो ‘‘यह बचकाना रवैया” नहीं अपनाएं। “श्री मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्या बल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने अपने भाषण में यह कविता भी कही, ‘‘न माझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज यहां एक बात और कही गई, यहां पूछा गया प्रधानमंत्री अपनी आंख में मेरी आंख भी नहीं डाल सकते। माननीय अध्यक्ष महोदया, सही है हम कौन होते हैं जो आप की आंख में आंख डाल सकें। गरीब मां का बेटा, पिछड़ी जाति में पैदा हुआ। हम कहां आपसे आंख मिलाएंगे। आप तो नामदार हैं नामदार, हम तो कामगार हैं, आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत हमारी नहीं है। हम नहीं डाल सकते और इतिहास गवाह है।

श्री मोदी ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस ने कभी आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया। मोरारजी भाई देसाई गवाह है उन्होंने आंख में आंख डालने की कोशिश की क्या किया गया। जय प्रकाश नारायण गवाह है उन्होंने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया। चौधरी चरण सिंह उन्होंने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया।

उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया। चन्द्र शेखर जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया। प्रणब मुखर्जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ क्या किया गया। इतना ही नहीं हमारे शरद पवार जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की उनके साथ भी क्या किया गया। मैं सारा कच्चा चिट्ठा खोल सकता हूं। इसलिये आंख में आंख डालने की कोशिश करने वालों को कैसे अपमानित किया जाता है। कैसे उनको ठोकर मारकर निकाला जाता है।

श्री मोदी ने कहा कि एक परिवार का इतिहास इस देश में अनजान नहीं है और हम तो कामगार भला हम नामदार से आंख में आंख कैसे डाल सकते हैं और आंखों की बात करने वालों की आंखों की हरकतों ने आज टीवी पर पूरा देश देख रहा हा। कैसे आंख खोली जा रही है कैसे बंद की जा रही है।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें

पिछले चार साल में देश में एनडीए सरकार के विकास कार्यों के बावजूद ‘‘अहंकार” के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने चुना है और ‘‘यहां से कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है।”

उनका (राहुल) एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा। इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए।

राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी हथियाने की जल्दी है, इसलिए विपक्ष द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है। बीजेपी को जनता का समर्थन प्राप्त है।

सरकार को बहुमत मिला है, लेकिन विपक्ष इस बात को नहीं समझ रहा है और अपने स्वार्थ के लिए देश पर विश्वास नहीं कर रहा है। सरकार को देश के 125 करोड़ लोगों का आशीर्वाद मिला है।

आंख में आंख डालने वालों को ठोकर मारकर बाहर कर दिया गया। आप तो नामदार है, मैं तो कामगार हूं। हम आपकी आंखों में आंख कैसे डाल सकते हैं। आंखों का खेल पूरे देश ने देखा है। आंखों की बात करके ‘‘आंख की हरकत” पूरे देश ने देखी है। आंखों की बात करके सत्य को पूरी तरह से कुचला गया है।

मैं प्रार्थना करूंगा कि साल 2024 में आपको इतनी शक्ति दे कि आप फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएं। मेरी आपको शुभकामनाएं।

बिना तुष्टीकरण के, बिना वोट बैंक की राजनीति के हम ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र के साथ राजनीति करते हैं। पिछले चार साल में उस वर्ग के लिए काम किया जिसके पास चमक धमक नहीं थी। अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे। मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं, उस पर अड़ा भी हूं।

मैं सौदागर और ठेकेदार नहीं हूं। मैं गरीबों एवं युवाओं के सपनों के भागीदार हूं। कांग्रेस जब सत्ता में नहीं होती है तब अस्थिरता और अफवाह फैलाने का काम करती है। 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं।

आप सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक बता रहे हो। आपको अगर गाली देना है, तो मोदी तैयार है लेकिन देश के जवानों के पराक्रम पर प्रहार नहीं करें। सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना जुमला स्ट्राइक से करना देश की सेना का अपमान है।

हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्या बल है। हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है।

सितंबर 2017 से मई 2018 तक नौ महीने में संगठित क्षेत्र में 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। एक साल के लिये यह आंकड़ा जोड़ें तक यह संख्या 70 लाख होगी।

संगठित और असंगठित क्षेत्र में एक साल में एक करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है और यह एक स्वतंत्र एजेंसी का आंकड़ा है।

कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है। यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं। अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया।

राफेल सौदा दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं। देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो ‘‘यह बचकाना रवैया” नहीं अपनाएं।

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह की बात करना ठीक नहीं है। नामदार के आगे तो मैं इसके संबंध में प्रार्थना ही कर सकता हूं।

देश के सेनाध्यक्ष के बारे में बात की जाती है जो ठीक नहीं है। जो देश के लिये मर-मिटने को तत्पर होते हैं, उनके बारे में इस तरह की बात करना ठीक नहीं है।