नए कृषि सुधारों से किसानों को नए अधिकार और अवसर मिले हैं: नरेन्द्र मोदी

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मन की बात

भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 नवंबर को अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया, जिनसे किसानों को ‘नए अधिकार और नए अवसर’ मिले हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं।

‘मन की बात’ में श्री मोदी ने देशवासियों को बताया कि 1913 के आसपास वाराणसी के एक मंदिर से चुराई गई देवी अन्नपूर्णा की प्राचीन प्रतिमा को कनाडा से भारत वापस लाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें अंतरराष्ट्रीय गिरोंहों का शिकार होती रही हैं। ये गिरोह अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन्हें बहुत ऊंची कीमत पर बेचते हैं। अब इन पर सख्ती तो लगायी ही जा रही है, इनकी वापसी के लिए भारत ने अपने प्रयास भी बढ़ायें हैं। ऐसी कोशिशों की वजह से बीते कुछ वर्षों में भारत कई प्रतिमाओं और कलाकृतियों को वापस लाने में सफल रहा है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शिक्षण संस्थानों से नई, नवोन्मेषी पद्धतियां अपनाने और पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिहाज से रचनात्मक मंच तैयार करने को कहा।

श्री मोदी ने गुरु नानक जयंती के एक दिन पहले देशवासियों को गुरु पर्व की बधाई देते हुए कहा कि दुनियाभर में सिख समुदाय ने गुरु नानक देवजी की प्रेरणा से शुरू की गई लंगर की परंपरा को कोरोना वायरस महामारी के समय में जारी रखकर मानवता की सेवा की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में गुरु नानक देवजी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वैंकूवर से वेलिंगटन तक, सिंगापुर से सॉउथ अफ्रीका तक, उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं। गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है– ‘सेवक को सेवा बन आई’, यानी सेवक का काम, सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आये और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला।

श्री मोदी ने कहा कि गुरु नानक देवजी का ही 550वां प्रकाश पर्व, श्री गुरु गोविंद सिंहजी का 350वां प्रकाश पर्व, अगले वर्ष श्री गुरु तेग बहादुरजी का 400वां प्रकाश पर्व भी है। मुझे महसूस होता है कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर में ही करतारपुर साहब कॉरिडोर का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा। श्री मोदी ने कहा कि इस बात को मैं जीवनभर अपने हृदय में संजोकर रखूंगा।

उन्होंने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि हमें श्री दरबार साहिब की सेवा करने का एक और अवसर मिला। विदेश में रहने वाले हमारे सिख भाई-बहनों के लिए अब दरबार साहिब की सेवा के लिए राशि भेजना और आसान हो गया है। इस कदम से विश्व-भर की संगत दरबार साहिब के और करीब आ गई है।

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही संग्रहालयों और पुस्तकालयों का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में कई संग्रहालय और पुस्तकालय अपने संग्रह को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय में लगभग 10 डिजिटल दीर्घाएं शुरू करने का काम चल रहा है।