हम वादे पर खरे उतरने वाले लोग: अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री माननीय श्री अमित शाह ने 07 फरवरी को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में एसएसपीएम मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य सभा सांसद श्री नारायण राणे, पूर्व मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़णवीस, महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री चंद्रकांत दादा पाटिल, महाराष्ट्र विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री प्रवीण दरेकर, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े सहित कई पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे। इससे पहले उन्होंने उत्तराखंड त्रासदी पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर टूटने से पानी का बहाव बहुत बड़ा है, पहले ऋषिगंगा और बाद में अलकनंदा में जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। कुछ लोगों के हताहत होने की प्राथमिक सूचना मिली है। एनडीआरएफ की तीन टीमें वहां पहुंच गई हैं, बाकी टीमें दिल्ली से रवाना होने के लिए तैयार हैं। मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई वो रास्ते में हैं। वायुसेना को बचाव कार्य में लगाने की पूरी तैयार कर ली है। हादसे के लिए जितनी मदद की जरूरत है वो मदद केंद्र सरकार उत्तराखंड सरकार को देगी।

श्री शाह ने मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की इस पावन धरती ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देने का संस्कार सिखाया है। जब मुगलों और अंग्रेजों का शासन था और चारों ओर घोर अंधेरा था, रोशनी की कोई सूरत नहीं दिखाई दे रही थी, उस वक्त छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वदेश और स्वराज की बात कर पूरे देश में जन-चेतना को जागृत करने का काम किया। वहां से चली यात्रा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारतवर्ष को विश्व गुरु बनाने का काम कर रही है।

 केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपनी जान हथेली पर रखकर स्वधर्म और स्वराज की नींव को मजबूत करने का अथक कार्य किया। उन्होंने अल्पावधि में ही मुगलों की सल्तनत को हिला कर रख दिया। एक ही जीवन में इतना साहस और इतना पराक्रम शायद ही कोई कर पाए। मैं ऐसे महान दिव्यात्मा को शत-शत नमन करता हूँ।

श्री नारायण राणे की तारीफ करते हुए श्री शाह ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और श्री नारायण राणे ने यह काम बखूबी किया है। श्री नारायण राणे ने इस क्षेत्र के विकास के लिए काफी कार्य किया है। वे यहाँ सिंचाई की कई परियोजना लेकर आये। सड़कों का जाल बिछाने का प्रयास किया। इंजीनियरिंग कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज खोले और अब अपनी संस्था सिंधुदुर्ग शिक्षा प्रसार मंडल द्वारा महाराष्ट्र के कोंकण के अंतर्गत सिंधुदुर्ग में मेडिकल कॉलेज का निर्माण उनका एक अत्यंत ही सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि यहां के पुस्‍तकालय के माध्‍यम से न सिर्फ मेडिकल से संबंधित बल्कि देश के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और महाराष्ट्र के इतिहास की भी जानकारी छात्रों तक उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होने यह भी कहा कि देश की युवा पीढ़ी को ज्यादा से ज्यादा पुस्तकालय का उपयोग करना चाहिए। जहां भी मेरी मदद की आवश्यकता होगी, मैं सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहूँगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने उपस्थित बच्चों से कहा कि मेडिकल में कैरियर बनाने का यह एक उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी के नेतृत्व में जिस तरह से कोरोना के खिलाफ देशवासियों ने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी, उसकी सराहना पूरी दुनिया ने की है। कोरोना के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई को पूरी दुनिया ने एक मॉडल के रूप में लिया है। जहां दुनिया के बड़े-बड़े देशों जैसे अमेरिका, ब्राजील, इंग्लैंड, इटली, चीन आदि की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई, वहीं भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में न केवल मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया बल्कि महामारी को फैलने से रोकते हुए सभी देशवासियों को भी सुरक्षित किया। जन-जन को लॉकडाउन से जोड़ना हो या कोरोना वारियर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए दीया जलाने, घंटी बजाने का अभियान हो सभी में देश की जनता ने मोदी जी के नेतृत्‍व में ढृढता से साथ दिया। उन्होंने कहा कि मास्‍क,पीपीई किट और वेंटिलेटर का निर्माण भारत में नहीं होता था लेकिन अब भारत मास्‍क, पीपीई किट और वेंटिलेटर का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनकर उभरा है।

 श्री शाह ने कहा कि दुनिया भर में जहां बड़े-बड़े देशों में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर बहुत अधिक थी, वहीं उसकी तुलना में भारत में मृत्यु दर सबसे कम रही। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के डॉक्टरों ने जो रिसर्च पेपर तैयार किए उसे पूरी दुनिया ने लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के रूप में प्रयोग किया। देश के सभी मेडिकल स्टाफ बधाई के पात्र हैं। इस लाइन ऑफ ट्रीटमेंट के कारण ही मृत्यु दर लगभग एक प्रतिशत और उससे कम तक सीमित की जा सकी। 

केंद्रीय गृह मंत्री ने सिंधुदुर्ग (कोंकण) की लाल मिट्टी से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ललकारते हुए चेतावनी दी और कहा कि जनता ने महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनाने का दिया था लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने जनता के जनादेश का अनादर किया है। जो लोग हम पर वादा तोड़ने का आरोप लगाते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम लोग वादे पर खरे उतरने वाले लोग हैं। बिहार में भाजपा की जदयू से ज्यादा सीट आने के बावजूद हमने श्री नितीश कुमार जी को मुख्यमंत्री बनाया।

श्री शाह ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कहते हैं कि हमने बंद कमरे में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था और यह वादा मैंने किया था। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं कभी भी बंद कमरे में वादा नहीं करता, जो करता हूं डंके की चोट पर सार्वजनिक रूप से करता हूं। मैंने कभी भी कमरे की पॉलिटिक्स नहीं की। मैं जनता के बीच रहने वाला व्यक्ति हूं। मैं किसी से नहीं डरता और जो होता है सब के सामने करता हूँ। उन्होंने कहा कि मैं एक बार फिर से कहता हूं कि मैंने उनसे कोई वादा नहीं किया था। मैं उद्धव ठाकरे से सवाल पूछता हूं कि जब चुनाव प्रचार में हमने श्री देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने की बात कही तो उस वक्त आपने क्यों कुछ नहीं कहा? उन्होंने कहा कि शिवसेना ने सत्ता के मोह में बाला साहेब ठाकरे के सभी सिद्धांतों को तापी नदी में डाल दिया और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए। हम उद्धव ठाकरे जी के रास्ते पर नहीं चलेंगे। महाराष्ट्र में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, तब हमने यदि ऐसा किया होता तो आज शिवसेना का अस्तित्व नहीं होता।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार तीन पहिये वाली ऑटो रिक्शा जैसी सरकार है जिसके तीनों पहिए अलग-अलग दिशा में चलते हैं। इनका प्रदेश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के स्वामित्व वाली चीनी मिलों को टारगेट करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार राजनीतिक विद्वेष में ऐसे कदम उठा रही है जो सर्वथा अनुचित है, इस तरह की गतिविधियाँ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।