जीएसटी मुआवजे में कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 11वीं किस्त जारी

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वित्त मंत्रालय ने जीएसटी मुआवजे में कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 11वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है। इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की राशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की रकम विधान सभा वाले 3 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) (दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी) को जारी की गई है जो जीएसटी परिषद  के सदस्य हैं। शेष 5 राज्यों यथा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में जीएसटी को लागू करने से उनके राजस्व में कोई गिरावट नहीं आई है। अब तक जीएसटी मुआवजे में अनुमानित कमी का 60 प्रतिशत राज्यों और विधान संभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को जारी कर दिया गया है। इसमें से 60,066.36 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी की गई है और 5,933.64 करोड़ रुपये की राशि विधान सभा वाले 3 केंद्र शासित प्रदेशों को जारी की गई है।

भारत सरकार ने जीएसटी लागू करने के कारण राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्टूबर, 2020 में एक विशेष उधारी खिड़की की स्थापना की थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से भारत सरकार द्वारा उधारियां इसी खिड़की के माध्यम से ली जा रही हैं। ये उधारियां 11 दौर या चरणों में ली गई हैं। अब तक उधार ली गई राशि 23 अक्टूबर, 2020;  2 नवंबर, 2020;  9 नवंबर, 2020; 23 नवंबर, 2020; 1 दिसंबर, 2020;  7 दिसंबर, 2020; 14 दिसंबर, 2020; 21 दिसंबर, 2020; 28 दिसंबर, 2020;  04 जनवरी, 2021 और 11 जनवरी, 2021 को राज्यों को जारी की गई है।

इस सप्ताह जारी की गई राशि दरअसल राज्यों को प्रदान की गई इस तरह की रकम की 11वीं किस्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.1057 प्रतिशत की ब्याज दर पर उधार ली गई है। अब तक 66,000 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार द्वारा विशेष उधारी खिड़की के माध्यम से औसतन 4.7271 प्रतिशत की ब्‍याज दर पर उधार ली गई है।

जीएसटी लागू करने के कारण राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए विशेष उधारी खिड़की के माध्यम से धनराशि प्रदान करने के अलावा,  भारत सरकार ने जीएसटी मुआवजे में कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 का चयन करने वाले राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50% के बराबर अतिरिक्त उधारी भी लेने की अनुमति दी है, ताकि अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में उनकी मदद की जा सके। सभी राज्यों ने विकल्प-1 के लिए अपनी प्राथमिकता दी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50%) की पूरी अतिरिक्त राशि उधार लेने की इजाजत दी गई है।