वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है: डॉ. जितेंद्र सिंह

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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भले ही हम किसी विचारधारा के हों लेकिन हमें वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए किसी भी विचारधारा और व्यक्तिगत लगाव की परवाह किए बिना वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह अबू धाबी में आयोजित अंतरिक्ष विचार-विमर्श में ‘अंतरिक्ष कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में विदेश नीति की भूमिका’ पर मंत्रिस्तरीय बैठक में संयुक्त अरब अमीरात के विदेश राज्य मंत्री, बहरीन के विदेश मंत्री और इजरायल के उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ शामिल हुए। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विचार-विमर्श ने इस धरती की भलाई के बारे में सोचने के लिए हम सभी को एक साथ इकट्ठा किया है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने शुरू से ही अपने लिए एक सोच विकसित की है और यह संकल्प कर चुका है कि हमारे अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम हमेशा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए समर्पित होंगे और ये बातें दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु बम विस्फोटों की पृष्ठभूमि में हमारी आजादी के तुरंत बाद परिकल्पित की जा चुकी है क्योंकि उस समय की दुनिया जिस किसी भी चीज से नफरत करती थी जो उसका नाम परमाणु रखती थी।

उन्होंने कहा कि होमी भाभा जैसे देश के महान संस्थापक वैज्ञानिकों ने दुनिया के सामने भारत के शांतिपूर्ण परमाणु प्रयासों की घोषणा की थी और हम अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए इसे फिर से घोषित कर रहे है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि भारत ने रेलवे, स्मार्ट सिटी, सड़क, भवन, राजमार्ग, डिजिटल स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करते हुए अपने देश के आम नागरिकों को ‘ईज ऑफ लिविंग’ प्रदान करने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।

डॉ. जितेंद्र ने कहा कि पिछले 2-3 वर्षों में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के साथ, निजी भागीदारी के लिए इसे गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए खोलने का निर्णय लिया गया और इसी अवधि में, हमारे पास वर्तमान में 100 से ज्यादा स्टार्टअप हैं और दो स्टार्टअप ने अंतरिक्ष के लिए निजी उपग्रहों की शुरुआत भी की है।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के साथ ज्यादा से ज्यादा सहयोग बढ़ाने का आह्वान करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास भारत और संयुक्त अरब अमीरात दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष क्षेत्र और संयुक्त अरब अमीरात में तेजी से विकसित होते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र एक-दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा पूरक हैं, जिसका ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।

इससे पहले डॉ. जितेंद्र सिंह ने अबू धाबी में आयोजित अंतरिक्ष विचार-विमर्श को अंतरिक्ष व्यवसायों और प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाने में सरकारों की भूमिका तैयार करने पर जोर देने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि एडीएसडी में विचार-विमर्श के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र की भूमिका में शामिल किए गए विषयों में जलवायु संबंधित मुद्दों का समाधान, पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के प्रति जिम्मेदारी, अंतरिक्ष क्षेत्र के खतरों और निजी क्षेत्रों की भागीदारी और नवाचारों की उपस्थिति के लिए राजनीतिक संवाद और मानव जाति की सेवा के लिए लोगों द्वारा संचालित अंतरिक्ष नवाचारों पर चर्चा शामिल है, जो वर्तमान समय में बहुत ही प्रासंगिक हैं और जागरूकता उत्पन्न करने वाले विषय हैं, जो अतीत में अंतरिक्ष क्षेत्र में इस प्रकार के किसी भी अन्य समारोह से इन पहलों को विशिष्ट बनाने में सक्षम बन सकते हैं।