स्वच्छता से कोई समझौता नहीं : दशकों पहले मोदीजी की पहल

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मोदी स्टोरी                                                                                        — अशोक भट्ट

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत देश स्वच्छता की नई कहानियां लिख रहा है, देखा जाए तो स्वच्छता के लिए उनका संकल्प बचपन से ही है और वह हमेशा स्वच्छ परिवेश के प्रति संकल्पित रहे। स्कूल में प्रवेश करने से पहले जूते को कपड़े के टुकड़े से साफ करने से लेकर पार्टी कार्यालय में झाड़ू लगाने तक श्री नरेन्द्र मोदी का स्वच्छता का संकल्प उनके लिए हमेशा ताकत रहा है।

उनके युवा दिनों की एक घटना है जिसे कई लोग आज स्वच्छ भारत अभियान की नींव के रूप में देखते हैं।

यह वर्ष 1989 की बात है, श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री के रूप में जूनागढ़ आ रहे थे। उन्हें जूनागढ़ पार्टी कार्यालय में जिला स्तर के कुछ कार्यकर्ताओं से मिलना था। जूनागढ़ में भाजपा कार्यालय शहर के बाहरी इलाके में था, यह वास्तव में आचार्य जी का निवास था जिसे बाद में पार्टी कार्यालय में बदल दिया गया था।

चूंकि कार्यालय शहर के बाहरी इलाके में था, इसलिए कोई भी कर्मचारी वहां रोजाना जाकर सफाई नहीं करता था। जब भी कोई मीटिंग होती थी तो कुछ कार्यकर्ता सुबह ऑफिस आते थे, साफ-सफाई करते थे, कुछ इंतजाम करते थे और फिर मीटिंग होती थी। लेकिन इस बार श्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित नहीं था।

श्री मोदी ने एक पार्टी कार्यकर्ता श्री अशोक भट्ट से उन्हें कार्यालय ले जाने का आग्रह किया। श्री भट्ट उन्हें अपने स्कूटर पर कार्यालय ले गए। जब श्री मोदी ने श्री भट्ट के साथ पार्टी कार्यालय में प्रवेश किया, तो उन्होंने एक गंदा कार्यालय देखा। यूं तो उन्होंने श्री भट्ट से कुछ नहीं कहा, लेकिन उनसे एक झाड़ू लाने का आग्रह किया। श्री भट्ट ने समझाने की कोशिश की कि 2-3 दिन से कार्यालय में कोई नहीं आया था इसलिए कार्यालय गंदा है, लेकिन उन्होंने उसकी बात नहीं मानी और फिर से झाड़ू के लिए कहा।

श्री भट्ट ने महसूस किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी एक गंदे पार्टी कार्यालय से खुश नहीं थे। फिर उन्होंने श्री मोदी को एक तरफ खड़े होने को कहा और वहां कार्यालय की सफाई कराई।

श्री अशोक भट्ट और कई अन्य पार्टी कार्यकर्ता अब श्री नरेन्द्र मोदी के साथ ऐसी घटनाओं को याद करते हैं और महसूस करते हैं कि स्वच्छ भारत की नींव दशकों पहले पड़ गयी थी और उस दौरान भी प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वच्छता को लेकर उतने ही चिंतित थे।