केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया, जिसके अच्छे परिणाम मिले। तिलहन उत्पादन 2014-15 में 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 37.70 मिलियन टन (चौथा अग्रिम अनुमान) हो गया। दलहन उत्पादन में भी इसी तरह की वृद्धि की प्रवृत्ति दिखाई दी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 22 सितंबर को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार पिछले 3 वर्षों में दलहन और तिलहन की उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है। दलहन के मामले में उत्पादकता 727 किग्रा/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़कर 980 किग्रा/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) अर्थात 34.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसी प्रकार तिलहन फसलों में उत्पादकता 1271 किग्रा/हेक्टेयर (2018-19) से बढ़कर 1292 किग्रा/हेक्टेयर (चौथा अग्रिम अनुमान, 2021-22) हो गई है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता तिलहन और दलहन का उत्पादन बढ़ाना और इस प्रकार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्य को पूरा करना है। इन रणनीतियों का लक्ष्य इन फसलों की खेती का रकबा बढ़ाना, अधिक पैदावार वाली किस्मों के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना, एमएसपी समर्थन और खरीद के माध्यम से उत्पादन बढ़ाना है।