आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम केवल और केवल भाजपा ने किया है : जगत प्रकाश नड्डा

| Published on:

‘नवशक्ति समावेश’, बेल्लारी (कर्नाटक)

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 20 नवंबर, 2022 को बेल्लारी (कर्नाटक) में आयोजित ‘नवशक्ति समावेश’ कार्यक्रम को संबोधित किया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश भर में जारी सर्वस्पर्शी एवं सर्वसमावेशी विकास की भूरि-भूरि सराहना की। कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बी.एस. येदियुरप्पा, केंद्रीय जनजाति कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हर वर्ग के उत्थान के साथ ही देश के सबसे पिछड़े जनजातीय समाज अर्थात् आदिवासियों के उत्थान एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। आजादी के 70 सालों तक किसी भी राजनीतिक दल को जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण एवं उनके जीवन के उत्थान की सुध नहीं आई। ये हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं, जिन्होंने एक गरीब परिवार में जन्म लेने वाली आदिवासी बेटी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर प्रतिष्ठित कर आदिवासी सम्माज को गर्व की अनुभूति का अवसर दिया। भाजपा में जनजाति समाज से बननेवाले सांसदों की बड़ी संख्या है। केन्द्र सरकार में जनजाति समुदाय के मंत्रियों की एक शृंखला है। आदिवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम केवल और केवल भाजपा ने किया है।

पहले आदिवासी समाज के विकास एवं कल्याण के लिए लगभग 3,850 करोड़ रुपये का केंद्रीय बजट होता था, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में ये बजट लगभग ढाई गुना बढ़कर 8,451 करोड़ रुपये हो गया है

श्री नड्डा ने कहा कि क्यों आज से पहले किसी भी राजनीतिक दल को इस बात की याद नहीं आई कि जनजाति गौरव दिवस मनाना चाहिए? क्यों किसी राजनीतिक दल को भगवान् बिरसा मुंडा की याद नहीं आई? ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकारें लंबे समय तक केंद्र में रहीं और उन्होंने आदिवासी समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया, लेकिन जब उन्हें देने की बारी आई तो मुट्ठी बंद कर ली और आदिवासी समाज की ओर से मुंह मोड़ लिया। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की और जनजातीय संग्रहालयों का निर्माण भी कराया।

उन्होंने कहा कि पहले आदिवासी समाज के विकास एवं कल्याण के लिए लगभग 3,850 करोड़ रुपये का केंद्रीय बजट होता था, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में ये बजट लगभग ढाई गुना बढ़कर 8,451 करोड़ रुपये हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर 27 नेशनल ट्राइबल इंस्टीट्यूट बनाए गए हैं। इन संस्थानों को बनाने के पीछे मुख्य कारण यह है कि आदिवासी समाज के कल्याण एवं उनके विकास की चिंता कैसे की जा सकती है, इस पर शोध हो और उस पर नीतिगत सुझाव मिले ताकि केंद्र सरकार उन सुझावों के आलोक में जनोपयोगी नीतियां बना सके। चाहे एकलव्य रेसिडेंशियल स्कूल हो, आदिवासी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति हो, आदिवासी बहुल गांवों के विकास की बात हो या फिर आदिवासियों के स्वास्थ्य की चिंता करना हो, हर क्षेत्र में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी केंद्र सरकार एवं हमारी राज्य सरकारों ने विशेष इनिशिएटिव लिए हैं। पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत, किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाओं से हमारे आदिवासी भाई विशेष रूप से लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आदिवासी समाज का आरक्षण तीन प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। मैं इस क्रांतिकारी कदम के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मईजी को धन्यवाद देता हूं, श्री रामुलुजी को बधाई देता हूं। कर्नाटक की भाजपा सरकार के इस निर्णय से कर्नाटक में आदिवासी भाइयों के जीवन की तस्वीर बदलेगी।

श्री नड्डा ने कहा कि कर्नाटक में विकास की दृष्टि से आधारभूत संरचना और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में विशेष कार्य हो रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और आईटी सेक्टर में विकास के कार्य हो रहे हैं।