पालघर सांसद चिंतामन वनगा नहीं रहे

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(1 जून 1950 –30 जनवरी 2018 )

भाजपा सांसद श्री चिंतामन वनगा का 30 जनवरी को निधन हो गया। श्री चिंतामन को दिल का दौरा पड़ा था। इसके बाद उन्हें दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।

एक जून 1950 को जन्मे श्री वनगा महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर आए। वह ग्रामीण विकास और अनुसूचित जाति तथा जनजाति कल्याण से जुड़ी संसदीय समितियों के सदस्य भी थे। श्री चिंतामन वनगा ने मुंबई विश्वविद्यालय से वकालत तक की पढ़ाई की थी। श्री चिंतामन महाराष्ट्र के थाणे जिले के भाजपा अध्यक्ष भी रहे। 1996, 1999 और 2014 में वो सांसद चुने गए। इसके अलावा चिंतामन महाराष्ट्र की विक्रमगढ़ सीट से विधायक भी चुने गए थे।

प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पालघर के सांसद श्री चिंतामन वनगा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पालघर के सांसद और मेरे सहयोगी श्री चिंतामन वनगा की असामयिक मृत्यु से दुखी हूं। उन्होंने ठाणे क्षेत्र में भाजपा की नींव मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जनजातियों के कल्याण के लिए सराहनीय काम किया। उनके परिवार जनों और उनके समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह ने अपने शोक संदेश में कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद चिंतामन वनगा के असामयिक निधन का समाचार जानकर काफी दुखी और स्तब्ध हूं। वे एक उत्कृष्ट नेता, प्रखर समाजसेवी और समर्पित कार्यकर्ता थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुये केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि वनगा पार्टी के एक प्रखर कार्यकर्ता थे और उन्होंने ठाणे जिले की जनजातीय पट्टी में शानदार काम किया था।