‘तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टी देवभूमि का विकास नहीं कर सकती है’

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                         मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर को देहरादून में घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ किया और उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार में हो रहे विकास कार्यों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता ने एक बार पुनः पूर्ण बहुमत की भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने का निर्णय ले लिया है। उन्होंने इसके साथ ही, राज्य की 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन सिस्टम के साथ-साथ कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया। इस जन सभा में उत्तराखंड में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्रीगण, लोक सभा एवं राज्य सभा सांसद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलायें भी उपस्थित रहीं।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां तीन कार्यक्रमों की शुरुआत एक साथ हुई है। पहला, उत्तराखंड की सभी पैक्स का कम्प्यूटरीकरण का काम, दूसरा मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ और तीसरा, कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन। हम सब जानते हैं कि उत्तराखंड में पहाड़ों में विपरीत मौसम में पशुओं के लिए चारा पहुंचाने में हमारी माताओं और बहनों को बहुत दिक्कत होती है। यहां लगभग लगभग 2,000 किसान लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर मक्के की खेती करेंगे। इससे वैज्ञानिक तरीक़े से पौष्टिक पशु आहार बनाने की योजना बनी है जिसका फ़ायदा लगभग एक लाख किसानों तक पहुंचेगा। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अंतर्गत 30 प्रतिशत सब्सिडी पर दो रुपए किलो की दर से पशु आहार दिया जाएगा और इसके कारण माताएं-बहनें कई सारी आपदाओं से बचेंगी।

श्री शाह ने कहा कि कम्प्यूटराइज़ेशन होने से पैक्स के सदस्यों को कभी घपले या घोटाले का सामना नहीं करना पड़ता। इससे ज़िला बैंकों के साथ, ज़िला बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ और राज्य सहकारी बैंकों का नाबार्ड के साथ सीधा जुड़ाव होता है और किसानों की सभी योजनाएं पैक्स के माध्यम से किसानों तक सीधे पहुंचती हैं। देश में बहुत कम राज्य अभी तक इस काम को पूरा कर सके हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार एक कार्ययोजना बना रही है जिसके अंतर्गत देशभर के सभी पैक्स को कम्प्यूटराइज्ड करके उन्हें ज़िला बैंक, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर आज के समय में बहुत ही जरूरी है। सहकारिता को प्रशिक्षण के बिना बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। सहकारी आंदोलन को पिछली सरकारों ने क्षीण कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी के अमृत वर्ष में एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारिता से जुड़े हुए देश के करोड़ों किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, मछुआरों आदि के कल्याण के लिए बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोग से चलने वाली सरकारों को आज तक याद नहीं आया कि अगर सहकारिता आंदोलन मूर्त रूप नहीं लेता है तो छोटे-मंझले किसानों, मछुआरों, माताओं-बहनों, पशुपालन में लगे भाइयों का क्या होगा लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये। उन्होंने अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को बढ़ावा दिया और पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन के साथ-साथ ब्लू रिवोल्यूशन के क्षेत्र में में भी अभिनव क्रांति का सूत्रपात किया। हमारे प्रधानमंत्री जी अत्यंत गरीब घर से आते हैं, उन्होंने गरीबी को जिया है, गरीबी का करीब से अनुभव किया है, इसलिए वे गरीबों का दर्द समझते हैं और उसको ध्यान में रख कर कल्याणकारी नीतियां बनाते हैं।

कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री शाह ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं से पूछना चाहता हूँ कि जब उत्तराखंड पिछले दो वर्ष से बाढ़, भूस्खलन और कोरोना की त्रासदी से जूझ रहा था तो आप कहां थे, इसका जवाब उत्तराखंड की जनता को दीजिये। आपदा के समय तो आप प्रदेश की जनता के साथ खड़े नहीं हुए लेकिन चुनाव आते ही धरना-प्रदर्शन और प्रेस कांफ्रेंस शुरू कर देते हैं। कांग्रेस पार्टी घपलों-घोटालों और भ्रष्टाचार की बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार, घोटाले का पर्याय बनी हुई है। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस पार्टी देवभूमि का विकास नहीं कर सकती है। कांग्रेस किसी भी राज्य में कल्याण का कार्य नहीं कर सकती, ना वो गरीबों का सोच सकती है और न अच्छे प्रशासन का सोच सकती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गरीब कल्याण नीतियां, उसका क्रियान्वयन और सुशासन केवल भारतीय जनता पार्टी ही दे सकती है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गंगाजल के वितरण के लिए सहकारिता के माध्यम से एक नया काम शुरू हुआ है। इससे देशभर के मां गंगा में श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालुओं को घर बैठे गंगाजल मिलेगा और उनके मोक्ष का रास्ता भी खुलेगा।