झारखंड की जनता ने विकास और राष्ट्रवाद को स्वीकारा : सुनील सिंह

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झारखंड भाजपा के महामंत्री और चतरा से लोकसभा में दूसरी बार निर्वाचित सांसद श्री सुनील सिंह ने कमल संदेश के एसोसिएट एडिटर विकास आनन्द से झारखंड में भाजपा के चुनावी रणनीति और प्रदर्शन पर संक्षिप्त चर्चा की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश:

झारखंड के कुल 14 लोकसभा सीटों में भाजपा गठबंधन 12 सीटें जीती। इसे आप कैसे देखते हैं?

पूरे राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्ववाली गठबंधन के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बना हुआ था। हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा किए गए कार्य पर जनता ने सकारात्मक मतदान करते हुए एक निर्णायक मत दिया। हम जो राष्ट्रवाद और विकास का एजेंडा लेकर चले थे, उसको झारखंड की जनता ने स्वीकार किया तथा उसी के अनुरूप मत देकर यह संदेश दिया विकास और राष्ट्रवाद दोनों हमें चाहिए। यही देश को आगे बढ़ा सकता है और राज्य को भी आगे बढ़ा सकता है। सच में यह सार्थक मतदान भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी के पक्ष में हुआ है। उसी का यह सुखद परिणाम है।

झारखंड में चुनाव अभियान के दौरान प्रदेश भाजपा ने कौन से वे कार्यक्रम अपनाए जो अपने आप में विशिष्ट थे एवं उनका चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ा?

देखिए, चुनाव के दृष्टि से वहां हम बहुत पहले से काम पर लगे हुए थे। जहां माननीय प्रधानमंत्री जी की सभाओं ने निर्णायक लहर उत्पन्न किया, समर्थन उत्पन्न किया, वहीं जो हम लोगों का बूथ स्तर तक का कार्य था, हमारे कार्यकर्ता, शक्ति केन्द्र और उसके नीचे बूथ और सब लोगों तक जाने में सक्षम हुए, काफी कारगर सािबत हुआ। बूथ शक्ति केन्द्र की संरचना की वजह से हमारे कार्यकर्ता सरकार का कार्य और अपने नेता का संदेश जनता तक पहुंचाने में सक्षम हुए। उसका सकारात्मक नतीजा आया।

इस चुनाव में झारखंड की जनता ने क्या संदेश दिया है?

झारखंड की जनता ने पूरी तरह से आतंकवाद के साथ–साथ उग्रवाद जिससे झारखंड ग्रसित था, उसके विरुद्ध अपना मत दिया है। इसके अलावा जो वहां क्षेत्रवाद की राजनीति होती है, उसको वहां की जनता ने नकार कर भारतीय जनता पार्टी की जो राष्ट्र की परिकल्पना है, हम जिस सांस्कृतिक एकात्मता, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की बात करते हैं, उसके प्रति अभिव्यक्ति उन्होंने व्यक्त की है। तो हमें इस रूप में चुनाव को देखना चाहिए और अलग से एक बात और कहूंगा, यह चुनाव अन्य चुनावों से भिन्न था। क्योंकि यह चुनाव आजादी के बाद का पहला चुनाव था जिसमें माननीय मोदी जी के किए हुए कार्य जनता तक पहुंचा था। जो हम कहते रहे हैं, हमारा जो सिद्धांत रहा है, विकास के फल को कतार में खड़े अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचाना उसी के अनुरूप सरकार के कार्यों का प्रभाव अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक दिखा। हम इस तरह से उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और उनका समर्थन पाया।