प्रधानमंत्री को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित

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महिला सशक्तीकरण पर जी-20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन, गांधीनगर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को एक अगस्त को महाराष्ट्र के पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा 1983 में इस पुरस्कार की स्थापना गई थी। प्रधानमंत्री ने नकद पुरस्कार की धनराशि ‘नमामि गंगे’ परियोजना को दान में दी।

श्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर लोकमान्य तिलक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि यह उनके लिए एक विशेष दिन है। इस अवसर पर अपनी भावनाओं के बारे में श्री मोदी ने कहा कि आज लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि तथा अन्ना भाऊ साठे की जयंती है।

उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक जी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के ‘तिलक’ हैं। श्री मोदी ने समाज के कल्याण के लिए अन्ना भाऊ साठे के असाधारण और अद्वितीय योगदान को भी रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी, चापेकर बंधु, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की भूमि को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने आज लोकमान्य से सीधे जुड़े स्थान और संस्था द्वारा उन्हें दिए गए सम्मान को

‘अविस्मरणीय’ बताया। श्री मोदी ने काशी और पुणे के बीच समानताओं का उल्लेख किया, क्योंकि दोनों स्थल ज्ञान-प्राप्ति के केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई पुरस्कार प्राप्त करता है, तो उसकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं, विशेषकर जब पुरस्कार के साथ लोकमान्य तिलक का नाम जुड़ा हो।

श्री मोदी ने नकद पुरस्कार की धनराशि ‘नमामि गंगे’ परियोजना को दान करने के अपने फैसले की भी जानकारी दी।