प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी के नए परिसर का किया उद्घाटन

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प्रधानमंत्री का आंध्र प्रदेश दौरा

अब तक 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश के साथ 14 क्षेत्रों में 746 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश में श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रधानमंत्री ने भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 74वें और 75वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ ही भूटान की रॉयल सिविल सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं से भी बातचीत की।

श्री मोदी ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी के उद्घाटन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने पुट्टपर्थी में श्री सत्य साईं बाबा के जन्मस्थान, महान स्वतंत्रता सेनानी पद्म श्री कल्लूर सुब्बा राव, प्रसिद्ध कठपुतली कलाकार दलवई चलपति राव और गौरवशाली विजयनगर साम्राज्य के सुशासन को प्रेरणा स्रोत के रूप में उल्लेख किया।

आज तिरुवल्लुवर दिवस को ध्यान में रखते हुए श्री मोदी ने महान तमिल संत को उद्धृत किया और करों को इकट्ठा करने में राजस्व अधिकारियों की भूमिका को रेखांकित किया, जिससे लोकतंत्र में लोगों का कल्याण होता है।

प्रधानमंत्री ने रंगनाथ रामायण की चौपाइयां सुनीं

श्री मोदी इससे पहले लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर गए और रंगनाथ रामायण की चौपाइयां सुनीं। प्रधानमंत्री ने भक्तों के साथ भजन कीर्तन में हिस्सा लिया। इस मान्यता को ध्यान में रखते हुए कि राम जटायु संवाद नजदीक में ही हुआ था, श्री मोदी ने कहा कि वह अयोध्या धाम में मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। उन्होंने इस पवित्र अवधि के दौरान मंदिर में आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया।

देश में व्याप्त राम भक्ति के माहौल को स्वीकार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि श्री राम की प्रेरणा भक्ति से परे है। उन्होंने कहा कि श्री राम सुशासन के इतने बड़े प्रतीक हैं कि वे एनएसीआईएन के लिए भी बहुत बड़ी प्रेरणा हो सकते हैं।

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प्रधानमंत्री का केरल दौरा

सरकार कोच्चि जैसे बंदरगाह शहरों की शक्ति को बेहतर बनाने में
जुटी है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जनवरी को कोच्चि, केरल में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की तीन प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। आज उद्घाटन की गई परियोजनाओं में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में न्यू ड्राई डॉक (एनडीडी), सीएसएल की अंतरराष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (आईएसआरएफ) और पुथुविपीन, कोच्चि में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एलपीजी आयात टर्मिनल शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने अमृत काल के दौरान भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने की यात्रा में प्रत्येक राज्य की भूमिका पर बल दिया। श्री मोदी ने पहले के समय में भारत की समृद्धि में बंदरगाहों की भूमिका को याद किया और अब बंदरगाहों के लिए एक समान भूमिका की परिकल्पना की, जब भारत नए कदम उठा रहा है और वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में सरकार कोच्चि जैसे बंदरगाह शहरों की शक्ति को बेहतर बनाने में जुटी है। उन्होंने सागरमाला परियोजना के अंतर्गत बंदरगाह क्षमता में वृद्धि, बंदरगाह अवसंरचना में निवेश और बंदरगाहों की बेहतर कनेक्टिविटी की जानकारी दी।

श्री मोदी ने आज कोच्चि को मिले देश के सबसे बड़े ड्राई डॉक का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और एलपीजी आयात टर्मिनल जैसी अन्य परियोजनाएं भी केरल और देश के दक्षिणी क्षेत्र में विकास को गति प्रदान करेंगी। श्री मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड के साथ ‘मेड इन इंडिया’ विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के निर्माण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नई सुविधाओं से शिपयार्ड की क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएंगी।

श्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों में बंदरगाहों, पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला और कहा कि इससे भारत के बंदरगाहों में नए निवेश आए हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबके प्रयास के बेहतर परिणाम सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय बंदरगाहों ने पिछले 10 वर्षों में दहाई अंकों की वार्षिक वृद्धि हासिल की है।