अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग प्रणाली में दबाव के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तैयारियों की हुई समीक्षा

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केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने विभिन्न वित्तीय मानकों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोप में कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंकों की विफलता से उत्पन्न वर्तमान वैश्विक वित्तीय परिदृश्य के आलोक में पीएसबी की सहनीयता की समीक्षा करने के लिए 25 मार्च को आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड़, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ उपस्थित थे।

समीक्षा बैठक के दौरान सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक की विफलता तथा क्रेडिट सुइस में संकट के मुद्दों समेत वर्तमान वैश्विक परिदृश्य पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ खुली चर्चा हुई। श्रीमती सीतारमण ने लघु और दीर्घकालिक, दोनों दृष्टिकोणों से इस उभरते हुए और तात्कालिक तौर पर बाहरी वैश्विक वित्तीय दबाव के सन्दर्भ में पीएसबी के जोखिम की समीक्षा की।
पीएसबी की समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने जोखिम प्रबंधन, जमाराशि के विविधीकरण एवं परिसंपत्तियों के आधार पर ध्यान केन्द्रित करके नियामक ढांचे के अनुपालन के जरिए सम्यक तत्परता के साथ तैयारी करने पर जोर दिया।

पीएसबी के एमडी और सीईओ ने वित्त मंत्री को इस तथ्य से अवगत कराया कि वे कॉरपोरेट प्रशासन की उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों को अपनाते हैं, नियामक मानदंडों का अनुपालन करते हैं, विवेकपूर्ण तरलता प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं और मजबूत परिसंपत्ति-देयता एवं जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करते हैं। इसके अलावा, पीएसबी द्वारा श्रीमती सीतारमण को यह भी बताया गया कि वे वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर सतर्क हैं और किसी भी संभावित वित्तीय झटके से खुद को बचाने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। सभी प्रमुख वित्तीय मापदंड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मजबूत वित्तीय सेहत के साथ-साथ उनकी स्थिर और सुदृढ़ स्थिति का संकेत देते हैं।