प्रधानमंत्री ने जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अक्टूबर को नई दिल्ली के यशोभूमि में 9वें जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20) का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की संसद द्वारा भारत की जी-20 अध्यक्षता की व्यापक संरचना के तहत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ की थीम के साथ की जा रही है।

श्री मोदी ने जनसमूह को संबोधित करते हुए भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन विश्वभर की सभी संसदीय प्रथाओं का एक ‘महाकुंभ’ है।

श्री मोदी ने कहा कि पी-20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर आयोजित हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। विश्वभर की विभिन्न संसदों के प्रतिनिधियों के रूप में प्रधानमंत्री ने बहस और विचार-विमर्श के महत्व को रेखांकित किया और अतीत में हुई ऐसी बहसों के सटीक उदाहरणों का उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि भारत के पांच हजार वर्ष पुराने वेदों और शास्त्रों में विधानसभाओं और समितियों का उल्लेख मिलता है, जहां समाज के कल्याण के लिए सामूहिक निर्णय लिए जाते थे। भारत के सबसे पुराने धर्मग्रंथ ऋग्वेद की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने एक संस्कृत श्लोक का पाठ किया जिसका अर्थ है ‘हमें एक साथ चलना चाहिए, एक साथ बोलना चाहिए और हमारे विचार आपस में जुड़े होने चाहिए।’

प्रधानमंत्री ने समय के साथ भारत की संसदीय परंपराओं के निरंतर विकास और सदृढ़ीकरण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है।

श्री मोदी ने कहा कि 2019 का आम चुनाव, जब उनकी पार्टी सत्ता में चुनी गई, मानव इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी, क्योंकि 600 मिलियन मतदाताओं ने इसमें भाग लिया था। उन्होंने कहा कि उस समय 910 मिलियन पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की जनसंख्या से भी अधिक थी। इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के बीच 70 प्रतिशत मतदान भारतीयों की संसदीय प्रथाओं में गहरी आस्था को दर्शाता है। 2019 के चुनाव में महिलाओं की रिकॉर्ड भागीदारी देखी गई।

राजनीतिक भागीदारी के विस्तारित होते कैनवास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आम चुनाव में 600 से अधिक राजनीतिक दलों ने भाग लिया और 10 मिलियन सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव के संचालन में काम किया और मतदान के लिए एक मिलियन मतदान केंद्र बनाए गए।

श्री मोदी ने प्रतिनिधियों को संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के हाल के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने उन्हें यह भी बताया कि स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “भारत आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है। हमारी संसद द्वारा हाल में लिया गया निर्णय हमारी संसदीय परंपरा को और समृद्ध करेगा।”