गुजरात में भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी की प्रतिबद्धता

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मोदी स्टोरी                                                                                    — मनसुख मंडाविया

श्री नरेंद्र मोदी ने शासन में एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की, जिसने गुजरात में समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का मार्ग प्रशस्त किया। श्री मोदी ने 7 अक्टूबर, 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और उन्होंने गुजरात के लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के लिए मिशन मोड़ में कार्य किया।

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नीतियों ने राज्य के शासन में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने का कार्य किया, इसके लिए श्री मोदी ने साहसिक निर्णय लिये और उनके साथ मजबूती से खड़े रहे।

गुजरात राज्य में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की समस्या थी। इस कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हो रहा था। इनमें से अधिकतर मामले ग्रामीण गुजरात से थे, जहां बिजली की पर्याप्त सप्लाई के अभाव में कुछ लोगों द्वारा ऐसा किया जा रहा था।

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई नीतियों ने राज्य के शासन में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने का कार्य किया, इसके लिए श्री मोदी ने साहसिक निर्णय लिये और उनके साथ मजबूती से खड़े रहे

केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने एक दिलचस्प किस्सा साझा करते हुए बताया कि कैसे श्री मोदी ने बड़े पैमाने पर हो रही इस बिजली चोरी की समस्या पर अंकुश लगाया।

इसके तहत मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की कि सरकार राज्य में बिजली चोरी नहीं होने देगी। श्री मोदी ने सभी के लिए मीटर लगवाना अनिवार्य कर दिया।

उनके इस फैसले का जमकर विरोध हुआ और राज्य सरकार के खिलाफ कई आंदोलन हुए। उस समय हम सभी उनके निर्णय के बारे में निश्चित नहीं थे।

उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें यह सुझाव भी दिया कि वह इस फैसले पर आगे न बढ़ें, क्योंकि इससे बुरा प्रभाव पड़ेगा और आगामी चुनावों में इसके प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। मेरी बात सुनने के बाद श्री मोदी ने मुझे बताया कि राज्य में असली समस्या बिजली नहीं बल्कि पानी की आपूर्ति है।”

कुछ समय बाद उन्होंने जल आपूर्ति में सुधार के लिए काम करना शुरू किया और चेक डैम बनाये, जिसे उन्होंने एक मिशन के रूप में लिया।

उन्होंने मनरेगा योजना के तहत ‘बोरी बांध’ बनाने की शुरुआत की और एक साल तक यह अभियान चलाया। इस अभियान के परिणामस्वरूप हर छोटी सड़क को ‘बोरी बांध’ योजना से जोड़ा गया।

परिणामस्वरूप, राज्य में जल स्तर बढ़ने लगा और जो स्थान पहले ‘ब्लैक जोन’ के अंतर्गत आते थे, वे भी पानी से समृद्ध हो गये। इससे पानी की कमी की समस्या खत्म हो गयी।

अपने निर्णय पर आगे बढ़ते हुए श्री मोदी ने घोषणा की कि मीटर वाले कनेक्शनों पर नियमित रूप से आठ घंटे बिजली दी जायेगी और बिजली चोरी बंद हो जायेगी।

इसके बाद न केवल बिजली का कुशलतापूर्वक उपयोग किया गया, बल्कि पानी की कमी से भी निपटा गया। आठ घंटे बिजली की उपलब्धता किसानों के लिए उपयोगी साबित हुई। यह मुख्यमंत्री श्री मोदी द्वारा उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ।