पीएसएलवी ने लांच किया एक साथ 31 सैटेलाइट

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ध्रुवीय सेटेलाइट लांच व्हीकल ने 12 जनवरी अपने 42वें उड़ान में सफलतापूर्वक 710 किलोग्राम का कार्टोसैट-2 श्रृंखला का दूर-संवेदी उपग्रह 30 सहयात्री उपग्रहों के साथ श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लांच किया। इसे पीएसएलवी-सी 40 नाम दिया गया है।

पीएसएलवी-सी 40 को भारतीय समयानुसार सवेरे 9 बजकर 29 मिनट पर प्रथम लांच पैड से छोड़ा गया। 16 मिनट 37 सेकेंड के उड़ान के बाद उपग्रह ने विषुवत रेखा से 97.55 डिग्री के कोण पर झुके 503 किलोमीटर के पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट को हासिल कर लिया। आगे के 7 मिनटों में केट्रोसेट-2 श्रृंखला का उपग्रह आईएनएस-आईसी तथा 28 कस्टमर उपग्रह पूर्व निर्धारित क्रम में पीएसएलवी से सफलतापूर्वक अलग हो गए। पीएसएलवी-सी40 के चौथे चरण को संक्षिप्त समय के लिए दो बार छोड़ा गया, ताकि 300 किलोमीटर ऊंचाई के पोलर ऑर्बिट को हासिल किया जा सके। इसमें भारत का माइक्रोसेट सफलतापूर्वक अलग हो सके।

अलग-अलग होने के बाद कार्टोसैट-2 शृंखला की दो सौर श्रृंखलाएं स्वत: तैनात हो गई और इसरो के बंगलुरू स्थित टेलिमेट्री, ट्रैकिंग, कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) ने उपग्रह का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। आने वाले दिनों में उपग्रह के संचालन को अंतिम रूप देने के लिए लाया जाएगा। इसके बाद यह अपने पैंक्रोमेटिक (श्याम और श्वेत) तथा मल्टीस्पेक्ट्रल (रंगीन) कैमरों का इस्तेमाल करते हुए दूरसंवेदी डाटा प्रदान करना शुरू करेगा।

कार्टोसेट-2 के दो भारतीय सहयात्री उपग्रहों 11 किलोग्राम के आईएनएस-आईसी तथा 100 किलोग्राम का माइक्रोसैट की निगरानी और नियंत्रण बंगलुरू के आईएसटीआरएसी से किया जा रहा है। भारत के अलावा इनमें 28 अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह हैं, जो कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, कोरिया गणराज्य, ब्रिटेन तथा अमेरिका के हैं। गौरतलब है कि पीएसएलवी ने अब तक विदेश से सफलतापूर्वक 11 भारतीय उपग्रह तथा 237 कस्टमर उपग्रह लांच किया है।

प्रधानमंत्री ने इसरो की टीम को अपने 100वें उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की टीम को अपने 100वें उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज पीएसएलवी के सफल प्रक्षेपण पर इसरो और उसके वैज्ञानिकों की मैं हृदय से प्रशंसा करता हूं। नए साल में यह सफलता हमारे नागरिकों, किसानों, मछुआरों आदि को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की तेजी से बढ़ोतरी का लाभ पहुंचाएगी।

उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा 100 वीं उपग्रह का शुभारंभ अपनी शानदार उपलब्धियों और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के उज्ज्वल भविष्य को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत की सफलता के लाभ हमारे भागीदारों के लिए भी उपलब्ध हैं। आज प्रक्षेपित किए गए 31 उपग्रहों में से 28, छह अन्य देशों से संबंधित थे।”