संसद में भाजपा : राज्यसभा ने जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 किया पारित

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न विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में 27 जून को और राज्यसभा में 2 अगस्त को पारित किया गया। जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2023 के माध्यम से 19 मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों में कुल 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।

संशोधन विधेयक के प्रमुख लाभ निम्न हैं :

1. संशोधन विधेयक आपराधिक प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने और यह सुनिश्चित करने में योगदान देगा कि नागरिक, व्यवसाय और सरकारी विभाग मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक के लिए कारावास के डर के बिना काम करें।

2. किसी अपराध के दंडात्मक परिणाम की प्रकृति अपराध की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए। यह विधेयक किये गये अपराध/उल्लंघन की गंभीरता और निर्धारित सजा की गंभीरता के बीच संतुलन स्थापित करता है। प्रस्तावित संशोधन कानून की कठोरता को खोए बिना, व्यवसायों और नागरिकों द्वारा कानून का पालन सुनिश्चित करते हैं।

3. तकनीकी/प्रक्रियात्मक चूक और छोटी चूक के लिए निर्धारित आपराधिक परिणाम, न्याय वितरण प्रणाली को अवरुद्ध करते हैं और गंभीर अपराधों के निर्णय को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। विधेयक में प्रस्तावित कुछ संशोधन, जहां भी लागू और व्यवहार्य हो, उपयुक्त प्रशासनिक न्यायनिर्णयन तंत्र पेश करने के लिए हैं। इससे न्याय प्रणाली पर अनुचित दबाव को कम करने, लंबित मामलों को कम करने और अधिक कुशल और प्रभावी न्याय वितरण में मदद मिलेगी।

4. नागरिकों और कुछ श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले प्रावधानों को अपराधमुक्त करने से उन्हें मामूली उल्लंघनों के लिए कारावास के डर के बिना रहने में मदद मिलेगी।

लोकसभा में वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 पारित

केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने 26 जुलाई को संयुक्त संसदीय समिति द्वारा भेजे गये वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 को लोकसभा में विचार के लिये पेश किया और उसके बाद सदन से इसे पारित करने का आग्रह किया। संदस्यों की चर्चा और विचार के बाद लोकसभा ने विधेयक को पारित कर दिया।

वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 देश में वन संरक्षण के लिये एक महत्वपूर्ण केन्द्रीय कानून है। कानून के तहत प्रावधान है कि आरक्षित वनों को अनारक्षित करना, वन भूमि का गैर-वन कार्यों के लिये उपयोग, वन भूमि को पट्टे पर अथवा अन्य तरीके से निजी इकाइयों को देना और प्राकृतिक रूप से उगे पेड़ों का पुनःवनीकरण के लिये सफाया करने के लिये केन्द्र सरकार की पूर्वानुमति आवश्यक है।

लोकसभा द्वारा पारित इस विधेयक में प्रस्तावित संशोधन से वन संरक्षण और संवर्धन के लिये कानून की भावना अधिक स्पष्ट होगी और उसमें नयापन आयेगा।

संसद ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 किया पारित

राज्यसभा ने दो अगस्त को खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 (इसके बाद ‘अधिनियम’ के रूप में संदर्भित) में संशोधन करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पारित कर दिया। विधेयक 28 जुलाई को लोकसभा द्वारा पहले ही पारित किया जा चुका था।

विधेयक में कुछ खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटाने का प्रावधान है। लिथियम, बेरिलियम, टाइटेनियम, निओबियम, टैंटलम और ज़िरकोनियम के खनिज प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण हैं जिनका उपयोग अंतरिक्ष उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी और संचार, ऊर्जा क्षेत्र, इलेक्ट्रिक बैटरी में किया जाता है और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने में भारत की प्रतिबद्धता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटाने पर इन खनिजों की खोज और खनन निजी क्षेत्र के लिए खुल जाएगा। परिणामस्वरूप, देश में इन खनिजों की खोज और खनन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की आशा है।