सेवा क्षेत्र की विकास दर 8.3 प्रतिशत

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केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार भारत के सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 55.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सेवा क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का मुख्य घटक रहा और सेवा क्षेत्र के 8.3 फीसदी की दर से वृद्धि करने की संभावना है। 2017-18 में सेवा क्षेत्र में निर्यात के 16.2 प्रतिशत रहा। डिजिटलीकरण, ई-वीजा, लॉजिस्टिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचा, स्टार्टअप, हाउसिंग क्षेत्र की योजना सहित कई योजनाएं शुरू की है, जिससे सेवा क्षेत्र में तेजी आने की उम्मीद है।

120 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत पहुंचे

संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (दिसंबर 2017) के अनुसार 2016 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आगमन कुल मिलाकर 120 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.6 करोड़ अधिक रहा। भारत में 2016 में 8.8 मिलियन विदेशी पर्यटक आए। (9.7 प्रतिशत) वृद्धि हुई है और 22.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्राप्ति हुई (8.8 प्रतिशत) की वृद्धि। वृद्धि के साथ पर्यटन क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2017 के दौरान 15.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.2 मिलियन विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ, जबकि 2016 की तुलना में 20.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 27.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित की गई।

गौरतलब है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई उपाय किए है। हाल ही में उठाए गए कदमों में 163 देशों के नागरिकों के लिए पर्यटकों/मेडिकल एवं बिजनेस की तीन श्रेणियों के अंतर्गत ई-वीजा की शुरुआत की गई। विभिन्न चैनलों पर 2017-18 के लिए ग्लोबल मीडिया अभियान की शुरुआत भारत में विश्व धरोहर स्थलों को लोकप्रिय बनाने के लिए ‘द हेरिटेज ट्रेन’ भारतीयों का अपने देश के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से ‘देखों अपना देश’ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारत का शानदार प्रदर्शन

उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रदर्शन किया है। मार्च 2017 में 254 उपग्रहों के के प्रक्षेपण के साथ भारत ने सैटलाइट के क्षेत्र में मिसाल कायम की। इससे भारत को काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई। 2015-16 और 2016-17 क्रमशः 394 करोड़ और 275 करोड़ रुपये का उपग्रह प्रक्षेपण से राजस्व हासिल हुआ। इसी तरह 2014-15 में 149 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ। वैश्विक उपग्रह प्रक्षेपण से प्राप्त होने वाले राजस्व में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। इसमें 2015-16 में 1 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। 2014-15 में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

अनुसंधान और विकास में भारी वृद्धि

भारत आधारित अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) सेवाओं में 22 प्रतिशत की वैश्विक बाजार की हिस्सेदारी से 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आर एंड डी क्षेत्र में भारत का कुल खर्च जीडीपी का लगभग एक प्रतिशत है। ग्लोबल इन्वेशन इंडेक्स (जीआईआई) 2017 में भारत 127 देशों में 60वें स्थान पर है। 2016 में यह 66th वें पायदान पर था।

सूचना प्रौद्योगिकी–बीपीएम सेवाओं में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि

भारत की सूचना प्रौद्योगिकी-बीपीएम में 8.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई और नासकॉम के आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में 129.4 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2016-17 में 139.9 बिलियन अमरीकी डॉलर (ई-कॉमर्स तथा हार्डवेयर को छोड़कर) हो गया। आईटी-बीपीएम निर्यातों में 7.6 प्रतिशत वृद्धि हुई और इसी अवधि के दौरान यह 107.8 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 116.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। 2016-17 में ई-कॉमर्स बाजार में 19.1 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ व्यापार तकरीबन 33 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है। गौरतलब है कि अमेरिका-इंग्लैंड यूरोपियन यूनियन देशों के आईटी-आईटीईएस निर्यातकों ने तकरीबन 90 प्रतिशत का योगदान है। इपेक लैटिन अमेरिका और मिडल ईस्ट एशियाई देशों से मांग बढ़ रही है और यूरोप महाद्वीप जापान, चीन, अफ्रीका में विस्तारण के लिए औसत प्राप्त हो रहे हैं।