देश की सेवा दुनिया का नेतृत्व

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर विशेष लेख

आज (17  सितंबर) एक विशेष दिन है, एक महान नेता हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है। सार्वजनिक जीवन में उनकी यात्रा समाज सेवा, राष्ट्रीय विकास और लोगों के कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा जानी जाती है। उनके जीवन का प्रत्येक क्षण, उनके अस्तित्व का प्रत्येक कण, इन महान कार्यों के लिए समर्पित रहा है

जगत प्रकाश नड्डा

प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रगति, विश्वास और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के प्रतीक बन गए हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूल सिद्धांत पर आधारित उनके नेतृत्व ने न केवल वैश्विक मंच पर भारत का कद ऊंचा किया है, बल्कि उन्हें एक वैश्विक आइकन भी बनाया है। देश की जनता उनके नेतृत्व में अपनी आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा होते देख रही है, क्योंकि जनता की सेवा ही प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी है। दुनिया आज उनकी बातें उत्सुकता से सुनती है और उनके नेतृत्व की ओर देखती है। हमारे देश के लोग उनमें जनता की सेवा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को देखते हैं।

सृजन और शिल्प कौशल के देवता के रूप में पूजनीय भगवान विश्वकर्मा की तरह, प्रधानमंत्री श्री मोदी विभिन्न क्षेत्रों में भारत को नया आकार दे रहे हैं। विश्वकर्मा जयंती के इस शुभ दिन पर वह ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का शुभारंभ कर रहे हैं। यह एक ऐसी योजना है जो सुनार, लोहार, कुम्हार, बुनकर और मूर्तिकारों सहित 18 विभिन्न व्यवसायों में लगे छोटे श्रमिकों, कारीगरों और शिल्पकारों को विशेष लाभ देने का वादा करती है। लंबे समय से मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था के हाशिए पर रहे इन गुमनाम नायकों को अब वह मदद मिलेगी, जिसके वे हकदार हैं। इस दूरदर्शी योजना से अगले पांच वर्षों में लगभग तीन मिलियन श्रमिकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक असाधारण और ऐतिहासिक जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जो हमारे देश की समृद्ध संस्कृति, विरासत, समावेशी कूटनीति और विकास की कहानी को बयान करता है। जिस तरह से उन्होंने शिखर सम्मेलन को लोगों की भागीदारी और जुड़ाव के लिए एक मंच में बदल दिया, उससे दुनिया आश्चर्यचकित है। यह देखना बेहद गर्व का क्षण था कि शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता भारत की विविधता और समृद्ध विरासत से कैसे प्रभावित हुए। भारत का आतिथ्य सत्कार और सामरिक कूटनीति की चर्चा अब दुनिया भर में है। जी-20 शिखर सम्मेलन

स्थल ‘भारत मंडपम’ तथा एक भव्य और राजसी आयोजन हर किसी की यादों में बना हुआ है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने अपनी संस्कृति और विरासत को विदेश नीति में शामिल करते हुए अभूतपूर्व तरीके से दुनिया के सामने अपना परिचय दिया है। ऐसा दूरदर्शी नेतृत्व महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है और उन्हें प्राप्त करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत परतंत्र मानसिकता से निकलकर स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है। अब हमारे पास एक नया संसद भवन और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक है, जो हमारी संप्रभुता का प्रतीक है। कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण ने राष्ट्रीय ध्वज को एक नया महत्व दिया है।

भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त हुए सात दशक से अधिक समय बीत चुका है, और हाल ही में हमने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘अमृत काल’ मनाया। प्रधानमंत्रीजी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को लेकर अथक प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भारत मजबूत और सुरक्षित हुआ है। आज भारत हर क्षेत्र में अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करा चुका है। वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दहलीज पर है।

कोविड-19 के दौरान पूरी दुनिया ने हमारे प्रधानमंत्रीजी का निर्णायक एवं साहसी नेतृत्व देखा। उनकी पहल-प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण-जन धन, आधार, मोबाइल (डीबीटी-जेएएम) ने भ्रष्टाचार को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सभी लाभार्थियों को उनका हक समय पर सीधे उनके खातों में प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री ने ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान को जय अनुसंधान’ के साथ सहजता से एकीकृत किया है।

दुनिया ने हाल ही में चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 की उल्लेखनीय उपलब्धियां देखीं, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की शक्ति को प्रदर्शित करती हैं। ‘अमृत काल’ के वर्ष में प्रधानमंत्री ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का सम्मान करके एक सराहनीय कदम उठाया है। ‘हर घर तिरंगा’ और ‘मेरी माटी, मेरा देश’ जैसे कार्यक्रम हमारे नागरिकों के बीच एकता को बढ़ावा दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय राजनीति ने एक नई दिशा ली है, जिसमें विकास, राष्ट्रवाद और सेवा-उन्मुख नीतियां सबसे आगे हैं। सुशासन आधारशिला है और ‘जनभागीदारी’ शासन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण की प्रामाणिकता है। उनकी हर पहल नागरिकों के जीवन को छूती है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ‘सेवा ही संगठन’ के सिद्धांत से प्रेरित होकर उनके मार्गदर्शन में देश की अथक सेवा करते हैं।

श्री नरेन्द्र मोदी, जो एक साधारण पृष्ठभूमि से उठे और अपने रास्ते में कई चुनौतियों का सामना किया, ने अपने कर्तव्यों को पूरा करने में अटूट दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है। अवसर आने पर उन्होंने राज पथ को कर्तव्य पथ में बदल दिया। उनके प्रभावी नेतृत्व में देश उन सभी ज्वलंत मुद्दों का स्थायी समाधान खोजने में सक्षम रहा है, जिनके बारे में देशवासियों को कभी विश्वास नहीं था कि उनका समाधान हो सकता है। यह उनके मजबूत राजनीतिक संकल्प और प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि देश धारा 370, भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण, तीन तलाक की समाप्ति, वस्तु एवं सेवा कर को लागू करना आदि जैसे मुद्दों का स्थायी समाधान ढूंढने में सक्षम रहा।

दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति और सभ्यता में से एक, भारत की संस्कृति और सभ्यता को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में नए सिरे से सींचा और परिष्कृत किया गया है।

इससे भारतीय संस्कृति, सभ्यता, योग, आयुर्वेद और परंपराओं के बारे में वैश्विक जिज्ञासा जगी है, जबकि दुनिया हमारी संस्कृति की ओर आकर्षित है, एक ‘अहंकारी विपक्षी गठबंधन’ हमारे देश की विरासत का अपमान करना जारी रखे हुए है। भारत के लोग, संस्कृति से गहरे जुड़ाव के कारण, इस तरह के अपमान को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। 2009 और 2014 के बीच हमारे देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और कई लोगों ने अपने भविष्य के बारे में आशा खो दी थी।

हालांकि, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से देश की दिशा तेजी से बदलने लगी। लोग यह मानने लगे कि ‘मेरा देश बदल रहा है’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है।’

भाजपा अपने सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सिद्धांतों पर दृढ़ता से कायम है, क्योंकि वह लोगों की आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में काम करती है। उनके नेतृत्व से प्रेरित होकर लोग भारत के पुनरुत्थान के लिए उनके बताए मार्ग पर चल रहे हैं।

(लेखक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है)