दिख रहा है व्यापक परिवर्तन

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को “चैम्पियन्स ऑफ द अर्थ” पुरस्कार से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सम्मानित किये जाने से हरेक भारतीय गौरव का अनुभव कर रहा है। यह पुरस्कार न केवल भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति में पर्यावरण के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का द्योतक है बल्कि श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हुए पर्यावरण संपोषण के अद्भुत कार्यों का भी सम्मान है। प्रधानमंत्री के करिश्माई नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है तथा पर्यावरण के क्षेत्र में उनके अनूठे योगदान को पूरे विश्व ने सराहा है।

स्वच्छता के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आह्वान अब एक जनांदोलन में परिवर्तित हो चुका है। 2 अक्तूबर 2014 को ‘स्वच्छता मिशन’ के रूप में शुरू हुए जनांदोलन को भारी जनसमर्थन मिला है। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरणा प्राप्त इस जनांदोलन से कार्य–संस्कृति, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के लिए लोगों में जबरदस्त जागरूकता आई है और विश्व के सफलतम कार्यक्रमों में इसकी गणना हो रही है। हर भारतीय को इस पर गर्व हो रहा है। गांव के गांव ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित हो रहे हैं तथा स्वच्छता का दायरा अभूतपूर्व ढंग से बढ़ रहा है। पूरे विश्व को अब इन अभियानों की शक्ति का पता चल रहा है। इस कार्यक्रम से आम जन–जीवन में कितना बड़ा अंतर आया है यह इस बात से प्रमाणित होता है कि आज 85 प्रतिशत घरों में शौचालय है, 40 करोड़ लोग खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं और स्वच्छता का दायरा 39 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत हो चुका है।

दरअसल, 2 अक्तूबर 2018 को गाांधी जयंति के अवसर पर शुरू हुए ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के लिये तय किये गये लक्ष्यों को प्राप्त करने में अवश्य सफलता मिलेगी।

देश में शुरू हुए अभिनव जन कल्याण कार्यक्रम जिसके संबंध में पूर्व की सरकारें कभी सोच भी नहीं पाईं, आज उनके क्रियान्वयन से आम जन–जीवन एवं गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में व्यापक परिवर्तन हो रहा है। ‘आयुष्मान भारत’ एक ऐसी ही अभिनव योजना है जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा नि:शुल्क रूप में तो पायेगा ही, साथ ही स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की आधारभूत संरचना का गांव–गांव तक विकास होगा। आज जबकि हर घर में बिजली पहुंच रही है, शौचालय बन रहे हैं, महिलाओं को रसोईघर में गैस मिल रही है, पेयजल नलों से पहुंचाने की योजना चल रही है, गरीबों को पक्के आवास मिल रहे हैं, गांवों का जन–जीवन अभूतपूर्व परिवर्तन का साक्षात्कार कर रहा है। यह व्यापक परिवर्तन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दिन–रात की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि जो कुछ वर्षों पहले तक असंभव सा प्रतीत होता था, आज संभव बन गया है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तरों पर दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति से निर्णय लेने के कारण देश में आत्मगौरव का भाव बढ़ा है। घरेलू मामले में अनगिनत उपलब्धियों के साथ–साथ विश्व पटल पर भी उन्होंने अपनी मजबूत छाप छोड़ी है। हाल ही में रूस के साथ एस–400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम पर हुए समझौते पर अमरिकी प्रतिबंधों के बावजूद हस्ताक्षर कर श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चट्टानी दृढ़ता का परिचय दिया है। साथ ही, ईरान मसले पर भी उनकी कूटनीति को सराहा जा रहा है। हालांकि भविष्य में अमेरिका का क्या रूख होगा, कोई नहीं जानता, परन्तु जो दृढ़ता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिखाई है, उससे स्पष्ट है कि भारत भविष्य में बिना किसी बाहरी या अंदरूनी दबाव के सामने झुके, अपना निर्णय स्वतंत्र रूप से स्वयं लेगा। ‘राष्ट्र प्रथम’ नीति के विजय का यह एक अनुपम उदाहरण है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के समक्ष यह प्रमाणित कर दिया है कि भारत आगे बढ़कर नेतृत्व कर सकता है और एक विकसित देश के रूप में उभरने के लिये तत्पर है। एक ओर जहां गरीब से गरीब को गरीबी के दलदल से उबारने लिये चल रहे एक व्यापक परिवर्तन की बयार का पूरा देश अनुभव कर रहा है, वहीं, दूसरी ओर भारत पूरे विश्व में एक ऐसे देश के रूप में उभर रहा है जो अन्दरूनी एवं बाहरी चुनौतियों के सामने िसर उठाकर खड़ा रह सकता है और अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से लेने में सक्षम है।

                                                                                                                      shivshakti@kamalsandesh.org