भारत-जापान के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर

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कोविड काल के बाद एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध विश्व के लिए साझेदारी

जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेने के लिए 19 मार्च से 20 मार्च, 2022 के दौरान एक आधिकारिक दौरे पर भारत आए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने यह स्वीकार किया कि यह शिखर बैठक एक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है जब दोनों देश अपने द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 19 मार्च को अपने जापानी समकक्ष श्री किशिदा के साथ आर्थिक, कारोबारी एवं ऊर्जा क्षेत्र सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर बातचीत की और दोनों देशों के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। ये समझौते साइबर सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, बुनियादी ढांचा विकास और शहरी विकास से संबंधित हैं। गौरतलब है कि जापान ने भारत में 3,20,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य की घोषणा की।

भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को दोहराते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि 2018 में जारी किए गए भारत-जापान दृष्टिकोण वक्तव्य में प्रतिपादित साझा मूल्य और सिद्धांत वर्तमान संदर्भ में विशेष रूप से प्रासंगिक हैं, जहां बेहद गंभीर हो चुकी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत पहले से कहीं अधिक है।
उन्होंने राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने वाली एक नियम-आधारित व्यवस्था की नींव पर टिके एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध विश्व की दिशा में मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और सभी देशों द्वारा धमकी या बल प्रयोग या यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास का सहारा लिए बिना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अपने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत पर बल दिया। इस संबंध में उन्होंने जोर-जबरदस्ती से मुक्त, स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपने साझा दृष्टिकोण को दोहराया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निकटता के साथ सहयोग करने के अपने इरादों को दोहराया और मानवीय संकट को दूर करने, मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और एक वास्तविक प्रतिनिधिक एवं समावेशी राजनीतिक प्रणाली की स्थापना सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की

दोनों प्रधानमंत्रियों ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की और आतंकवाद का व्यापक तरीके से एवं निरंतर मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने सभी देशों से आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों एवं बुनियादी ढांचे को खत्म करने, आतंकवादी नेटवर्क और उनके वित्तपोषण के चैनलों को अवरुद्ध करने और आतंकवादियों की सीमा पार से आवाजाही को रोकने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। इस संदर्भ में उन्होंने सभी देशों से उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमले के लिए न होने देने और इस तरह के हमलों के अपराधियों को शीघ्रता से दंडित करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों सहित भारत में आतंकवादी हमलों की फिर से निंदा की और पाकिस्तान से अपनी जमीन से संचालित होने वाले आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ दृढ़ और अचूक कार्रवाई करने और एफएटीएफ सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह से पालन करने का आह्वान किया। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों में आतंकवाद विरोधी प्रयासों को मजबूत करने और संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता (सीसीआईटी) को शीघ्र अपनाने की दिशा में मिलकर काम करने पर भी सहमति व्यक्त की।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात की खुशी व्यक्त की कि द्विपक्षीय संबंधों के एक विशेष सामरिक एवं वैश्विक भागीदारी में बदलने के बाद से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए जापान द्वारा की गई विभिन्न पहलों की सराहना की। इस संदर्भ में दोनों प्रधानमंत्रियों ने नवंबर, 2021 में भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (आईजेआईसीपी) की स्थापना को याद किया और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम), विनिर्माण और आपूर्ति शृंखला के क्षेत्रों सहित दोनों देशों के बीच औद्योगिक सहयोग को और अधिक बढ़ावा देने के लिए आईजेआईसीपी के तहत एक रोडमैप तैयार किए जाने का स्वागत किया।

उन्होंने 75 बिलियन अमरीकी डालर के अपने द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के नवीनीकरण का स्वागत किया।

बैठक के बाद मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत-जापान भागीदारी को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
श्री मोदी ने कहा कि देश में समर्पित माल ढुलाई (फ्रेट) गलियारा और मुम्बई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में जापान का सहयोग उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस योगदान के लिए आभारी हैं। मुम्बई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है।
श्री मोदी ने कहा कि आज भारत ‘दुनिया के लिये मेक इन इंडिया (मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड)’ के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है और इस संदर्भ में जापानी कंपनियां बहुत समय से एक प्रकार से हमारी ब्रांड राजदूत रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा स्वच्छ ऊर्जा गठजोड़ इस दिशा में लिया गया, एक निर्णायक कदम साबित होगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान, दोनों ही सुरक्षित, भरोसेमंद और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के महत्व को समझते हैं तथा यह टिकाऊ आर्थिक विकास के लक्ष्य को पाने और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए अनिवार्य है।