उच्चतम न्यायालय ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया

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उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आठ नवंबर, 2016 को जारी अधिसूचना वैध व प्रक्रिया के तहत थी

च्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की शृंखला वाले नोटों को बंद करने के फैसले को दो जनवरी को 4:1 के बहुमत के साथ सही ठहराया। पीठ ने बहुमत से लिए गए फैसले में कहा कि नोटबंदी की निर्णय प्रक्रिया दोषपूर्ण नहीं थी।

न्यायमूर्ति एस.ए. नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि आर्थिक मामले में संयम बरतने की जरूरत होती है और अदालत सरकार के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकती।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आठ नवंबर, 2016 को जारी अधिसूचना वैध व प्रक्रिया के तहत थी। गौरतलब है कि अधिसूचना में 500 और 1000 रुपये की शृंखला वाले नोट बंद करने के फैसले की घोषणा की गई थी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नोटबंदी को सही उद्देश्य, सही नीति और एक अच्छे नियत से लागू की थी। मोदी सरकार ने देश में नकली करेन्सी, टेरर फंडिंग और कालाधन को समाप्त करने के लिए नोटबंदी की थी

वर्ष 2016 में की गई नोटबंदी की कवायद पर फिर से विचार करने के सर्वोच्च न्यायालय के प्रयास का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने कहा था कि अदालत ऐसे मामले का फैसला नहीं कर सकती है, जब ‘बीते वक्त में लौटकर’ कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है। शीर्ष अदालत ने केंद्र के नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4:1 के बहुमत के साथ फैसले को सही ठहराया।

नोटबंदी का उद्देश्य सही और सही नीति

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नोटबंदी को सही उद्देश्य, सही नीति और एक अच्छे नियत से लागू की थी। मोदी सरकार ने देश में नकली करेन्सी, टेरर फंडिंग और कालाधन को समाप्त करने के लिए नोटबंदी की थी। नोटबंदी का उद्देश्य गरीब कल्याण और भारतीय अर्थव्यव्स्था को स्वच्छ करना भी था। नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता आयी।

दरअसल, नोटबंदी ने आतंकवाद की रीढ़ तोड़ दी, क्योंकि नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग बंद हो गई। आतंकवाद को बढ़ाने के लिए आतंकवादी फंडिंग बहुत ही जरूरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में आतंकवाद, नकली करेन्सी से लेकर पत्थरबाजी की घटनाएं बहुत ही कम हो गई हैं।

नोटबंदी के बाद पकड़ी गईं 3.8 लाख फर्जी कंपनियां

नोटबंदी के बाद 3.8 लाख फर्जी कंपनियां पकड़ी गईं। भारी मात्रा में बेनामी संपत्तियां जब्ती हुईं और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर अंकुश लगा। वित्तीय वर्ष 2016-17 में नोटबंदी लाई गई और उसके अगले वित्तीय वर्ष 2017-18 में टैक्स संग्रहण में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 10.03 लाख करोड़ रुपए का टैक्स संग्रहण हुआ। इनकम टैक्स देने वालों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी हुई।

उल्लेखनीय है कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2015 में कालाधन को नियंत्रित करने के लिए THE BLACK MONEY (UNDISCLOSED FOREIGN INCOMEAND ASSETS) AND IMPOSITION OF TAX ACT, 2015 लाया था। इसके तहत 65,250 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति को इनकम टैक्स विभाग के समक्ष घोषित किया गया। इससे विभिन्न गरीब कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित करने की गति में तीव्रता आई।

वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय ‘नोटबंदी’ को सही ठहराने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह साबित हो गया कि सरकार के पास नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि नोटबंदी के पीछे सरकार की मंशा व्यापक राष्ट्रीय हित की थी और विपक्ष द्वारा इस पर उठाए जा रहे सवाल निराधार थे।

श्री प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले सभी याचिकाओं को 4-1 बहुमत से खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय प्रक्रिया को सही ठहराते हुए कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट के 26 (टू) में कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।