नहीं रहीं सुषमा स्वराज

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            (14 फ़रवरी 1952 – 6 अगस्त 2019)

पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज का 6 अगस्त को नई दिल्ली में निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। चार दशक के लंबे बेदाग राजनीतिक जीवन के बाद उन्होंने स्वयं को राजनीति से अलग कर लिया। वह हिन्दी एवं अंग्रेजी की असाधारण वक्ता थीं जो श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ती थीं। विदेश मंत्री के रूप में श्रीमती सुषमा ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में संकट में फंसे भारतीयों को निकालने में सराहनीय भूमिका निभायी।

जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के कदम से बेहद प्रसन्न श्रीमती सुषमा ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। श्रीमती सुषमा ने ट्वीट किया था, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी- धन्यवाद प्रधानमंत्री। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपने जीवनकाल में यह दिन देखने का इंतजार कर रही थी।”

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला सहित तमाम नेताओं ने पूर्व विदेशमंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को श्रद्धाजंलि अर्पित की। केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी श्रीमती सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी।

जीवन परिचय

श्रीमती सुषमा स्वराज का जन्म 14 फ़रवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला शहर में हुआ था। क़ानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1973 में श्रीमती सुषमा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। श्रीमती सुषमा 1977 में न केवल हरियाणा विधानसभा की सदस्य चुनी गयी, बल्कि 25 वर्ष की उम्र में वह हरियाणा सरकार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं।

वह तीन बार…अप्रैल 1990 से अप्रैल 1996, फिर अप्रैल 2000 से अप्रैल 2006 तथा उसके बाद अप्रैल 2006 से मई 2009 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। वह चार बार लोकसभा सदस्य रहीं। वह केन्द्र में विदेश मंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री भी रहीं।

वह लोकसभा में पहली महिला नेता प्रतिपक्ष बनीं। वह पहली महिला थीं जिन्हें असाधारण सांसद का खिताब मिला। वह 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह नरेन्द्र मोदी सरकार में पहली बार देश की पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री बनीं।

सुषमाजी ने भारतीय राजनीति अमिट छाप छोड़ी : अमित शाह

पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुये भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता व संसदीय बोर्ड की सदस्य श्रीमती सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन से मन अत्यंत दु:खी है। उन्होंने एक प्रखर वक्ता, एक आदर्श कार्यकर्ता, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि व एक कर्मठ मंत्री जैसे विभिन्न रूपों में भारतीय राजनीति पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि सुषमा स्वराज जी का निधन भाजपा और भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिजनों, समर्थकों व शुभचिंतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करे।
श्री शाह ने ट्वीट किया, ‘सुषमा स्वराज जी के जाने से भारतीय राजनीति में एक बड़ी रिक्तता आई है जो लंबे समय तक नहीं भर पायेगी। सुषमा जी के अंतिम दर्शन कर पुष्पांजलि अर्पित की।
प्रभु दिवंगत आत्मा को सदगति प्रदान करे…ॐ शांति शांति शांति।’

दीदी सुषमा स्वराज जी अंतिम समय तक राष्ट्र सेवा में लगी रहीं : जगत प्रकाश नड्डा

पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के असामयिक निधन पर भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि पूर्व विदेश मंत्री, हमारी वरिष्ठ नेत्री और बहुआयामी प्रतिभा की धनी, दीदी सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूं एवं मन हृदय अत्यंत शोक-संतप्त है। वे एक उत्कृष्ट राजनेता, प्रतिबद्ध कार्यकर्ता, प्रखर वक्ता और बेहतरीन प्रशासक थीं। उनका निधन न केवल भारतीय जनता पार्टी, बल्कि देश की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

श्री नड्डा ने कहा कि दीदी सुषमा स्वराज जी अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में अनेक दायित्वों पर रहते हुए अंतिम समय तक राष्ट्र सेवा में लगी रहीं। जब से वे राजनीतिक जीवन में आईं, तब से लेकर विपक्ष की नेता और देश की प्रथम पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री रहने तक उन्होंने हमेशा एक आदर्श व्यक्तित्व का उदाहरण देश और समाज के सामने रखा। देश उन्हें उनके अत्यंत सरल, संवेदनशील, सशक्त, ऊर्जावान एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए सदैव याद रखेगा। हम सभी उनके जीवन से सदैव प्रेरणा प्राप्त करते रहेंगे। श्री नड्डा ने कहा कि सात बार सांसद और तीन बार विधायक रह चुकी श्रीमती सुषमा स्वराज जी दिल्ली की पांचवीं मुख्यमंत्री, 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और विदेश मंत्री रह चुकी हैं।

उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के रूप में राजनीतिक सफ़र की शुरुआत की और आपातकाल के समय कांग्रेस की दमनकारी नीति के खलाफ लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि 1977 में पहली बार उन्होंने हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता और महज़ 25 वर्ष की आयु में राज्य की श्रम मंत्री बन कर सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनने की उपलब्धि हासिल की। वे हरियाणा की जनता पार्टी की अध्यक्ष भी रहीं। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहली मंत्रिमंडल में वे सूचना प्रसारण मंत्री बनीं।

श्री नड्डा ने कहा कि वे अक्टूबर 1998 में दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं। 2009 में वे मध्य प्रदेश के विदिशा से लोक सभा संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुईं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुनी गयीं। 2014 में वे दोबारा विदिशा से निर्वाचित हुईं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मंत्रिमंडल में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री बनीं। उन्होंने कहा कि प्रखर और ओजस्वी वक्ता, प्रभावी पार्लियामेंटेरियन और कुशल प्रशासक श्रीमती सुषमा स्वराज अकेली महिला नेता हैं जिन्हें असाधारण सांसद चुना गया। विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने जिस तरह से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की साख स्थापित की, वह अद्भुत है। श्री नड्डा ने कहा कि दुनिया में कहीं भी जब भारत के किसी नागरिक पर कोई संकट आया, वे हमेशा मदद के लिए तैयार रहती थीं। उन्होंने देश के विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित किया और भारत की निर्णायक छवि को और बल दिया। देश सदैव उनके योगदान को स्मरण करता रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारी वरिष्ठ नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन से भाजपा परिवार का प्रत्येक सदस्य शोकाकुल और स्तब्ध है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति दे। ॐ शांतिः

ध्येय समर्पित व्यक्तित्व के रूप में सुषमा सबकी स्मृति में रहेंगी : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत और सरकार्यवाह श्री सुरेश भैय्याजी जोशी ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘सुषमा स्वराज जी का आकस्मिक निधन अत्यंत अकल्पनीय, अविश्वसनीय एवं दु:खद समाचार है। यह अत्यंत वेदनादायक है। लगभग 45 वर्षों का उनका सामाजिक, राजनैतिक जीवन विविध दृष्टि से आदर्श और अनुकरणीय रहा है।”

उन्होंने कहा कि एक आदर्श कार्यकर्ता, कुशल नेत्री, सक्षम एवं प्रभावी मंत्री, ध्येय समर्पित व्यक्तित्व के रूप में उनकी प्रतिभा हम सबकी स्मृति में सदा रहेगी।

श्री भागवत और श्री भैय्याजी जोशी ने कहा कि स्वास्थ्य की मर्यादाओं को समझकर अपने आप को भाग-दौड़ की राजनीति से मुक्त करते हुए सामाजिक कार्य में सहयोग करते रहने की इच्छा उन्होंने प्रकट की थी, लेकिन इस दु:खद घटना से हम सभी व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में घटित ऐतिहासिक पहल से वे प्रसन्न थीं और यह उन्होंने हम से विदा लेते समय भी प्रकट किया। ऐसे परिवर्तन के काल में उनका स्वर्गवास अत्यंत असहनीय है।

उन्होंने कहा, ‘‘दु:ख की इस घड़ी में हम उनके सभी परिजनों के प्रति वेदनापूर्ण संवेदना प्रकट करते हैं। ईश्वर हम सभी को यह आघात सहने का बल प्रदान करे।”

सुषमा स्वराज एक असाधारण महिला एवं नेता थीं : यूएनजीए अध्यक्ष

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक असाधारण महिला एवं नेता बताया, जिन्होंने अपना जीवन जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया।

एस्पिनोसा ने ट्वीट किया, ‘‘सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर दु:खी हूं, एक असाधारण महिला एवं नेता, जिन्होंने अपना जीवन जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया। मुझे भारत यात्रा के दौरान उनसे मिलने का मौका मिला और मैं हमेशा उन्हें याद करूंगी।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन को टैग करते हुए लिखा, ‘‘उनके सभी चाहने वालों को मेरी गहरी संवेदनाएं।”

भूटान के राजा ने सुषमा स्वराज की याद में प्रार्थना सभा का आयोजन किया

भूटान के राजा श्री जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारत की पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए हजारों दीप प्रज्जवलित किए और प्रार्थना की। पूर्व विदेश मंत्री के लिए विशेष प्रार्थना 7 अगस्त को सिम्टोखा दजोंग में आयोजित की गई। भूटान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार श्री वांगचुक ने श्रीमती स्वराज के परिवार को शोक संदेश भी भेजा। गौरतलब है कि भूटान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे नई दिल्ली में हुए श्रीमती सुषमा के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

सुषमा स्वराज जी की भावनाएं और प्रतिबद्धता बेमिसाल रही : नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 7 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के असामयिक निधन पर उनके निवास स्थान पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारतीय राजनीति का एक शानदार अध्याय समाप्त हो गया है। भारत एक ओजस्वी नेता के दु:खद निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिसने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों का जीवन बेहतर बनाने के लिए समर्पित कर दिया। सुषमा स्वराज जी अपने किस्म की एक नेता रही हैं और करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत रही हैं।

श्री मोदी ने कहा कि श्रीमती सुषमा स्वराज एक प्रबुद्ध वक्ता और उत्कृष्ट सांसद थीं। उन्होंने हमेशा प्रशंसा और सम्मान अर्जित किया। भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा और हितों के मामलों के बारे में उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने कहा कि वे एक अच्छी प्रशासक रही हैं और उन्होंने जिस भी मंत्रालय को संभाला उसमें उच्च मानक स्थापित किए हैं। विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक मंत्री के रूप में हमने कई बार उनकी सहृदयता को देखा है। उन्होंने दुनिया के किसी भी हिस्से में संकट में फंसे भारतीयों की मदद करने में कभी कसर नहीं छोड़ी।

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं पिछले पांच वर्षों में एक विदेश मंत्री के रूप में सुषमा जी द्वारा किए गए अथक परिश्रम के तौर-तरीकों को कभी नहीं भूल सकता। जब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, तब भी अपने काम के प्रति न्याय करने के लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की और हमेशा अपने मंत्रालय के मामलों को अद्यतन रखा।

उन्होंने कहा कि उनकी भावनाएं और प्रतिबद्धता बेमिसाल रही। सुषमा जी का निधन उनकी व्यक्तिगत हानि है। उन्हें भारत के लिए किए गए हर काम के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मैं संकट की इस घड़ी में उनके परिवार, समर्थकों और प्रशंसकों के साथ संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति!

श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन से बहुत दु:ख हुआ। देश ने अपनी एक अत्यंत प्रिय बेटी खोई है। वह सार्वजनिक जीवन में गरिमा, साहस और निष्ठा की प्रतिमूर्ति थीं। लोगों की सहायता के लिए वह हमेशा तत्पर रहती थीं। उनकी सेवाओं के लिए सभी भारतीय उन्हें सदैव याद रखेंगे।
– रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति

सुषमाजी मुझे हर साल राखी बांधने आती थी, लेकिन वह इस बार रक्षाबंधन पर नहीं आ पाएंगी। इस बार मैं उनकी कमी बहुत महसूस करूंगा।
– वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति

सुषमा स्वराज का सम्मान पार्टी से परे सभी करते थे। जब वह लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं, उस समय की मेरी उनसे जुड़ी काफी यादें हैं।
– मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री

वह बहुत ही मिलनसार थीं। बहुत कम उम्र में हमें उस वक्त छोड़कर चली गईं जब उन्हें अभी सार्वजनिक जीवन में रहकर बहुत योगदान देना था।
– सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष