घमंडिया गठबंधन के नेता अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लेकर चल रहे हैं : धर्मेन्द्र प्रधान

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 04 सितम्बर, 2023 को नई दिल्ली स्थित पार्टी केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में आईएनडीआईए यानी घमंडिया गठबंधन के घटक दल ‘डीएमके’ के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि के सनातन धर्म विरोधी बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मोहब्बत की दुकान चलानेवाले, नफ़रत की पुड़िया बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सनातन धर्म विरोधी बयान के खंडन करने के बजाए उसे महिमामंडित कर रही है।

आईएनडीआईए यानी घमंडिया गठबंधन पर स्तरहीन राजनीति करने का आरोप लगाते हुए श्री प्रधान ने कहा कि कुछ दिन पहले ही मुम्बई में आईएनडीएआईए यानी घमंडिया गठबंधन की बैठक हुई। वे लोग उस बैठक में नेता तो तय नहीं कर सके, लेकिन नीति जरूर बना ली। घमंडिया गठबंधन ने नीति बनायी कि सनातन धर्म को नीचा दिखाना है। उसके बाद भारत के मूल धर्म सनातन धर्म को गाली देना और अपमानित करने की प्रतिस्पर्द्धा शुरू हो गयी। कभी उदयनिधि तो कभी पूर्व वित्त मंत्री के बेटे कार्तिक चिदम्बरम, कभी कांग्रेस नेता एवं कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे तो कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शिक्षा मंत्री, कभी युवराज अखिलेश यादव के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी तो कभी अरविंद केजरीवाल जी के नेता राजेंद्र गौतम, सनातन धर्म विरोधी बयान दे रहे हैं। यह सब एक रणनीति के तहत अलग-अलग समय में बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता केसी वेणुगोपाल जी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सर्वधर्म समभाव रखती है और कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विश्वास करती है।

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी और घमंडिया गठबंधन के घटक दलों से सवाल पूछा और देश की जनता को जवाब देने की मांग की—

•• कांग्रेस नेता राहुल गांधी सनातन धर्म विरोध बयान पर अभी तक चुप क्यों हैं, जबकि वे जनेऊ धारण करनेवाले हिन्दू हैं और कभी कभी तिलक भी लगाते हैं? हम लोगों ने तब ही कहा था कि यह एक नाटक है, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे उनका नाटक स्पष्ट हो रहा है।
•• पिछले तीन दिनों से तमिलनाडु से भारत की अस्मिता, मूल विचारधारा और भारतीयता पर आक्रमण हो रहा है। इस विषय पर राहुल गांधी सामने आकर बयान क्यों नहीं देते हैं, जबकि वे छोटे छोटे मुद्दों पर सामने आकर अपना वक्तव्य देते हैं?
•• काशी-तमिल संगमम से यह स्पष्ट हुआ कि तमिल सर्व समाज की आस्था काशी से जुड़ी हुई है। उदयनिधि का बयान तामिलनाडु का नहीं है, वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं। इस मामले में राहुल गांधी चुप हैं, क्यों?
•• आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सनातन धर्म विरोधी बयान पर चुप क्यों हैं? जदयू के सुप्रीमो नीतीश कुमार क्यों चुप हैं? सनातन धर्म विरोधी बयान पर राजद के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव चुप क्यों हैं, जबकि उनके भाई तेजप्रताप तो वंशी लेकर घूमते हैं?
•• टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस तरह के बयान पर चुप क्यों हैं, जबकि ममता बनर्जी बड़े मन से दुर्गा पूजा करती हैं, भले ही टीका नहीं लगाए? समाजवादी के सुप्रीमो अखिलेश यादव सनातन विरोधी बयान पर चुप क्यों है?
•• एनसीपी के प्रमुख शरद पवार जी जिस शहर में रहते हैं, वह गणपति उत्सव के लिए विख्यात है। शरद पवार जी यानी शरद राव जी के प्रति मेरी भी व्यक्तिगत श्रद्धा है, क्योंकि वे बड़े हैं, किन्तु वे सनातन विरोधी बयान पर चुप क्यों है?

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से सवाल पूछा कि सनातन धर्म, हिन्दू धर्म को गाली देना कांग्रेस पार्टी की नीति बन गयी है क्या? जबकि भारत में जन्में सभी पंथ संप्रदाय, उपासना पद्धति और सभी मतों को देखा जाए तो वे सनातन के ही अंश है।

श्री प्रधान ने कहा कि ये लोग मोहब्बत की दुकान के नाम पर नफरत की दुकान चलाने वाले लोग हैं। घमंडिया गठबंधन के नेता अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को लेकर चल रहे हैं। इस नीति के तहत ये लोग समाज में विद्वेष पैदा करना चाहते हैं और एक तबके में भय पैदा करके उन्हें अपने पक्ष में करना चाहते हैं, ताकि उन्हें सत्ता मिल जाए।

श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की नीति स्पष्ट है कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूलमंत्र पर काम करना है। भाजपा के एजेंडे में जनता की सुख-समृद्धि और देश का विकास है, जबकि घमंडिया गठबंधन के एजेंडे में नफरत, शंका, विद्वेष, बांटो और राज करो की नीति है।