प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 53वीं कड़ी के दौरान कहा कि ‘मन की बात’ शुरू करते हुए आज मन भरा हुआ है। 10 दिन पूर्व भारत-माता ने अपने वीर सपूतों को खो दिया। इन पराक्रमी वीरों ने हम सवा-सौ करोड़ भारतीयों की रक्षा में ख़ुद को खपा दिया। देशवासी चैन की नींद सो सकें, इसलिए इन हमारे वीर सपूतों ने रात-दिन एक करके रखा था।
श्री मोदी ने कहा कि पुलवामा के आतंकी हमले में वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों को और लोगों के मन में आघात और आक्रोश है। शहीदों और उनके परिवारों के प्रति चारों तरफ संवेदनाएं उमड़ पड़ी हैं। इस आतंकी हिंसा के विरोध में जो आवेग आपके और मेरे मन में है, वही भाव हर देशवासी के अंतर्मन में है और मानवता में विश्वास करने वाले विश्व के भी मानवतावादी समुदायों में है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत माता की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश के सभी वीर सपूतों को मैं नमन करता हूं। यह शहादत आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरन्तर प्रेरित करेगी, हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी। देश के सामने आयी इस चुनौती का सामना हम सबको जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और बाकी सभी मतभेदों को भुलाकर करना है, ताकि आतंक के खिलाफ़ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़ हों, सशक्त हों और निर्णायक हों।
श्री मोदी ने कहा कि हमारे सशस्त्र बल हमेशा ही अद्वितीय साहस और पराक्रम का परिचय देते आये हैं। शांति की स्थापना के लिए जहां उन्होंने अद्भुत क्षमता दिखायी है वहीं हमलावरों को भी उन्हीं की भाषा में जबाव देने का काम किया है। आपने देखा होगा कि हमले के 100 घन्टे के भीतर ही किस प्रकार से कदम उठाये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना ने आतंकवादियों और उनके मददगारों के समूल नाश का संकल्प ले लिया है। वीर सैनिकों की शहादत के बाद मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आयी हैं उसने पूरे देश के हौंसले को और बल दिया है।
श्री मोदी ने कहा कि आजादी के इतने लम्बे समय तक हम सबको जिस वॉर मेमोरियल का इन्तजार था, वह अब ख़त्म होने जा रहा है। इसके बारे में देशवासियों की जिज्ञासा, उत्सुकता बहुत स्वाभाविक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं था। एक ऐसा मेमोरियल जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजोकर रखा जा सके। मैंने निश्चय किया कि देश में एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने नेशनल वॉर मेमोरियल के निर्माण का निर्णय लिया और मुझे खुशी है कि यह स्मारक इतने कम समय में बनकर तैयार हो चुका है। कल, यानी 25 फरवरी को हम करोड़ों देशवासी इस राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को हमारी सेना को सुपुर्द करेंगे। देश अपना कर्ज चुकाने का एक छोटा सा प्रयास करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दिल यानी वो जगह, जहां पर इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति मौजूद है बस उसके ठीक नज़दीक में, ये एक नया स्मारक बनाया गया है। मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है।