भाजपा ने किया निर्णय का स्वागत
उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले (2019) को 11 दिसंबर को सर्वसम्मति से उचित ठहराया। अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास तत्कालीन राज्य की संविधान सभा की गैरमौजूदगी में इसे रद्द करने की शक्ति है।
शीर्ष अदालत ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा।
अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बारे में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है जो 5 अगस्त, 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णय को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया; “अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में सर्वोच्च न्यायालय का आज का फैसला ऐतिहासिक है जो संवैधानिक रूप से 5 अगस्त, 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए निर्णय को बरकरार रखता है।”
उन्होंने कहा कि यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों की उम्मीद, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने अपने गहन ज्ञान से एकता के उस मूल सार को मजबूत किया है, जिसे हम भारतीय होने के नाते बाकी सभी से ऊपर मानते हैं और उसे संजोते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के सशक्त लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटल है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं कि विकास का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि हमारे समाज के उन सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जिन्होंने अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ा झेली है।
उन्होंने कहा कि आज का यह निर्णय न केवल एक कानूनी फैसला है, बल्कि यह आशा की एक किरण है, उज्ज्वल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत का निर्माण करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण भी है।
भारतीय जनता पार्टी फैसले का स्वागत करती है: जगत प्रकाश नड्डा
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 370 को लेकर दिये गये फैसले का स्वागत करती है। सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के फैसले, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को बरकरार रखा है।” आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में शामिल करने का ऐतिहासिक काम किया है, इसके लिए मैं और हमारे करोड़ों कार्यकर्ता प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।’’
धारा 370 को समाप्त करने का मोदी सरकार का निर्णय पूरी तरह संवैधानिक था: अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जम्मू और कश्मीर से धारा 370 समाप्त किए जाने के निर्णय को बरकरार रखने का स्वागत किया। ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट के माध्यम से श्री शाह ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक दूरदर्शी निर्णय लेते हुए जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर दिया था।
उन्होंने कहा कि 370 समाप्त किए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर में शांति लौटी है और हिंसा से प्रभावित हुई ज़िंदगियों को विकास ने एक नया अर्थ दिया है। श्री शाह ने कहा कि पर्यटन, कृषि जैसे क्षेत्रों के विकास ने जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आय में वृद्धि कर उन्हें समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आज के निर्णय ने यह सिद्ध कर दिया है कि धारा 370 को समाप्त करने का मोदी सरकार का निर्णय पूरी तरह संवैधानिक था।
उच्चतम न्यायालय के फैसले की मुख्य बातें
• संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था।
• राष्ट्रपति के पास संविधान सभा की सिफारिश के बिना भी अनुच्छेद 370(3) को रद्द करने की घोषणा करने वाली अधिसूचना जारी करने का अधिकार है।
• भारत का संविधान संवैधानिक शासन के लिए एक पूर्ण संहिता है।