यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली समय है: जगत प्रकाश नड्डा

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राज्यसभा में बहस

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 10 फरवरी 2024 को श्री राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण और ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह पर राज्यसभा में एक संक्षिप्त चर्चा में भाग लिया। श्री नड्डा ने कहा कि यह मंदिर मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में काम करेगा और वैश्विक संघर्षों के बीच हमें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की याद दिलाता रहेगा। सदन ने 22 जनवरी को श्री राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि जिस दिन अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में श्री राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई, वह दिन ‘देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा कि मंदिर निर्माण कभी भी भाजपा के लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं था और पार्टी ने कभी इसका फायदा उठाने की कोशिश नहीं की। यह भाजपा का आयोजन कैसे है?

‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह को भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम बनाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद वह ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह का हिस्सा नहीं बन सके।

1989 में पालमपुर सम्मेलन के दौरान लिये गए अपने संकल्प में भाजपा ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त करने करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी

मंदिर न्यास ने ही प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था, तो यह भाजपा का आयोजन कैसे हो सकता है? लेकिन अगर कुछ लोगों की अंतरात्मा समारोह में शामिल होने से इनकार करने के लिए अब उन्हें कचोट रही है, तो मैं इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता।

भाजपा ने अयोध्या का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं की

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अयोध्या के राम मंदिर पर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं की, क्योंकि इसके अभिषेक समारोह के दौरान पार्टी द्वारा एक भी राजनीतिक बयान नहीं दिया गया। श्री नड्डा ने कहा, “हमने इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं की है। जब संसद में हमारे मात्र दो (1984) सदस्य थे, तब हम राम के लिए संघर्ष कर रहे थे और जब अब हमारे 300 सदस्य हो गये, तब भी हम राम के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भाजपा की ओर से एक भी राजनीतिक बयान नहीं दिया गया। यह हमारा दृढ़ विश्वास, हमारी प्रतिबद्धता थी, जिसे हमने पूरा करने का प्रयास किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया श्री रामलला का अभिषेक

उन्होंने कहा कि एक समय वह भी था जब एक प्रधानमंत्री ने सोमनाथ मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया था और अब वर्तमान समय है जब आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने यम और नियम का पालन करते हुए संन्यासी का जीवन अपनाकर श्री रामलला का अभिषेक किया।

पालमपुर सम्मेलन के दौरान भाजपा ने लिया संकल्प

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 1989 में पालमपुर सम्मेलन के दौरान लिये गए अपने संकल्प में भाजपा ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त करने करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी। ‘भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष को मैंने अपनी आंखों से देखा है, इसका साक्षी रहा हूं और इससे मुझे शक्ति मिलती रही है।’

500 साल का संघर्ष

श्री नड्डा ने कहा कि 500 वर्षों के इस लंबे संघर्ष में कई पीढ़ियां बीत गईं। जन्मभूमि मंदिर को तोड़ने के बाद भगवान श्री राम का वनवास 500 वर्षों तक चला। इस व्यापक संघर्ष के बाद आज जब श्री रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं, तो यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवशाली समय है।

उन्होंने आगे कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम इस देश की आत्मा, मूल्य और जीवन पद्धति हैं। भगवान राम कई धार्मिक ग्रंथों में मौजूद हैं तथा कई देशों ने धार्मिक दृष्टि से भी श्रीराम को अपनाया है।