सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण हेतु हमेशा याद किया जाएगा संसद का यह मानसून सत्र : नरेंद्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त को ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 47वीं कड़ी के दौरान कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लोकसभा की उत्पादकता 118% और राज्यसभा की 74% रही। दलहित से ऊपर उठकर सभी सांसदों ने मानसून सत्र को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया और इसी का परिणाम है कि लोकसभा ने 21 विधेयक और राज्यसभा ने 14 विधेयकों को पारित किया।

श्री मोदी ने कहा कि संसद का ये मानसून सत्र सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। इस सत्र में युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुंचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया। आप सबको पता है कि दशकों से SC/ST कमीशन की तरह ही OBC कमीशन बनाने की मांग चली आ रही थी। पिछड़े वर्ग के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए देश ने इस बार OBC आयोग बनाने का संकल्प पूरा किया और उसको एक संवैधानिक अधिकार भी दिया। यह कदम सामाजिक न्याय के उद्देश्य को आगे ले जाने वाला सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संशोधन विधेयक को भी पास करने का काम इस सत्र में हुआ। यह कानून SC और ST समुदाय के हितों को और अधिक सुरक्षित करेगा। साथ ही यह अपराधियों को अत्याचार करने से रोकेगा और दलित समुदायों में विश्वास भरेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की नारी शक्ति के खिलाफ़ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता। बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पास कर कठोरतम सज़ा का प्रावधान किया है। दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सज़ा होगी, वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने पर फांसी की सज़ा होगी। श्री मोदी ने कहा कि यह कानून महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ़ अपराध के मामलों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभायेगा। सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति अधूरी है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में तीन तलाक़ बिल को पारित कर दिया गया। हालांकि, राज्यसभा के इस सत्र में संभव नहीं हो पाया है। मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताक़त से साथ खड़ा है। जब हम देशहित में आगे बढ़ते हैं तो ग़रीबों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। मानसून सत्र में इस बार सबने मिलकर एक आदर्श प्रस्तुत कर दिखाया है। मैं देश के सभी सांसदों को सार्वजनिक रूप से आज हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया। एक ऐसे राष्ट्र नेता, जिन्होंने 14 वर्ष पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था। एक प्रकार से गत् 10 वर्ष से वे सक्रिय राजनीति से काफ़ी दूर चले गए थे। ख़बरों में कहीं दिखाई नहीं देते थे, सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आते थे। 10 साल का अन्तराल बहुत बड़ा होता है, लेकिन 16 अगस्त के बाद देश और दुनिया ने देखा कि हिन्दुस्तान के सामान्य मानवी (मानव) के मन में ये दस साल के कालखंड ने एक पल का भी अंतराल नहीं होने दिया।

श्री मोदी ने कहा कि अटल जी के लिए जिस प्रकार का स्नेह, जो श्रद्धा और जो शोक की भावना पूरे देश में उमड़ पड़ी, वो उनके विशाल व्यक्तित्व को दर्शाती है। पिछले कई दिनों से अटल जी के उत्तम से उत्तम पहलू देश के सामने आ ही गए हैं। लोगों ने उन्हें उत्तम सांसद, संवेदनशील लेखक, श्रेष्ठ वक्ता, लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया है और करते हैं। सुशासन को मुख्य धारा में लाने के लिए यह देश सदा अटल जी का आभारी रहेगा।