आज असम के लिए एक सुनहरा दिन : अमित शाह

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उल्फा के साथ शांति समझौते पर हुए हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 29 दिसंबर को कहा कि उल्फा के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर से असम में स्थायी प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने पोस्ट कर यह जानकारी दी कि भारत सरकार और असम सरकार ने राज्य के सबसे पुराने विद्रोही समूह उल्फा के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। विद्रोही समूह ने हिंसा का मार्ग त्यागने, सभी हथियार एवं गोला-बारूद सौंपने, विधि द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने और देश की अखंडता को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री ने जवाब में एक्स पर पोस्ट किया, “आज का दिन शांति और विकास की दिशा में असम की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह समझौता असम में स्थायी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मैं इस ऐतिहासिक उपलब्धि में शामिल सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करता हूं। साथ मिलकर हम सब एकता, विकास और सभी के लिए समृद्धि के भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों के बीच 29 दिसंबर को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शांतिपूर्ण, समृद्ध और उग्रवाद-मुक्त पूर्वोत्तर और असम में स्थायी शांति और सर्वांगीण विकास के सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा कि आज असम के लिए एक सुनहरा दिन है, जब लंबे समय से हिंसा का दंश झेल रहे नॉर्थईस्ट और असम में शांति स्थापित होने जा रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से दिल्ली और नॉर्थईस्ट के बीच की दूरी कम करने के प्रयास हुए और खुले मन से सबके साथ बातचीत की शुरुआत हुई।

पिछले 5 वर्षों में विभिन्न राज्यों के साथ शांति और सीमा संबंधित हुए 9 समझौते

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के मार्गदर्शन में ही उग्रवाद, हिंसा और विवाद-मुक्त नॉर्थईस्ट की परिकल्पना लेकर गृह मंत्रालय ने काम किया। उन्होंने कहा कि पूरे नॉर्थईस्ट में पिछले 5 वर्षों में विभिन्न राज्यों के साथ शांति और सीमा संबंधित 9 समझौते हुए हैं, जिनके कारण आज नॉर्थईस्ट के बड़े हिस्से में शांति की स्थापना हुई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज तक 9000 से अधिक कैडर ने सरेंडर किया है और असम के 85 प्रतिशत हिस्से से AFSPA को हटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और उल्फा के बीच हो रहे त्रिपक्षीय समझौते से पूरे असम के सभी हिंसक गुटों को समाप्त करने में मोदी सरकार को सफलता मिली है।

श्री शाह ने कहा कि आज हुआ समझौता असम और पूरे नॉर्थईस्ट में शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज के समझौते के तहत उल्फा प्रतिनिधियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने, सभी हथियार डालने और अपने सशस्त्र संगठन को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके अलावा, उल्फा अपने सशस्त्र कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने, कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने और देश की अखंडता को बनाए रखने पर भी सहमत हुआ है।

उल्फा संघर्ष में मारे गए 10 हज़ार लोग

श्री अमित शाह ने कहा कि उल्फा संघर्ष में दोनों पक्षों के लगभग 10 हज़ार लोग मारे गए जो इस देश के ही नागरिक थे, लेकिन आज इस समस्या का संपूर्ण समाधान हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एक बहुत बड़े पैकेज और असम के विकास के प्रोजेक्ट्स को भी सहमति दी है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार समझौते की हर बात पर पूरी तरह अमल करेगी और इस पर खरी उतरेगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आने के बाद असम में हिंसक घटनाओं में 87 प्रतिशत, मृत्यु में 90 प्रतिशत, अपहरण में 84 प्रतिशत की कमी आयी है और अकेले असम में अब तक 7500 कैडर ने सरेंडर किया है, जिसमें आज 750 और जुड़ जाएंगे। इस प्रकार अकेले असम में 8200 से अधिक कैडर द्वारा आत्मसमर्पण किया जाना असम के लिए शांति के नए युग का सूत्रपात है।

पूरे नॉर्थईस्ट और विशेषकर असम के लिए शांति के नए युग की शुरुआत

श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2019 में एनएलएफटी, 2020 में ब्रू, बोड़ो, 2021 में कार्बी, 2022 में आदिवासी समझौता, असम-मेघालय सीमा समझौता, 2023 में असम-अरूणाचल सीमा समझौता और यूएनएलएफ और आज उल्फा के साथ समझौता किया है। उन्होंने कहा कि आज इस समझौते के साथ ही पूरे नॉर्थईस्ट और विशेषकर असम के लिए शांति के नए युग की शुरुआत होने जा रही है।

श्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय उल्फा की मांगों को पूरा करने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाएगा और इसकी मॉनीटरिंग के लिए एक समिति भी बनाई जाएगी, जो असम सरकार के साथ मिलकर समझौते को पूरा करने का प्रयास करेगी। श्री शाह ने कहा कि 2019 के बाद हुए सभी समझौतों में मोदी सरकार समय से आगे है और समय़ पूर्व सभी शर्तों को पूरा करने का प्रयास किया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के उग्रवाद-मुक्त नॉर्थईस्ट के ब्रॉडर विज़न के बिना ये संभव नहीं था।