नहीं रहे केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार

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                                                              (22 जुलाई 1959 – 12 नवंबर 2018)

 

केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार का 12 नवंबर को निधन हो गया। वह 59 वर्ष के थे। उनके निधन पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।

यही नहीं, कैबिनेट ने भी श्री अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया। कैबिनेट की विशेष बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि उऩके जाने से राष्ट्र ने एक अनुभवी नेता खो दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे 13 नवंबर को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें सरकार और समूचे राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की गई।

जीवन परिचय

श्री अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलूरू में हुआ था। उन्होने कर्नाटक विश्वविद्यालय, हुबली से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक उपाधि और कर्नाटक विश्वविद्यालय के अंतर्गत जेएसएस लॉ कॉलेज से कानून में उपाधि प्राप्त की।

श्री अनंत कुमार ने विद्यार्थी कार्यकर्ता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी की कर्नाटक शाखा के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी बने। बाद में वे कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष बने। उनके कुशल प्रबंधन से कर्नाटक राज्य में भारतीय जनता पार्टी का विस्तार हुआ और पार्टी ने अंततः स्वयं के बलबूते पर सरकार बनाई। वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य सचिव थे।
वे 1996 में बेंगलूरू साउथ से पहली बार लोक सभा के लिये चुने गये थे। 1998 में जब वे दूसरी बार सांसद बने तो वाजपेयी कैबिनेट में उन्हें सबसे युवा मंत्री बनाया गया और नागर विमानन विभाग दिया गया। उन्होंने लोकसभा की प्रतिष्ठित बेंगलूरू साउथ सीट से जीवन के अंतिम दिन तक छह बार प्रतिनिधित्व किया।

अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने पर्यटन मंत्री; संस्कृति, युवा मामले और खेल; शहरी विकास और गरीबी उपशमन; तथा ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में काम किया। वे कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य भी रहे।

श्री अनंत कुमार एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता थे और वे अपने स्वयंसेवी संगठनों के जरिए अनेक सामाजिक सेवा परियोजनाओं का संचालन करते थे। इनमें सरकार की मदद से उपेक्षित स्कूली बच्चों को पौष्टिक मध्यान्न भोजन उपलब्ध कराना, बेंगलूरू की तंग बस्तियों में स्थित विभिन्न स्कूलों के लिये ऐसी मोबाइल यूनिट का संचालन करना जिसमें शैक्षिक उपकरण लगे होते थे, सरकारी स्कूलों को गोद लेना ताकि उनमें पेयजल और अन्य सुविधायें प्रदान की जा सके तथा उपेक्षित वर्गों, विशेषकर लड़कियों और महिलाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का संचालन जैसी गतिविधियां शामिल थी। उन्होने ‘ग्रीन बेंगलूरू 1:1’ अभियान, शुरू किया, गया जिसका लक्ष्य 1 करोड़ पौधे लगाते हुए बेंगलूरू का हरित क्षेत्र बढ़ाना था।

केंद्रीय मंत्री एवं अनुभवी सांसद श्री एच.एन.अनंत कुमार के निधन के बारे में जानकर दु:ख हुआ। यह हमारे देश के सार्वजनिक जीवन को और खासकर कर्नाटक के लोगों के लिए बड़ा नुकसान है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, साथियों एवं असंख्य मित्रों के साथ हैं।
— राम नाथ कोविंद, राष्ट्रपति

 

संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार के असामयिक निधन के बारे में जानकर मुझे सदमा लगा है और मैं काफी दुःखी हुआ हूं। श्री कुमार छात्र आंदोलन से लेकर संसद तक की जीवन यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण सहकर्मी रहे। वे एक समर्पित राष्ट्रवादी, विख्यात और प्रिय नेता तथा एक विशिष्ट राजनेता थे।
उनके निधन से भारतीय लोकतंत्र और राज्य व्यवस्था को अपूरणीय क्षति हुई है। मेरी प्रार्थना है कि परमात्मा उनके परिजनों, दोस्तों और प्रियजनों को इस अत्यंत कठिन समय से उबरने की शक्ति और साहस प्रदान करें।
— एम. वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति

अपने महत्वपूर्ण सहयोगी और मित्र श्री अनंत कुमार के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। वे एक ऐसे महत्वपूर्ण नेता थे, जिन्होंने कम उम्र में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और कर्मठता तथा दयाभाव के साथ समाज की सेवा करते रहे। उनके अच्छे कार्य के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
मैंने उनकी धर्मपत्नी डॉ. तेजस्विनी जी से बात की और श्री अनंत कुमार के निधन पर संवेदना व्यक्त कीं। इस दुखद घड़ी में उनके पूरे परिवार, दोस्तों और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ॐ शांति।
— श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

मैं केंद्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार के असमय निधन से अत्यंत दु:खी हूं। इतनी कम आयु में निधन हम सब और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे गरीबों के लोकप्रिय और जमीन से जुड़े नेता थे। वह एक असाधारण नेता थे, जो कम आयु में सार्वजनिक जीवन में आये और उनमें जबर्दस्त इच्छाशक्ति थी। उन्होंने राजनीति में अपने लिए एक विशेष स्थान बनाया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
— लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उपप्रधानमंत्री

 

यह जानकर सदमा लगा और बेहद दु:ख हुआ कि हमारे वरिष्ठ साथी अनंत कुमार जी अब हमारे साथ नहीं रहे। वे एक अनुभवी सांसद थे। उन्होंने कई क्षमताओं में देश की सेवा की। लोगों का कल्याण करने का उनका जज्बा और निष्ठा सराहनीय रही। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
— राजनाथ सिंह, गृहमंत्री

श्री अनंत कुमार का निधन देश, कर्नाटक राज्य, सरकार और मेरी पार्टी के लिए बड़ा नुकसान है। यह उनके नेतृत्व का ही फल था कि पार्टी को भारत के दक्षिणी हिस्सों में स्थापित होने के लिए पहला कदम मिला।
— अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री

अनंत कुमार के निधन के बारे में जानकर दु:खी हूं। वह मेरे छोटे भाई की तरह थे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत नुकसान है।
— सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार जी के आकस्मिक निधन का समाचार सुनकर मैं स्तब्ध और अत्यंत दुखी हूं। वे एक समर्पित जनसेवक, प्रतिबद्ध कार्यकर्ता, कुशल प्रशासक एवं उत्कृष्ट राजनेता थे।


बहुआयामी प्रतिभा के धनी श्री अनंत कुमार लगातार छः बार बंगलोर दक्षिण से लोक सभा सांसद रहे। वे वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय कार्य मंत्री थे। इससे पहले उन्होंने अटल सरकार में भी कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभाला था। वे कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वे 2004 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त हुए। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य राज्यों में प्रभारी के तौर पर भी कुशलतापूर्वक कार्य किया। आपातकाल के दौरान देश मे लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया, जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। बाल्यकाल से ही वे स्वयंसेवक रहे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। पार्टी, संगठन, विचारधारा और देश के लिए उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

सौम्य व्यक्तित्त्व, कुशल सांगठनिक क्षमता, ओजस्वी वक्ता और जनता से जुड़ी समस्याओं को उठाने वाले एक जुझारू नेता के रूप में श्री अनंत कुमार सदैव याद किये जायेंगे। श्री अनंत जी का निधन न केवल भारतीय जनता पार्टी, अपितु देश की राजनीति के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। इससे देश के राजनैतिक एवं सामाजिक जीवन में ऐसी रिक्तता आई है जिसकी भरपाई मुश्किल है। उनके निधन से देश ने जनता के लिए काम करने वाले एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता और कुशल संगठनकर्ता को खो दिया है।

दुःख की इस घड़ी में मैं स्वयं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। साथ ही भगवान से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को धैर्य और साहस प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ॐ शांति।
— अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा