योग हमें शांति देता है : नरेन्द्र मोदी

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आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, मैसूर (कर्नाटक)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हजारों लोगों के साथ मैसूर पैलेस ग्राउंड में विराट योग प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, मुख्यमंत्री श्री बासवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानन्द सोनोवाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून को आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मैसूर पैलेस ग्राउंड में योगाभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैसुरु जैसे आध्यात्मिक केंद्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वह योग-ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है और योग मानव मात्र को निरोग जीवन का विश्वास दे रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि योग घरों की चहारदीवारी से बाहर निकलकर पूरे विश्व में फैल गया है और यह आध्यात्मिक बोध, प्राकृतिक और साझा मानव चेतना का प्रतीक बन गया है, खासतौर से अभूतपूर्व महामारी के पिछले दो वर्षों के दौरान। उन्होंने कहा कि योग अब वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं, संपूर्ण मानवता के लिये है। इसलिये, इस बार योग दिवस का थीम है– मानवता के लिए योग। श्री मोदी ने इस थीम को विश्वस्तर पर अपनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र और सभी देशों को धन्यवाद दिया।

योग अब वैश्विक पर्व बन गया है। योग किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं, संपूर्ण मानवता के लिये है। इसलिये, इस बार योग दिवस का थीम है– मानवता के लिए योग

मनीषियों का उद्धरण देते हुये श्री मोदी ने कहा कि योग हमें शांति देता है। योग से प्राप्त शांति किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं है। योग हमारे समाज में शांति लाता है। योग हमारे राष्ट्रों और विश्व में शांति लाता है और योग हमारे ब्रह्माण्ड में शांति लाता है। उन्होंने आगे कहा कि यह पूरा ब्रह्माण्ड हमारे अपने शरीर और आत्मा से आरंभ होता है। ब्रह्माण्ड हमसे आरंभ होता है और योग हमें भीतर से चेतन करता है और जागरूकता की भावना पैदा करता है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत में इस बार योग दिवस हम एक ऐसे समय पर मना रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है। योग दिवस की यह व्यापकता, यह स्वीकार्यता भारत की उस अमृत भावना की स्वीकार्यता है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जा दी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि देशभर के उन 75 प्रमुख स्थलों पर विराट योग प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है, जो भारत के गौरवशाली इतिहास के साक्षी रहे हैं तथा जो सांस्कृतिक ऊर्जा के केंद्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के ऐतिहासिक स्थलों पर सामूहिक योगाभ्यास का अनुभव भारत के अतीत, भारत की विविधता और भारत के विस्तार को एक सूत्र में पिरोने जैसा है।

श्री मोदी ने अभिनव कार्यक्रम ‘गार्डियन योग रिंग’ के बारे में भी बताया, जो विदेश में भारतीय मिशनों के साथ-साथ 79 देशों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों द्वारा किये जाने वाले सामूहिक योगाभ्यास के जरिये योग की एकीकरण ऊर्जा का प्रदर्शन से सम्बंधित है तथा जिसने राष्ट्रीय सीमाओं को पार कर लिया है। सूर्य जैसे-जैसे पूर्व से पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है, योग में हिस्सा लेने वाले देशों में विराट योगाभ्यास हो रहा है। अगर पृथ्वी के किसी एक बिंदु से देखा जाये, तो ऐसा लगेगा कि यह सब-कुछ एक के बाद एक, लगभग बारी-बारी से घटित हो रहा है। यही है ‘वन सन, वन अर्थ’ की अवधारणा। उन्होंने कहा कि योग के ये प्रयोग स्वास्थ्य, संतुलन और सहयोग की अद्भुत प्रेरणा दे रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि योग हमारे लिये केवल जीवन का अंग नहीं है, आज यह जीने का तरीका बन गया है। उन्होंने कहा कि योग किसी समय और स्थान विशेष तक सीमित नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें शांत कर देता है, हमारी उत्पादकता बढ़ा देता है। इसलिये, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है। हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है। हमें योग को पाना भी है, हमें योग को अपनाना भी है। जब हम योग को जीना शुरू करते हैं, तो योग दिवस योगाभ्यास भर करने के लिये नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, आनन्द और शांति के मंगलोत्सव का माध्यम बन जाता है।

श्री मोदी ने कहा कि आज समय आ गया है कि हम योग से जुड़ी अनन्त संभावनाओं को पहचानें। आज हमारे युवा बड़ी संख्या में योग क्षेत्र में नये विचार लेकर आ रहे हैं। उन्होंने आयुष मंत्रालय के स्टार्ट-अप योग चैलेंज के विषय में भी बताया। श्री मोदी ने ‘योग के प्रोत्साहन और विकास के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार’ के 2021 के विजेताओं को बधाई दी।

आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर्व को आजादी के अमृत महोत्सव के साथ संलग्न करते हुये विराट योग प्रदर्शनों का आयोजन देशभर के 75 प्रमुख स्थलों पर किया जा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री के मैसुरु में योगाभ्यास के साथ 75 केंद्रीय मंत्रियों की अगुवाई में हो रहा है। योगाभ्यास विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, औद्योगिक और अन्य सिविल सोसायटी संगठनों द्वारा भी किया जा रहा है, जिनमें देशभर के करोड़ों लोग हिस्सा ले रहे हैं।

मैसुरु में प्रधानमंत्री का योग कार्यक्रम अभिनव कार्यक्रम ‘गार्डियन योग रिंग’ का हिस्सा है, जो विदेश में भारतीय मिशनों के साथ-साथ 79 देशों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों द्वारा किये जाने वाले सामूहिक योगाभ्यास से जुड़ा है, ताकि राष्ट्रीय सीमाओं से परे योग की एकीकरण ऊर्जा प्रकट हो सके।
वर्ष 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरे विश्व में हर वर्ष 21 जून को मनाया जा रहा है। इस वर्ष के योग दिवस की विषयवस्तु ‘मानवता के लिये योग’ है। यह विषयवस्तु बताती है कि कोविड महामारी के दौरान बीमारी की पीड़ा हरने में कैसे योग ने मानव मात्र की सेवा की।

मुख्य बिंदु

• आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मैसुरु के मैसूर पैलेस ग्राउंड पर प्रधानमंत्री विराट योग प्रदर्शन में सम्मिलित हुये; मैसूर में प्रधानमंत्री के योग कार्यक्रम के साथ-साथ देशभर के 75 प्रमुख स्थलों पर विराट योग प्रदर्शन
• देशभर में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भी विराट योग प्रदर्शनों का आयोजन, जिनमें करोड़ों लोग ने भागीदारी की
• प्रधानमंत्री का मैसुरु का योग कार्यक्रम ‘वन सन, वन अर्थ’ की अवधारणा को रेखांकित करने वाले अभिनव कार्यक्रम ‘गार्डियन योग रिंग’ का अंग
• योग किसी व्यक्ति मात्र के लिये नहीं, संपूर्ण मानवता के लिये है
• योग से हमारे समाज, राष्ट्रों, विश्व और हमारे ब्रह्माण्ड में शांति आती है
• योग दिवस की यह व्यापकता, यह स्वीकार्यता भारत की उस अमृत भावना की स्वीकार्यता है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को ऊर्जा दी थी
• भारत के ऐतिहासिक स्थलों पर सामूहिक योगाभ्यास का अनुभव भारत के अतीत, भारत की विविधता और भारत के विस्तार को एक सूत्र में पिरोने जैसा है
• योगाभ्यास से स्वास्थ्य, संतुलन और सहकारिता के लिये अद्भुत प्रेरणा मिलती है
• आज समय आ गया है कि हम योग से जुड़ी अनन्त संभावनाओं को पहचानें
• जब हम योग को जीना शुरू करते हैं, तो योग दिवस हमारे स्वास्थ्य, आनन्द और शांति के मंगलोत्सव का माध्यम बन जाता है

योग ने हमें जोड़ने का काम किया है : जगत प्रकाश नड्डा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 21 जून, 2022 को 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर नोएडा, उत्तर प्रदेश के नोएडा स्टेडियम में दीप प्रज्ज्वलित कर विशाल योग शिविर का शुभारम्भ किया और लगभग दो हजार से अधिक लोगों के साथ योग किया। इस अवसर पर सांसद डॉ. महेश शर्मा, राज्य सभा सांसद श्री सुरेंद्र नागर, नोएडा विधायक श्री पंकज सिंह सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस योग शिविर का आयोजन आयुष विभाग, नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन, भारत विकास परिषद‌्, नोएडा प्राधिकरण व जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया।

आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए श्री नड्डा ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी लोग योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और स्वस्थ एवं खुशहाल रहें। योग स्वास्थ्य, कल्याण और शांति के लिए विश्व को भारत की ओर से दिया गया अमूल्य उपहार है। योग में शांति, करुणा, भाईचारे के एक नए युग की शुरुआत करने और मानव जाति की सर्वांगीण प्रगति करने की क्षमता है। योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है। इसलिए इस बार के ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022’ की थीम है– ‘मानवता के लिए योग’ अर्थात् ‘Yoga for Humanity.’ इसलिए, मानवता की सेवा और मानवता की रक्षा के लिए भी योग का सहारा लिया जाना चाहिए। इस बार की थीम इसी बात पर बल देती है।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल एवं सक्षम नेतृत्व और उनके अथक प्रयासों के बल पर ही भारतीय संस्कृति की लगभग 5,000 साल पुरानी योग विद्या आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसे लगभग 77 देशों ने समर्थन देते हुए सह-प्रस्तावित किया था। तीन महीने के भीतर-भीतर ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी और 21 जून, 2015 से प्रति वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

उन्होंने कहा कि आज हमने 8वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर नोयडा के स्टेडियम में योग अभ्यास किया। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के 75 हजार स्थानों पर ‘योग दिवस’ मनाया जा रहा है। भाजपा इसके माध्यम से योग के प्रचार-प्रसार के लिए और योग को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों स्थलों में से ही नोयडा का यह स्टेडियम है। योग दिवस पर आप सबलोग के जुड़ने के लिए मैं आप सब का अभिनंदन और स्वागत करता हूं।

भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर योग विद्या पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने कहा कि अभी जो योग का अभ्यास किया गया है, यह भारत की पुरातन काल की एक महत्वपूर्ण एवं अमूल्य विद्या है जो मन, शरीर और आत्मा को स्वस्थ रखने का प्रयोजन है। यह सिर्फ शरीर को ठीक करने का ही अभ्यास नहीं है। इसका नाम ‘योग’ है, योग का मतलब होता है जोड़, जोड़ा जाना। जब शरीर, मन, आत्मा और बुद्धि– चारों एक साथ जुड़ते हैं तो उसे योग कहते हैं। शरीर के अभ्यास के साथ मेडिटेशन और मेडिटेशन के साथ एक संपूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास ही योग है।

श्री नड्डा ने कहा कि योग ने हमें जोड़ने का काम किया है। हम सब अपने जीवन को योग के साथ जोड़कर स्वस्थ एवं खुशहाल रहें।