‘एमएसएमई’ को बढ़ावा देने के लिए 6,062.45 करोड़ रुपये की नई योजना को मिली मंजूरी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 30 मार्च को ‘एमएसएमई के प्रदर्शन को बेहतर और तेज करने (आरएएमपी या रैम्प)’ पर 808 मिलियन अमेरिकी डॉलर या 6,062.45 करोड़ रुपये के विश्व बैंक से सहायता प्राप्त कार्यक्रम को मंजूरी दी। आरएएमपी या रैम्प एक नई योजना है और इसकी शुरुआत वित्त वर्ष 2022-23 में होगी।

इस योजना के लिए कुल परिव्यय 6,062.45 करोड़ रुपये है, जिनमें से 3750 करोड़ रुपये या 500 मिलियन डॉलर विश्व बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त होंगे और शेष 2312.45 करोड़ रुपये या 308 मिलियन डॉलर का इंतजाम भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

रैम्प योजना देश भर में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन सभी 63 मिलियन उद्यमों को लाभान्वित करेगी, जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की अर्हता रखते हैं। कुल 5,55,000 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने की दृष्टि से विशेष रूप से लक्षित किया गया है। इसके अलावा, इस योजना के तहत सेवा क्षेत्रों को शामिल करने के लिए लक्षित बाजार का विस्तार करने और लगभग 70,500 महिला एमएसएमई की वृद्धि करने की परिकल्पना की गई है।