भारतीय नौसेना में शामिल हुई ‘तारिणी’

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समुद्र में चलने वाली सेलबोट आईएऩएसवी तारिणी को गोवा में 18 फरवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना प्रमुख एडमिरल श्री सुनील लांबा की उपस्थिति में इसे आईएनएस मनदोवी के बोट पूल में शामिल किया गया। यह नौका भारतीय महिलाओं के सबसे पहले दल को दुनिया की सैर पर लेकर जाएगी, जिसे भारतीय नौसेना द्वारा अगस्त में शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर एडमिरल श्री सुनील लांबा ने घोषणा की कि उसके सभी महिलाओं क्रू का बेहद चुनौतीपूर्ण अभियान अगस्त 2017 में शुरू किए जाने की उम्मीद है। महिलाओं के चालक दल के बारे में उन्होंने कहा कि टीम आईएनएसवी महादेई पर 10,000 से अधिक नौटिकल मील की यात्रा कर चुकी है।

आईएनएसीवी तारिणी का निर्माण गोवा की मैसर्स एक्वेरियस शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड, दिवर ने किया है। एल्युमिनियम और स्टील की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के लिए नौका का ढांचा लकड़ी और फाइबर ग्लास से बना है। आईएनएसवी तारिणी में 6 सूट हैं। नवनिर्मित आईएनएसवी तारिणी के ट्रायल 30 जनवरी, 2017 को सफलतापूर्वक संपन्न हो गए थे।

इस नौका की डिजाइन ओडिशा के गंजाम जिले के प्रसिद्ध तारा तारिणी मंदिर से प्रेरित है। तारिणी शब्द का अर्थ होता है नौका और संस्कृत में इसका मतलब होता है तारने वाला। समुद्री नौवहन गतिविधियों और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने विश्व के पहले भारतीय महिला परिनौसंचालन अभियान की परिकल्पना की है। इस परियोजना के लिए लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में 6 महिला अधिकारियों के दल का चयन किया गया है। इन अधिकारियों ने आईएनडब्ल्यूटीसी, मुंबई में नौवहन का मौलिक प्रशिक्षण लिया है।