पिछले 3 वर्षों में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) से खरीद में 10 गुना बढ़ोतरी

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31 मार्च, 2023 तक जीईएम ने वित्त वर्ष 2022-23 में 2 लाख करोड़ रुपये का
विशाल सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) दर्ज किया

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 26 जून को बताया कि पिछले तीन वर्षों में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) से खरीद में ‘10 गुना’ बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकारी पोर्टल जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की कुल खरीद वित्त वर्ष 2022-23 में 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी, क्योंकि यह वर्ष 2022-23 में पहले ही 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि जीईएम ने भारत में सरकारी खरीद के तरीके को रूपांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2016 में स्थापित जीईएम का गठन देश के सार्वजनिक खरीद परिदृश्य में एक आमूलचूल परिवर्तन लाने के विजन के साथ किया गया था। इस प्लेटफ़ॉर्म ने खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता, दक्षता और लागत-प्रभावशीलता को सक्षम बनाया, जिससे खरीदारों के लिए देश भर के विक्रेताओं से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करना सरल हो गया है।

31 मार्च, 2023 तक जीईएम ने वित्त वर्ष 2022-23 में 2 लाख करोड़ रुपये का विशाल सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) दर्ज किया था। संचयी रूप से जीईएम ने अपने हितधारकों की भरपूर सहायता के साथ अपनी स्थापना के बाद से 4.29 लाख करोड़ रुपये के जीएमवी को पार कर लिया है।

जीईएम पर लेन-देन की कुल संख्या भी 1.54 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इस पोर्टल में 11,800 से अधिक उत्पाद श्रेणियों के साथ-साथ 280 से अधिक सेवा श्रेणियां शामिल हैं। विभिन्न अध्ययनों के आधार पर इस प्लेटफ़ॉर्म पर न्यूनतम बचत लगभग 10 प्रतिशत है, जो 40,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की बचत में बदल जाती है।

दरअसल, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 9 अगस्त, 2016 को सरकारी ई-मार्केट (जीईएम) पोर्टल लॉन्च किया गया था। जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं, जो उत्पादों और सेवाओं की एक व्यापक शृंखला प्रस्तुत करते हैं।