मेघालय एकीकृत परिवहन परियोजना के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच हुआ 120 मिलियन डॉलर का कर्ज समझौता

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भारत सरकार, मेघालय सरकार और विश्व बैंक ने 19 नवंबर को मेघालय राज्य के परिवहन क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण से संबंधित 120 मिलियन डॉलर की परियोजना के लिए एक समझौता किया। इससे मेघालय को अपनी बहुमूल्य कृषि और पर्यटन क्षेत्र में मौजूद विकास की संभावनाओं के दोहन में सहायता मिलेगी। इस परियोजना से नवाचार, जलवायु के प्रति लचीले और प्रकृति आधारित समाधानों के इस्तेमाल के द्वारा 300 किलोमीटर लंबे सामरिक मार्ग खंड और स्टैंडअलोन सेतुओं में सुधार किया जाएगा। इससे निर्माण में लगने वाला समय और लागत में कमी के लिए प्रीकास्ट सेतु जैसे नवीन समाधानों को भी बढ़ावा मिलेगा।

दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों और मुश्किल जलवायु परिस्थितियों के चलते मेघालय का परिवहन काफी चुनौतीपूर्ण है। वर्तमान में राज्य की 5,362 बस्तियों में से आधी परिवहन संपर्क की कमी से जूझ रही हैं।

विश्व बैंक के परिचालन प्रबंधक (भारत) श्री हिदेकी मोरी ने कहा कि इस परियोजना से मेघालय के विकास की संभावनाओं को दो प्रकार से बढ़ाया जाएगा। राज्य के भीतर इससे बेहद जरूरी परिवहन संपर्क उपलब्ध होगा। इससे मेघालय को बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल कॉरिडोर के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बड़े संपर्क केन्द्र के रूप में भी स्थापित किया जाएगा।

इस परिचालन से कोविड-19 महामारी के चलते प्रभावित गतिविधियों को फिर से शुरू करने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के ‘रीस्टार्ट मेघालय मिशन’ को भी समर्थन मिलेगा। इससे परिवहन सेवाओं को बहाल करने और लगभग 8 मिलियन मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने में सहायता मिलेगी।

इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) से मिले 120 मिलियन डॉलर के कर्ज की परिपक्वता अवधि 6 साल के ग्रेस पीरियड के साथ 14 साल होगी।