भारत-रूस के बीच हुए 15 समझौते

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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रूस की दो दिवसीय (4-5 सितम्बर) ऐतिहासिक यात्रा की। रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में श्री मोदी ने 4 सितम्बर को रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों पक्षों के बीच 15 अहम समझौते हुए। साथ ही साथ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि रक्षा जैसे स्ट्रेटेजिक क्षेत्र में भी रूसी उपकरणों के स्पेयर पार्ट्स भारत में दोनों देशों के जॉइंट वेंचर्स द्वारा बनाने पर आज हुआ समझौता इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा। यह समझौता और इस साल के शुरू में AK-203 का जॉइंट वेंचर्स ऐसे कदम हैं जो हमारे रक्षा सहयोग को क्रेता-विक्रेता के सीमित परिवेश से बाहर सह-निर्माण का ठोस आधार दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में रूस के सहयोग से बन रहे न्यूक्लियर प्लांट्स के बढ़ते स्थानीयकरण से इस क्षेत्र में भी हमारे बीच सही मायनों में भागेदारी विकसित हो रही है। दूसरा, हमारे रिश्तों को हम राजधानियों के बाहर भारत के राज्यों और रूस के क्षेत्रों तक ले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का किया दौरा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन के साथ 4 सितंबर को ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया और उसके प्रबंधकों एवं अन्य कर्मियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री श्री मोदी के यार्ड के दौरे के समय राष्ट्रपति श्री पुतिन भी उनके साथ थे। ज्वेज्दा यार्ड जाने से पहले दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया। श्री मोदी ने यार्ड के प्रबंधकों एवं कर्मियों से बातचीत की।

भारत और फार ईस्ट का रिश्ता बहुत पुराना है : नरेंद्र मोदी

5 वें पूर्वी आर्थिक मंच के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और फार ईस्ट का रिश्ता आज का नहीं बहुत पुराना है। भारत वो पहला देश है व्लादिवास्तोक में अपना कांसुलेट खोला। तब भी और उससे भी पहले भारत और रूस के बीच बहुत ही भरोसा था। सोवियत रूस के समय भी जब अन्य विदेशियों पर यहां आने पर पाबंदियां थीं, व्लादिवास्तोक भारतीय नागरिकों के लिए खुला था।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि रक्षा और विकास का बहुत सा साजो-सामान व्लादिवास्तोक के जरिये भारत पहुंचता था और आज इस भागीदारी का पेड़ अपनी जड़ें गहरी कर रहा है। दोनों देशों के लोगों के लिए सुख-समृद्धि का सहारा बन रहा है। भारत ने यहां एनर्जी सेक्टर और दूसरे नेचुरल रिसोर्सेज जैसे डायमंड में महत्वपूर्ण निवेश किया है। सखालिन के आयल फ़ील्ड्स भारतीय निवेश की सफलता का एक उत्तर उदाहरण है।

प्रधानमंत्री की व्लादिवोस्तक यात्रा के दौरान हुए प्रमुख समझौते

भारतीय गणराज्य और रूसी संघ की सरकार के बीच रूसी/सोवियत सेना के उपकरणों के लिए कलपुर्जों का उत्पादन करने संबंधी समझौता।

भारतीय गणराज्य और रूसी संघ की सरकार के बीच मिलकर ऑडियो/विजुअल सह-उत्पादन कार्यक्रम तैयार करने संबंधी समझौता।

भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा रूसी संघ के परिवहन मंत्रालय के बीच सड़क परिवहन और सड़क उद्योग में द्विपक्षीय सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन।

भारत के नौवहन मंत्रालय और रूसी संघ के परिवहन मंत्रालय के बीच चेन्नई बंदरगाह तथा व्लादिरवोस्तक बंदरगाह के बीच समुद्री संचार के विकास के बारे में समझौता ज्ञापन।

रूसी संघ के ऊर्जा मंत्रालय और भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के बीच परिवहन के लिए प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल के बारे में समझौता ज्ञापन।

भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और रूसी संघ के ऊर्जा मंत्रालय के बीच तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के बारे में योजना तैयार करना।

रूस के सुदूर पूर्व में कोकिंग कोल खनन परियोजनाओं को लागू करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड और सुदूर पूर्व निवेश तथा निर्यात एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन।

निवेश सहयोग के लिए निवेश भारत और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के बीच सहयोग का समझौता।