प्रधानमंत्री की फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन की सफल यात्रा

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‘ऑर्डर ऑफ जायद’ और ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां’ से सम्मानित हुए नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 22 से 26 अगस्त के दौरान फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन की यात्रा की। उन्होंने फ्रांसीसी शहर बिआिरत्ज में 25 व 26 अगस्त को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। श्री मोदी को संयुक्त अरब अमीरात में ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ और बहरीन में ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां’ से सम्मानित किया गया।

फ्रांस यात्रा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में 22 एवं 23 अगस्त को द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए और जी-7 फ्रांसीसी अध्यक्षता में बिआिरत्ज में 25 व 26 अगस्त, 2019 को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री इमैनुअल मैक्रों के आमंत्रण पर फ्रांस की राजकीय यात्रा की।
भारत एवं फ्रांस वर्ष 1998 में रणनीतिक साझेदार बन गए और यह पारंपरिक संबंध स्थायी, भरोसेमंद, व्यापक और समान विचारधारा वाला है। भारत-फ्रांस संबंध ऐसे दो रणनीतिक साझेदारों के बीच पारस्परिक विश्वास पर आधारित है जो सदैव एक-दूसरे का साथ देते आए हैं।

दोनों पक्षों ने यह बात रेखांकित की कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों के साथ-साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति होती रही है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि भारत-फ्रांस प्रशासनिक आर्थिक एवं व्यापार समिति (एईटीसी) द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक संचालकों के हित में बाजार पहुंच से जुड़े मसले जल्द सुलझाने के तरीके बताने के लिए एक समुचित रूपरेखा उपलब्ध कराती है।

इस संबंध में फ्रांसीसी और भारतीय कंपनियों से जुड़े व्यापार एवं निवेश के मुद्दों को सुलझाने के कार्य को संयुक्त रूप से और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। दोनों राजनेताओं ने संयुक्त रूप से इस बात पर सहमति जताई कि उच्चस्तरीय फ्रांस-भारत आर्थिक एवं वित्तीय संवाद को नए सिरे से अतिशीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।

डिजिटल क्षेत्र में सहयोग

दोनों देश डिजिटल क्षेत्र में उस खुले, सुरक्षित और शांतिपूर्ण साइबरस्पेस के जरिये आर्थिक एवं सामाजिक विकास को आवश्यक सहयोग देते हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून लागू होता है। इसे ध्यान में रखते हुए दोनों राजनेताओं ने एक साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी रोडमैप को अपनाया जिसका उद्देश्य विशेषकर उच्च प्रदर्शन युक्त कंप्यूटिंग एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रणनीतिक क्षेत्रों में भारत-फ्रांस द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है। इसका लक्ष्य दोनों देशों के स्टार्ट-अप परिवेश को एक-दूसरे के करीब लाना है।

दोनों राजनेताओं ने भारत में 6 परमाणु ऊर्जा रियक्टरों के निर्माण के लिए जैतापुर, महाराष्ट्र में वर्ष 2018 में दोनों पक्षों के बीच ‘औद्योगिक आगे की राह समझौता’ होने के बाद एनपीसीआईएल और ईडीएफ के बीच वार्ता में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने फिर से इस बात की पुष्टि की कि वे बातचीत को सक्रियतापूर्वक जारी रखने के लिए संकल्पबद्ध हैं, ताकि इन्हें जल्द पूरा किया जा सके। उन्होंने ‘नाभिकीय ऊर्जा साझेदारी के लिए वैश्विक केंद्र’ के साथ सहयोग हेतु परमाणु ऊर्जा विभाग और फ्रांसीसी वैकल्पिक ऊर्जा तथा परमाणु ऊर्जा आयोग (सीईए) के बीच सहमति पत्र को जनवरी, 2019 में 5 साल और बढ़ाने का स्वागत किया।

भारत और फ्रांस के बीच रक्षा उद्योग में सहयोग

रक्षा उद्योग में सहयोग भारत और फ्रांस के बीच सामरिक साझेदारी का एक मुख्य आधार है। भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति ने हस्ताक्षरित समझौतों के कार्यान्वयन, विशेषकर इसी वर्ष से प्रथम राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी करने की दिशा में हुई प्रगति पर काफी संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने बड़े संतोष के साथ यह बात रेखांकित की कि भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) बड़ी तेजी से फ्रांस के रक्षा एवं एयरोस्पेसमूल उपकरण निर्माताओं की वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं (सप्लाई चेन) का हिस्सा बनते जा रहे हैं। दोनों पक्षों ने इस रुझान को आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

भारत और फ्रांस ने व्हाइट शिपिंग एग्रीमेंट के कार्यान्वयन के लिए गुरुग्राम के इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर-इंडियन ओसीन रिजन (आईएफसी-आईओआर) में फ्रांसीसी अधिकारी की नियुक्ति का स्वागत किया।
फ्रांस और भारत अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में प्रमुखता से सहयोग प्रदान करते है। दोनों देश अफगानिस्तान में समावेशी शांति और परस्पर विचार-विमर्श का समर्थन करते है। शांति प्रक्रिया अफगान के नेतृत्व में और अफगान के नियंत्रण में होनी चाहिए। इससे राजनीतिक समाधान स्थायी होगा।

लोगों ने नए भारत के निर्माण के लिए मजबूत जनादेश दिया है : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव का प्रचंड जनादेश सिर्फ एक सरकार को नहीं, बल्कि एक ऐसे ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण के लिए है, जो कारोबार की सुगमता के साथ बेहतर जीवनयापन पर केन्द्रित हो।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फ्रांस में 1950 और 1960 के दशक में एयर इंडिया के दो विमान हादसों में मारे गये लोगों के सम्मान में एक स्मारक का उद्घाटन करने के बाद यूनेस्को मुख्यालय में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ में भ्रष्टाचार, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के बारे में स्पष्ट संकेत करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत में अस्थायी चीजों के लिए कोई जगह नहीं है। आपने देखा होगा कि 1.25 अरब लोगों के देश, महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, राम, कृष्ण की भूमि में, उसे हटाने में 70 साल लग गए, जो अस्थायी था।”

उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के 2030 तक के ज्यादातर लक्ष्यों को अगले डेढ़ साल में ही हासिल कर लेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 2025 में क्षय रोग (टीबी) से मुक्त हो जाएगा।

जी-7 शिखर सम्मेलन, बिआरित्ज (फ्रांस)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा: कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं, ट्रंप ने सहमति जताई

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। श्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की गुंजाइश को 26 अगस्त को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है तथा ‘‘हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते।”

श्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। श्री ट्रंप ने श्री मोदी की इस बात का तुरंत समर्थन किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर समस्या का खुद समाधान कर सकते हैं।

दोनों नेता जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर और अपनी औपचारिक बैठक से पहले रातभर चली वार्ता के बाद मीडिया के समक्ष एक साथ उपस्थित हुए।

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के भारत सरकार के फैसले के बाद मोदी और ट्रंप की यह पहली मुलाकात थी।

श्री मोदी ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच ये सभी मुद्दे द्विपक्षीय प्रकृति के हैं और हम किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते। हम द्विपक्षीय रूप से इन मुद्दों पर चर्चा कर इनका समाधान कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान 1947 से पहले साथ थे और उन्हें विश्वास है कि दोनों पड़ोसी अपनी समस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान कर सकते हैं।

श्री मोदी ने कहा, ‘‘चुनावों के बाद जब मैंने प्रधानमंत्री खान से बात की तो मैंने उनसे कहा कि पाकिस्तान को गरीबी के खिलाफ लड़ना है, भारत को भी इससे लड़ना है। पाकिस्तान को अशिक्षा और बीमारी से लड़ना है और भारत को भी उनसे मुकाबला करना है…मैंने उनसे कहा कि हमें अपने लोगों के कल्याण के लिये काम करना चाहिए।”

वहीं, श्री ट्रंप ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने बीती रात कश्मीर के बारे में ‘‘काफी विस्तार” से बात की तथा उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान खुद ही इसका समाधान कर सकते हैं।
श्री ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने बीती रात कश्मीर के बारे में बात की, प्रधानमंत्री को वास्तव में यह लगता है कि यह (स्थिति) उनके नियंत्रण में है। उन्होंने पाकिस्तान से बात की और मुझे विश्वास है कि वे कुछ ऐसा करेंगे जो काफी अच्छा होगा।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा, ‘‘हम व्यापार के बारे में बात कर रहे हैं, हम सैन्य और कई दूसरी चीजों पर बात कर रहे हैं। हमारे बीच कुछ शानदार चर्चा हुई, हम रात्रिभोज के लिये बीती रात साथ में थे और मैंने भारत के बारे में काफी जाना।”

श्री मोदी ने हाल के चुनाव में उनकी जीत पर ट्रंप द्वारा उन्हें बधाई दिए जाने के लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया और कहा कि दोनों देशों के ‘‘साझा लोकतांत्रिक मूल्य” हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति श्री ट्रंप की बातचीत के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव श्री विजय गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच 40 मिनट तक ‘‘बेहद उत्साहवर्धक, बेहद सकारात्मक बैठक” हुई। इस साल मई में प्रधानमंत्री श्री मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद यह दोनों नेताओं के बीच तीसरी बातचीत थी।

प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किये गये समझौता ज्ञापनों की सूची

भारत के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और फ्रांस गणराज्य के नेशनल एजुकेशन एंड यूथ मंत्रालय के बीच कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए सहयोग में प्रशासनिक प्रबंध।

भारत के नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय के सौर ऊर्जा राष्ट्रीय संस्थान और फ्रेंच ऑल्टरनेटिव एनर्जीज एंड एटोमिक एनर्जी कमीशन (सीईए) के बीच समझौता ज्ञापन।

इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी वैज्ञानिक सोसाइटी प्रगत संगणन विकास केन्द्र (सी-डैक) और एटीओएस के बीच सहयोग का समझौता।

संयुक्त समुद्री क्षेत्र जागरूकता के लिए इसरो और सीएनईएस फ्रांस के बीच कार्यान्वयन प्रबंध।

बहरीन यात्रा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 अगस्त को बहरीन का दौरा किया। भारतीय समुदाय से भी उन्होंने संवाद किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बहरीन दौरे के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। बहरीन में समकक्ष प्रिंस खलीफ बिन सलमान अल खलीफा के साथ बातचीत के दौरान अपने द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम दिए जाने की बात कही। इसके अलावा श्री मोदी ने बहरीन में रुपे कार्ड भी लॉन्च किया।
भारत और बहरीन ने 24 अगस्त को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई। गौरतलब है कि किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला बहरीन दौरा था। उन्हें प्रिंस खलीफा ने विशेष आदर देते हुए हवाई अड्डे पर रिसीव किया।

बहरीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला
‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनसां’ सम्मान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को 24 अगस्त को बहरीन में ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनेसां’ से सम्मानित किया गया। श्री मोदी ने यह सम्मान मिलने पर कहा, ‘मैं द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां पाकर बहुत सम्मानित और भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। मैं मेरे लिए और मेरे देश के लिए आपकी मित्रता से भी उतना ही सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं 1.3 अरब भारतीयों की ओर से इस प्रतिष्ठित सम्मान को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।’

यूएई में ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए 24 अगस्त को उन्हें संयुक्त अरब अमीरात के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित किया गया। श्री मोदी को यह सम्मान अबू धाबी में अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद नाहयान द्वारा दिया गया।

सम्मान मिलने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ऑर्डर ऑफ जायद पुरस्कार से सम्मानित होकर बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं। यह पुरस्कार भारत के सांस्कृतिक लोकाचार के लिए है और यह 130 करोड़ भारतीयों को समर्पित है। इस सम्मान के लिए मैं यूएई सरकार को धन्यवाद देता हूं।’ इससे पहले कई विश्व नेता इस सम्मान से सम्मानित हुए हैं, जिनमें रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमीर पुतिन, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और चीन के राष्ट्रपति श्री शी चिनफिंग शामिल हैं।