एशियाई विकास बैंक द्वारा पूर्वी तट आर्थिक गलियारे के लिए 375 मिलियन डॉलर का ऋण

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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने 800 किलोमीटर लंबे विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे (कॉरिडोर) को विकसित करने के लिए 375 मिलियन डॉलर के ऋण एवं अनुदान करार पर हस्ताक्षर किए, जो एक नियोजित 2500 किलोमीटर लंबे पूर्वी तट आर्थिक गलियारे (ईसीईसी) का प्रथम चरण है। इस गलियारे से भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति के अनुरूप भारत के पूर्वी तट पर विकास की रफ्तार बढ़ने की आशा है, ताकि एशिया के गतिशील वैश्विक उत्पादन नेटवर्कों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने के लिए विनिर्माण एवं ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को नई गति प्रदान की जा सके। हाल ही में उपर्युक्त करार पर हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले एडीबी ने विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे को विकसित करने के लिए सितंबर, 2016 में 631 मिलियन डॉलर के ऋणों एवं अनुदानों को मंजूरी दी थी।

एडीबी द्वारा स्वीकृत किए गए ऋणों में गलियारे के आस-पास स्थित चार प्रमुख केन्द्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 500 मिलियन डॉलर की बहु-किस्त सुविधा भी शामिल है। इन चार प्रमुख केन्द्रों में आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखापत्तनम, काकीनाडा, अमरावती और येरपेडु-श्रीकलहस्ती शामिल हैं। 245 मिलियन डॉलर की पहली किस्त पर आज हस्ताक्षर किए गए, जिससे इस गलियारे के चार केन्द्रों में से दो केन्द्रों में उच्च गुणवत्ता वाले आंतरिक बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी उप-परियोजनाओं का वित्त पोषण किया जाएगा। इन दो केन्द्रों में से विशाखापत्तनम और येरपेडु-श्रीकलहस्ती शामिल हैं। 23 फरवरी, 2017 को हस्ताक्षरित किए गए एडीबी कोष का एक अन्य हिस्सा 125 मिलियन डॉलर के नीति आधारित ऋण के रूप में है, जिसका इस्तेमाल गलियारे के प्रबंधन में संलग्न संस्थानों के क्षमता विकास, कारोबार में आसानी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सहायता देने और औद्योगिक विकास की गति बढ़ाने के लिए औद्योगिक एवं क्षेत्र संबंधी नीतियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने में किया जाएगा।

भारत सरकार की तरफ से इस ऋण करार पर हस्ताक्षर करने वाले वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थान) राज कुमार ने कहा, ‘यह परियोजना गलियारे की विकास प्रक्रिया के साथ-साथ मेक इन इंडिया के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर है।’

एडीबी के ऋणों के साथ-साथ बहु-दानदाता शहरी जलवायु परिवर्तन लचीला ट्रस्ट फंड की ओर से 5 मिलियन डॉलर के अनुदान के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस फंड का प्रबंधन एडीबी द्वारा किया जाता है और जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से जुड़े लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। भारत सरकार 846 मिलियन डॉलर की परियोजना के लिए 215 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएगी।